होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अज्जोवाल में स्कूल इंचार्ज स्टेट अवार्डी लेक्चरर शरणदीप कौर की अध्यक्षता मे विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह मनाया गया। समापन कार्यक्रम में मैडम अर्चना तथा कुलविंदर कौर मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल व्यक्ति को खुश और समृद्ध जीवन जीने में मदद करती है। स्ट्रेस या तनाव एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है। जिसका जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में इस विकार के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
सभी लोगों के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। दोनों स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, यानी अगर आप स्ट्रेस-एग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याओं के शिकार हैं, तो इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाले हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान जीवनशैली में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण लोग मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर प्रभाव डालने के साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाते हैं। डिप्रेशन के शुरुआती संकेतों पर प्रकाश डालते हुए लेक्चरर शरणदीप कौर तथा मैडम रजनीश ने कहा कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को किसी भी काम या एक्टिविटी को करने में ना तो कोई मजा आता है और ना ही कोई रुचि होती है।
व्यक्ति की भूख में बदलाव देखने को मिलता है. इसके कारण व्यक्ति का एकदम से वजन कम होना या बढ़ना शुरू हो जाता है| डिप्रेशन में नींद की समस्या काफी आम है। व्यक्ति की ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजें याद रखने की क्षमता को खराब कर सकता है, जिससे उनके काम पर असर पड़ सकता है। डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर नकारात्मक विचारों, अपराधबोध या बेकार की फीलिंग्स और भविष्य के बारे में निराशा की भावना का अनुभव करते हैं। लोगों में चिड़चिड़ापन और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना नजर आ सकता है। डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति खुद को दोस्तों, रिश्तेदारों और सोशल एक्टिविटीज से पूरी तरह से दूर कर लेते हैं।