कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी, एनसीएसटीसी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भारत सरकार के सहयोग से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को कम लागत वाली शिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित की जा रही सात कार्यशालाओं के पहले तीन दिनों के दौरान कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 16 से 18 अक्टूबर 2023 तक चलने वाली यह कार्यशाला भारत सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा अनुमोदित एक व्यापक श्रृंखला का हिस्सा है।इस उद्घाटन कार्यशाला में पंजाब के विभिन्न जिलों से 50 शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला के दौरान साइंस सिटी के निदेशक डा. राजेश ग्रोवर ने विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति उत्साह पैदा करने की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विज्ञान को कक्षा में आकर्षक और आकर्षक बनाने के लिए कम लागत वाली शिक्षण सामग्री का समावेश परिवर्तनकारी संभावनाओं के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नवोन्मेषी उपकरण जहां छात्रों को काम में व्यस्त रखते हैं, जल्दी सीखते और समझते हैं और विज्ञान के सिद्धांतों को याद करने की पारंपरिक पद्धति को खत्म करते हैं, वहीं उपकरण छात्रों में उत्साह पैदा करते हैं। उद्धृत शोध ने शिक्षकों को याद दिलाया कि विज्ञान संचार के प्रभावी दृश्य मीडिया के साथ हम जो भी करते हैं उसका 90 प्रतिशत याद रखा जाता है। इस अवसर पर, यमन नगर के विषय विशेषज्ञ दर्शन लाल बवेज़ ने एक शिक्षण सामग्री तैयारी सत्र का आयोजन किया, जहां शिक्षकों ने सैद्धांतिक समझ बढ़ाने और छात्रों के बीच रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रदर्शन करने के लिए अपने स्वयं के शिक्षण उपकरणों का उपयोग किया।
जानें कि तैयारी कैसे करें इस अवसर पर बवेजा ने अपने अनुभव साझा किये तथा शिक्षकों को गतिशील माध्यम अपनाने हेतु प्रेरित करने हेतु सुझाव दिये।इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक वैज्ञानिक-डॉ. डी. मोनिश सोइन ने आये हुए शिक्षकों को धन्यवाद दिया और कम लागत वाली शिक्षण सामग्री के महत्व पर जोर दिया और कहा कि वे कक्षा का एक अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी विज्ञान शिक्षा में परिवर्तनकारी पहल के लिए प्रतिबद्ध है और यहां आयोजित होने वाली शिक्षकों की कार्यशालाएं पंजाब के सभी छात्रों के लिए एक प्रभावी शिक्षण अवसर बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।