होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दशहरा उत्सव के तीसरे दिन भगवान राम और लक्ष्मण ने ताडक़ा आदि राक्षस का वध करने के बाद महर्षि विश्वामित्र के साथ गंगा पूजन किया, उसके बाद वे राजा जनक की नगरी जनकपुरी पहुंचे, जनकपुरी को नवविवाहित दुल्हन की तरह सजाया गया था। जब राजा जनक ने महर्षि विश्वामित्र के आगमन का समाचार सुना तो वे अपने मन्त्रियों तथा पुरोहितों सहित उनका स्वागत करने के लिये पहुंचे। राजा जनक ने उनके साथ आये बालकों से परिचय जानना चाहा। महर्षि ने बताया कि वे राजा दशरथ के पुत्र श्री राम और लक्ष्मण हैं।
महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से पुष्प वाटिका पहुंचे, जहां जनक दुलारी सीता जी भी अपनी सखियों के साथ गौरी पूजन के लिए फूल लेने आई थीं। जहां सीता और राम जी ने एक दूसरे को वर्ण कर लिया और सीता जी ने गौरी मां के आगे प्रार्थना की। इस प्रकार का वर्ण राजकुमार मेरा वर्ण करे। इस लीला मंचन के बाद मुख्य अतिथि नरेश अग्रवाल, गौतम अग्रवाल, राघव अग्रवाल ने अपने परिवार सहित आरती की और प्रसाद वितरित किया। श्री राम लीला कमेटी के पदाधिकारी ने अग्रवाल परिवार को स्मृति चिन्ह व सरोपा देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रधान गोपी चंद कपूर, चेयरमैन शिव सूद, मुख्य सचिव प्रदीप हांडा, डा. बिंदु कुमार शुक्ला, संजीव एैरी, राकेश सूरी, कमल वर्मा, राजिंदर मोदगिल, राकेश डोगरा, तरसेम मोदगिल, अरुण गुप्ता, नवदीप अग्रवाल, कुणाल चतुर्थ, वरुण कैंथ, कपिल हांडा, हरीश आनंद, मनोहर लाल जैरथ, दीपक शारदा, रघुवीर बंटी, शम्मी वालिया, सुशील पडियाल, दविंद्रनाथ बिंदा, कृष्ण गोपाल मोदगिल, मनोज दत्ता, कृष्ण गोपाल आनंद, अजय जैन, शिव जैन, शुभंकर शर्मा, छोटा अश्वनी, भारत भूषण वर्मा, पवन शर्मा, पंडित दर्शन लाल काका, विनोद पसान सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।