पूर्ण सद्गुरु की छत्र छाया तले ही सुदृढ़ चरित्रवान मानवों का निर्वाण सम्भव है: सौम्या भारती

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा प्राचीन शिव मंदिर में नौ दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। जिस में दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी सौम्या भारती जी ने कथा के आठवें दिन कहा कि वह परमात्मा जब इस धरा पर अवतार लेकर आते है। तो भक्त उनको अनेकों भाव से भजते है,और भाव रूपी  पात्र अलग अलग होने के कारण भक्त और भगवान के संबंध भी बड़े अद्भुत रूपों में सामने आते है। कहीं प्रभु को दशरथ, कौशल्या, यशोदा और नंद बाबा जैसे भक्त वात्सल्य भाव से देखते हैं। तो कहीं हनुमान, भरत, विभीषण, तुलसीदास जी प्रभु को स्वामी मानकर उनके प्रति दास्य भाव रखते है। गोपियों व राधिका जी ने प्रभु के प्रति मधुर भाव रखा। वहीं ऋषियों मुनियों ने उन्हें निराकार तत्व का साकार रूप जाना। वहीं कुछ भक्त ऐसे भी होते है, जो प्रभु की भक्ति के रंग में ऐसे रंग जाते है कि प्रभु खुद उन्हे अपना नाता प्रदान करते हैं।

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साध्वी जी ने कहा कि ऐसा ही नाता प्रभु ने प्रदान किया सुग्रीव को। जिसे पाकर सुग्रीव का भय मिट गया। इसलिए शास्त्र कहते हैं कि इंसान का सच्चा मित्र तो भगवान ही है। उसे ही अपना मित्र बनाना चाहिए, जो उसका सच्चा साथी है, और साध्वी जी ने कहा कि प्रभु श्री राम जी लक्ष्मण जी के माध्यम से उच्च चरित्र की प्रेरणा देते है। क्योंकि चरित्र एक बहुमूल्य निधि हैं। जो व्यक्ति के व्यवहार को परिलक्षित करती है। किसी भी देश की उन्नति बाहरी व्यवस्थाओं, धन से, खनिज पदार्थों से उपजाऊ भूमि से ही नहीं होती,अपितु उसमे रहने वाले चरित्रवान लोगों का भी पूर्ण योगदान होताहै। किंतु आज मानव धन के लोभ में अपनी मान मर्यादा सब खोते चले जा रहा है। नैतिकता, सत्यता, चरित्र आदि शब्द अरुचिकर लगने लगे है। किंतु हम भूल गए कि किसी भी राष्ट्र का सांस्कृतिक भवन इन्ही आदर्शों एवम शाश्वत जीवन मूल्यों की नीव पर ही सुदृढ़ खड़ा रह सकता है।

चरित्रवान पुरुष ही धर्म संस्थापना का श्रेष्ठ कार्य कर सकते हैं, सर्वेश्वर भगवान ने अपने रामावतार में यही कार्य करके हमारे समक्ष सर्वोत्कृष्ट अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत किया हैं। इसीलिए हमे भी उच्च चरित्र का धनी बनना होगा। तभी अच्छे समाज का सृजन हो सकता है। कथा में साध्वी जगदीश भारती जी, साध्वी शुभानंदा भारती जी, साध्वी सतिंदर भारती जी ने सुमधुर कंठ से भजनों का गायन किया जिस से भगतों ने खूब आनद प्राप्त किया। संस्थान की ओर से साध्वी संदीप भारती जी ने आए हुए भक्तो का धन्यवाद किया और आगामी दिनों में भी इसी उलास के साथ कथा में आने का निमंत्रण दिया। कथा के अंत में  विशेष अतिथि श्री निवास कुकु (MC),  राजेश खिंदरीया जी मंदिर कमेटी प्रधान और इनके साथ और भी महानुभावों ने प्रभु की आरती कर प्रभु का  आशीर्वाद प्राप्त किया। अंत में सभी के लिए लंगर का प्रबंध भी किया गया।

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