कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान शाखा कपूरथला के अंदर साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार सिंह, साहिबजादा फतेह सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह के शहीदी दिवस को समर्पित विशाल समागम किया गया जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य शूरवीर सिंह जी ने बताया शाही शहंशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों ने जो अमर और लासानी शहादतें दी उनके उदाहरण विश्व भर के संपूर्ण इतिहास में कहीं भी देखने को नहीं मिलती। साहिबजादा अजीत सिंह और जुझार सिंह समेत 40 सिखों ने दुश्मन की लाखों की गिनती की फौज के साथ युद्ध करके उनको लोहे के चने चबा दिए ।इस तरह सरहिंद की दीवार में छोटे साहिबजादे , साहिबजादा जोरावर सिंह, साहिबजादाा फतेह सिंह ने इतिहास में नया मिल पत्थर स्थापित कर दियाl
श्री गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपना आप कुर्बान कर दिया इसी परंपरा को कायम रखते श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने अपना संपूर्ण परिवार ही धर्म को समर्पित कर दिया साहिबजादों ने मौत के दुख और जिंदगी के सुखों के लालच को त्यागते हुए निडर रहकर जिस तरह कुर्बानियां दी दुनिया के इतिहास में ऐसी अन्य कोई भी उदाहरण हमें देखने को नहीं मिलेगी किसी विद्वान का कहना है कि संसार के अंदर वह कौन कभी भी जिंदा नहीं रह सकती जिसमें कुर्बानी करने का जज्बा नहीं होता जिस कौम में देश धर्म मानवता की रक्षा करने वाला कुर्बानियां का इतिहास होता है वह कौन संसार में सूर्य की तरह चमकते हैंl
किंतु यह इतिहास की शहादते केवल मात्र नमन करने के लिए नहीं अपितु आज की युवा पीढ़ी के लिए एक बहुत जीवंत प्रेरणा है संसार के सुखों का त्याग करते हुए मृत्यु को हंसकर गले लगा लेना यह शूरवीरों का ही काम होता है मानवी आजादी के लिए की गई इस महान शहादत और त्याग को यह संपूर्ण मानवता सदैव अपने हृदय में याद रखेगी और ऐसी शहादतों के सामने प्रत्येक मानव का सर सदैव झुकता रहेगा आज हम सभी यहां पर बैठकर उन शहीदों को शत-शत नमन करते हैं छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी कुर्बानियां की गाथा सुनकर बड़ी गिनती में पहुंची हुई संगत की आंखें भी नाम हो गई कार्यक्रम के दौरान पहुंची हुई संगत के लिए लंगर प्रसाद का वितरण किया गयाl