होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में पंजाब सरकार की कारगुजारी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि हाल ही में एमएसएमई तथा ईपीसी द्वारा जारी रिपोर्ट में पंजाब की 2022-23 साल के दौरान शर्मनाक स्थिति सामने आई है। इस रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब में जो भारी निवेश लाने के नाटक रच रहे हैं, उसमें कोई दम नहीं है. इसके द्वारा मात्र पंजाबियों को चिकनी-चुपड़ी बातों से गुमराह किया जा रहा है। पंजाब की वित्तीय स्थिति का आलम यह है कि गत वर्ष 85% निवेश घटने से पंजाब में कारोबार की हालत पतली हो गई है, जिससे सरकार के सरकारी कोष में भारी घाटा देखने को मिलेगा तथा बेरोजगारों की संख्या में तेजी से उछाल आएगा।
उन्होंने कहा कि आप सरकार से पहले पंजाब में 2021-22 के साल में 23650-55 करोड़ का निवेश दर्ज हुआ जो कि आप सरकार के कार्यकाल के दौरान 3492 करोड़ तक सीमट कर रह गया, जो कि पिछले निवेश का केवल 15% है। इतना ही नहीं पंजाब में पिछले वर्ष 1.39 लाख करोड़ की इकाइयां दूसरे राज्यों में स्थानांतरित हो गई। जिसका मुख्य कारण पंजाब में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की सरकार की उद्योग तथा व्यवसाय की प्रतिकूल नीतियां भी है।
इस समय पंजाब में नई औद्योगिक इकाइयां लगाने वालों तथा नए कारोबारियों को सरकारी दफ्तरों में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों में इसके बिलकुल उल्टा व्यवसाइयों कारोबार के अनुकूल वातावरण मिल रहा है। भारी भरकम कर्जे में डूबे पंजाब के लिए निवेश में भारी गिरावट की खबर अत्यंत दुखदाई है।।