अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब में और पूरे देश में कोई विरला ही ऐसा मंदिर होगा जहां हिंदू धर्म और देश के लिए शहीद होने वाले वीरों की प्रतिमा लगाई गई हो या उन्हें याद किया जा रहा हो। मेरी जानकारी के अनुसार हरिद्वार जी में स्वामी सतमित्रानंद जी द्वारा बनाए गए भारत माता मंदिर में ही शहीदों, वीरों और क्रांतिकारी भारत के बेटे बेटियों को स्थान मिला है। मेरा देश के समूह संत समाज से और सभी मंदिरों के प्रमुखों से नम्र निवेदन है कि वे अपने अपने मंदिर में देश और प्रदेश के जो भी बड़े बड़े बलिदानी वीर हुए हैं उनकी प्रतिमा लगाएं। उनसे सम्बद्ध साहित्य बांटें।
कथाओं में भी उनके बलिदान की कथा सुनाई जाए और साथ ही इन वीरों की पूजा भी इसी तरह की जाए जैसे धर्म और देश के रक्षकों की होती है। यह याद रखना होगा कि अगर आज हम गौरव से हिंदू हैं और गुलामी के काले दिनों में जो अपमान मिला उसको मिटाकर श्रीराम मंदिर जैसा गौरवमयी निर्माण हम देख रहे हैं तो उन वीरों के कारण ही है जिन्होंने देश और धर्म के हित बलिदान दिया। अगर अपने धर्म, संस्कृति और समाज को जीवित रखना है तो मंदिरों में केवल धार्मिक दृष्टि से पूजा ही काफी नहीं, अपितु राष्ट्रीय भाव भी मंदिरों में ही बच्चों में पैदा करने होंगे। मेरी सभी मंदिरों के प्रमुखों से, देश के महान संतों से, शंकराचार्य जी से यह प्रार्थना है कि देश में राष्ट्र और राष्ट्र के बलिदानी वीरों का संदेश घर घर में पहुंचाने के लिए अपने मंदिरों को शहीदों का केंद्र भी बनाएं।