केंद्र सरकार के फैसले से 24 लाख छात्र घातक कोरोना महामारी से हो सकते हैं संक्रमित : एनएसयूआई

अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। अपनी छात्र विरोधी नीतियों के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए पंजाब एनएसयूआई के अध्यक्ष अक्षय शर्मा ने गुरुवार को कहा कि 24,00,000 छात्रों के भविष्य को मोदी द्वारा खतरे में डाला जा रहा है, जब कि उनका खुद का कहना है कि ‘जान है तो जहान है’। अमृतसर में एनएसयूआई के युवा उपाध्यक्ष विवान, शोभित बब्बर और राजीव छाबड़ा द्वारा बीजेपी कार्यालय के बाहर एक विरोध मार्च निकालते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल का पुतला जलाने के बाद अक्षय शर्मा ने कहा मोदी द्वारा छात्रों को घातक कोरोना महामारी से संक्रमित होने के लिए मजबूर कर रहे हैं, महामारी से दुनियाभर में 8 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

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हमारी सुरक्षा या छात्र भाईयों एवं बहनों की जान के $खतरे को देखते हुए, मैं यह मांग करता हुँ कि नीट और जेईई दोनों ही परीक्षाओं को तुरंत स्थगित किया जाना चाहिए, अक्षय ने कहा। हमारे देश में रोजाना 70,000 संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और इस जानलेवा बीमारी से हम पहले ही 50 हज़ार से अधिक जान गंवा चुके हैं। अक्षय ने आगे कहा कि अगर परीक्षा के बाद फिर से मामले बढऩे लगे तो क्या होगा। अक्षय ने कहा कि मोदी की नीतियों से अगर एक भी छात्र कोविड से संक्रमित हुआ तो कौन जि़म्मेदार होगा। उन्होंने पिछले हफ्ते इन परीक्षाओं के आयोजन के खि़लाफ़ विरोध प्रदर्शन में तमिलनाडु के एक युवा छात्र द्वारा आत्महत्या करने का जिक्र करते हुए कहा कि दुख की बात है कि हमारे पीएम के हाथ छात्रों के खून से सने हैं।

इसके अलावा, राज्यों में परिवहन जैसी वास्तविक समस्याएं हैं जो बाढ़ से घिरे हैं। बिहार, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, अक्षय ने कहा कि उन क्षेत्रों के छात्रों को परीक्षा के लिए बाहर आने के लिए कहना इन परिस्थितियों में अत्याचार है। विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले एनएसयूआई के सदस्यों में जेपी, विवान, शोभित बब्बर और राजीव छाबड़ा शामिल थे।

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