सरकार है तो साकार हैः रात 10 बजे भी काम में डटे पाए गए बीडीपीओ कर्मचारी, न जाने मीडिया देख क्यों भागे…??? हलका चब्बेवाल…

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शाम के 5 बजते ही या उससे कुछ समय पहले ही अपना झोला उठाकर घरों को प्रस्थान करने वाले सरकारी कर्मचारी अगर रात के समय कार्यालय में बैठकर काम निपटा रहे हों तो समझ जाना चाहिए कि या तो दाल में कुछ काला है या फिर पूरी की पूरी दाल ही काली है। जी हां, कुछ एसा ही देखने को मिला बीडीपीओ कार्यलय ब्लाक-2 में, जहां पर देर रात तक कर्मचारी ही नहीं बल्कि अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहकर काम निपटाते हुए दिखे। हालांकि, न जाने एसा क्या हुआ कि मीडिया को देखते ही काम छोड़ घरों को दौड़ने लगे। अब इसका सही जवाब तो उन्हीं के पास होगा कि आखिर वह कौन सा काम निपटा रहे थे। फिलहाल आपको बता दें कि सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी अनुसार हलका चब्बेवाल के विधायक डा. राज कुमार जोकि कांग्रेस पार्टी से संबंधित थे, द्वारा आज ही आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया गया तथा उनके हलके से संबंधित कुछ ग्रांटों का काम निपटाने और वोट बैंक को मजबूत करने के लिए जरुरी कार्य निपटाए जा रहे थे, जिसके लिए अधिकारी एवं कर्मचारी तनदेही से जुटे हुए थे। हमारी टीम को इसकी जानकारी मिलने पर जब टीम कार्यलय पहुंची तो वहां पर मौजूद अधिकारी एवं कर्मियों ने यह कहकर कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने वाली है तथा उसी से संबंधित चिट्ठियां जारी करने हेतु कार्य किया जा रहा है ताकि संहिता की उलंघना न हो। लेकिन ग्रांटें ट्रांसफर किए जाने के सवाल पर वह सटीक जवाब नहीं दे पाए और एक-एक करके खिस्कने लगे। मौके पर मौजूद अधिकारी ने भी कुछ कहने से इंकार करते हुए वहां से जाने में भलाई समझी।

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आपको बता दें कि हलका चब्बेवाल द्वारा कच्चे मकानों की छतों की मरम्मत के लिए आवास योजना के तहत सैंक्शन लैटर जारी किए गए थे, लेकिन उन्हें लेकर कुछ विवाद हो गया था। उसी विवाद को निपटाने के लिए लाभपात्रियों के खाते में लाभ की राशि डाले जाने के लिए सरकार द्वारा जारी मौखिक निर्देशों पर काम निपटाने के लिए युद्ध स्तर पर कर्मी जुटे हुए थे। लेकिन मीडिया के जाते ही काम रोककर सभी घरों को प्रस्थान कर गए। अब सवाल यह है कि अगर वह आफ दा रिकार्ड आवास योजना से जुड़ी ग्रांट संबंधी काम कर रहे थे तो कर्मचारी काम छोड़कर बीच में ही क्यों चले गए तथा अगर वह आदर्श चुनाव आचार संहिता संबंधी कार्यलय का काम निपटा रहे थे तो भी वह काम छोड़कर क्यों चले गए। एसे में साफ हो जाता है कि दाल में कुछ तो काला रहा होगा।

खैर चर्चा है कि डा. राज कुमार द्वारा आज ही आम आदमी पार्टी का दामन थामा गया था तथा मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया होगा ताकि कहा जा सके कि वे ही जनता के सच्चे नेता के रुप में स्थापित हैं और रहेंगे।

भले ही अधिकारी सटीक जवाब न दे पाएं हों, लेकिन इस सबंधी डा. राज से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से आवास योजना की ग्रांट लाभपात्रियों के खाते में डालने की बात की थी तथा हो सकता है कि उससे संबंधित ही काम हो रहा हो। उन्होंने कहा कि वह जनता की भलाई चाहते हैं। उन्होंने बताया कि आवास योजना से जुड़ी जांच व कुछेक अन्य मामलों की जांच भी चल रहीं थी, जिनमें क्लीन चिट मिल चुकी है तथा जिलाधीश कह चुकी हैं कि इनमें सरकार को आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है।

दूसरी तरफ पता चला था कि इस काम को निपटाने के लिए एक बैंक भी देर रात तक खुला रहा, लेकिन मीडिया की भनक लगते ही वह भी बंद करके चले गए। अब इस बात में कितनी सच्चाई है कि काम ग्रांटों का ही हो रहा था या फिर दफ्तरी, यह तो अधिकारी जानें, लेकिन रात के समय तेजी से निपटाए जा रहे कार्य को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म हो गया है कि सरकार है तो सब साकार है।

एक राजनेता का कहना है कि वह इस बात की जांच की मांग करेंगे कि 14-15 की रात को तथा आदर्श चुनाव आचार सहिंता लगने से पहले तक कुछ ही समय में कितने लोगों को योजना के लाभ की राशि दी गई।

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