झूठे वादो का पुलिंदा जुमला बजट: दलितों व पिछडिय़ों के साथ बेइंसाफी: विधायक डा. राज

होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। विधायक चब्बेवाल डा. राज कुमार ने केन्द्रीय बजट में दलितों तथां पछङयो से संबंधित घोषणाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी जी देश के अल्प संख्यक लोगों को गुड़ की डली में कुनैन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ रकम दलितों के लिए आरक्षित करके सरकार की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती।

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इस रकम को लक्ष्यबद्ध योजनाओं में लगाना भी जरुरी है। उन्होंने कहा कि बजट में नई घोषित की गई दलितों के लिए 36 योजनाओं में सिर्फ 8 तथा पिछडिय़ों की 700 योजनाओं में से सिर्फ 15 योजनाएं उचित हैं। जिनका सीधा लाभ लोगों को मिल सकता है? अलाट किए गए 50 प्रतिशत फंड नामाङ्क्षफक हैं । यह योजनाएं दलित भाईचारे की जरुरत के अनुसार नहीं बनाई गईं। जैसेकि झारखंड की सडक़ों के लिए 2700 करोड़ रुपये एस.सी./एस.टी बजट में आरक्षित किया गया है, जबकि सडक़ों के खर्च को उस संबंधित विभाग से डाला जाना चाहिए था ।

झ्स स्कीमों का सीधा लाभ दलितों को पहुंचाया जाए। इसके साथ ही 8 बेहद महत्वपूर्ण योजनाओं में फंड कम कर दिए गए हैं, जैसे कि नैश्नल सफाई कर्मचारी कारपोरेशन के फंड 50 करोड़ से कम करके 30 करोड़ कर दिए गए हैं तथा अल्प संख्यक कार्य मंत्रालय की नई मंजिलें योजना के भी 36 करोड़ रुपए के फंड कम कर दिए हए हैं और योजना स्टैंडअप इंडिया के भी 20 करोड़ रुपये कम कर दिए गए हैं। इस तरह के रवैये से मोदी सरकार ने अपना दलित पक्षीय नकारात्मक रवैया साफ कर दिया है। डा. राज ने कहा कि बजट में कटौती के अलावा जो एकलव्य स्कूल योजना की बात की गई है वह बेहद नकारात्मक पक्ष दर्शाती है। इस स्कूल के माध्यम से भाजपा भारत को सदियों पीछे लेकर जा रही है।

जिस समय छूआ-छूत के चलते दलितों को बाकी समाज से अलग रखा जाता था। क्यों सरकार एकलव्य की बजाये नवोदय माडल अपनाकर पढ़ाई के समान अधिकार नहीं देना चाहती। डा. राज ने केन्द्र सरकार तथा इस बजट की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को इस पर पुन: विचार करना चाहिए तथा अपनी दलित विरोधी नीतियों से बाज आना चाहिए।

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