खन्ना ने राज्य सभा में उठाया दमकल केन्द्रों की कमी का मामला

khannaहोशियारपुर। राज्य सभा सांसद अविनाश राय खन्ना ने राज्य सभा प्रश्नकाल में दमकल केन्द्रों का मुद्दा उठाया। श्री खन्ना ने गृह मंत्री के समक्ष प्रश्न रखते हुए पूछा कि भारत में अपेक्षित दमकल केन्द्रों की तुलना दो केवल दो प्रतिशत दमकल केन्द्र हैं, यदि हां तो इसके क्या कारण हैं और यदि नहीं तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। अधिकांश दमकल कर्मियों को वर्दी तथा आवश्यक उपकरण नहीं दिए गए हैं यादि हां तो इसके क्या कारण हैं, भारत में कितने भवन आग से सुरक्षित नहीं हैं, भवनों की आग से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं और क्या अग्नि सुरक्षा संबंधी नियमों के उल्ंघन के मामले में शास्ति का उपबंध है, यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। इस संबंधी और जानकारी देते हुए संसदीय कार्यालय से खन्ना के राजनीतिक सचिव संजीव तलवाड़ ने बताया कि खन्ना द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि दमकल सेवाओं को भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (डव्ल्यू) के अनुसार संविधान की 12वीं अनुसूची में नगर पालिका संबंधी कार्यों के रूप में शामिल किया गया है। इस प्रकार पर्याप्त संख्या में दमकल केन्द्र, दमकल वाहन, प्रशिक्षित जनशक्ति और वर्दी प्रदान करके अपने कार्यक्षेत्र में नागरिकों के जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है। गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 में दमकल और आपातकाल सेवा के सुदृढ़ीकरण से संबंधित केन्द्र प्रायोजित स्कीम के तहत देश में अग्निशमन और जोखिम का विश्लेषण करने के लिए मैसर्स रिस्क मैनेजमैंट सोल्यूशन आई.एन.सी. (आर.एम.एस.आई.) नामक परामर्शदात्री फर्म नियुक्त की गई थी। मैसर्स आर.एम.एस.आई. की रिपोर्ट के अनुसार देश में अपेक्षित संख्या के 35 प्रतिशत दमकल केन्द्र हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार इस प्रकार के कोई आंकड़े नहीं रखती, भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रकाशित भारतीय राष्ट्रीय भवन कोड में निर्माण संबंधी विस्तृत दिशानिर्देश, भवनों का रख-रखाव और अग्नि और जीवन सुरक्षा शामिल हैं और यह एक सिफारिशी दस्तावेज है। ये दिशानिर्देश राज्यों को अग्नि और जीवन की सुरक्षा से संबंधित अपने स्थानीय भवन उपनियमों में राष्ट्रीय भवन कोड की सिफारिशें शामिल करने के लिए जारी किए गए थे। अग्नि सुरक्षा नियमावली के उलंघन के मामले में अर्थदण्ड का प्रावधान लागू करने के अतिरिक्त इन मानक कोड़ों और दिशानिर्देशों के कार्यन्वय और प्रवर्तन की पूर्ण जिम्मेदारी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है।

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