हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में जाइका प्रोजेक्ट में तैनात एक बड़े अधिकारी को दिवाली पर्व के बहाने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सोने का महंगा उपहार देकर नजदीकियां जुटाने का प्रयास महंगा पड़ गया। बीते सोमवार को अपने दो और सहयोगी अधिकारियों के साथ जैसे ही सीएम सुक्खू के सामने यह अधिकारी दीवाली की शुभकामनाएं वाला एक उपहार लेकर पहुंचा तो मुख्यमंत्री को संदेह हुआ। उन्होंने दीवाली की शुभकामनाएं तो स्वीकार कर लीं लेकिन पैकेट में बंद उपहार पर शक होते ही उन्होंने इस अधिकारी को पैकेट खोलने के लिए कहा। मौके पर मौजूद अधिकारी ने जब पैकेट खोला तो इसमें बेहद महंगा सोने का उपहार था। इसे देखकर मुख्यमंत्री सुक्खू भड़क गए। उन्होंने अधिकारी से कहा कि वह इस तरह का गिफ्ट नहीं लेते। इस पर यह अधिकारी सफाइयां देने लग गया कि सर यह तो सोने की परत चढ़ा हुआ गिफ्ट है, पूरा सोने का नहीं है। मुख्यमंत्री से मिलने वालों की मौके पर भीड़ लगी थी। सूत्रों ने बताया कि सुक्खू ने अधिकारी को बुरी तरह से डांटते हुये इस गिफ्ट।समेत सारा साजो सामान उठाकर वापिस ले जाने का आदेश दे दिया। इस पर अधिकारी ने मौके पर हुई मजम्मत के चलते अपना सामान समेटा और हमीरपुर की ओर अपने दो अन्य अधिकीकारियों के साथ निकल लिया। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री दीवाली के मौके पर इस तरह के महंगे गिफ्ट लाकर उन्हें रिझाने की कोशिश करने वाले सरकारी अफसरों की ऐसी करतूतों से नाराज़ हुये और उन्होंने सचिवालय में भी आदेश दे दिए हैं कि जो भी दीवाली की बधाई देने के लिए अफसरों, मंत्रियों या उनके दफ्तर में आईगा, उन सभी की पहले स्कैनिंग होगी।
इसके लिए सचिवालय में पूरा पुलिस का पहरा भी बिठा दिया गया है। ऐसी भी जानकारी है कि सरकार ने इस तरह के महंगे गिफ्ट लेकर आने वाले अफसरों या दूसरे किसी भी व्यक्ति पर कानूनी करवाई करने के भी आदेश दिए हैं। सचिवालय में बधाई देने आ रहे हर व्यक्ति की अब सकैनिंग हो रही है । कहाँ से है कौन है किससे मिलने जा रहा है क्या गिफ्ट लेकर जा रहा है, इसका पूरा रिकॉर्ड रखां जा रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू के इस कदम की पूरे राज्य में तारीफ की जा रही है। जाइका का।यह अधिकारी वही है जो हाल ही में अपने स्पेन और नीदरलैंड के दौरे के कारण चर्चा में आया था। कृषि मंन्त्री में इनके दौरे की फ़ाइल रोक दी थी, इसके बावजूद इन्होंने मुख्यमंत्री के पास जाकर अपनी फ़ाइल मंजूर करवा ली थी। क्योंकि बगैर मंन्त्री की मंजूरी के ही इन्होंने दौरे से जुड़ी कंपनी को कथित तौर पर 40 लाख रुपये एडवांस जम करवा दिए थे। दौरा रद्द होने की स्थिति में इस अधिकारी को यह 40 लाख की रिकवरी पड़ जानी थी। लेकिन यह अधिकारी मुख्यमंत्री के पास जाकर रिकवरी से बचने की दुहाई देकर अपनी फ़ाइल मंजूर करवाकर ले आआये थे । जबकि मंत्री ने फ़ाइल मंजूर करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि अधिकारी की ओर से दौरे के लिए प्रस्तावित दोनों देशों में कृषि बिल्कुल नहीं होती है सिर्फ फूलों की खेती होती है।