होशियारपुर। आरक्षण के विरोध में राइट ऑफ इक्वैलिटी फ्रंट द्वारा रैली करने उपरांत दिए जाने वाले मांग पत्र को लेकर आज पूरा दिन होशियारपुर में तनाव बना रहा। इसका विरोध करने वालों अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग ने रास्ते में जाम लगा दिया। जिसके चलते दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली गई और नारेबाजी की गई। प्रशासन व पुलिस मूक दर्शक बनकर सब देखती रही। आखिर देर सायं दलित वर्ग से एस.एस.पी. धनप्रीत कौर ने धरना स्थल शहीद भगत सिंह चौक पर पहुंच कर स्वयं मांगपत्र लिया, जबकि फ्रंट के 11 सदस्यों की टीम को नाटकीय अंजाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने ले जाकर जिलाधीश के कार्यालय में मांगपत्र दिलवाया। जिसके बाद दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी विजयी मानकर धरना समाप्त करने की घोषणा की। जिससे प्रशासन व पुलिस ने राहत की सांस ली।
-राइट ऑफ इक्वैलिटी फ्रंट और अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग हुए आमने सामने-प्रशासन बना मूक दर्शक-
बता दें कि राइट ऑफ इक्वैलिटी फ्रंट ने विगत दिनों घोषणा की थी कि आरक्षण के खिलाफ वह सामूहिक तौर पर सभी संगठनों को साथ लेकर जिलाधीश को प्रधानमंत्री के नाम एक मांगपत्र दिया जाएगा। इसके लिए समय और स्थान माहिलपुर चौक तय किया गया था। समय बाद दोपहर 3 बजे रखा गया था। गत दिन उस समय एक नया मोड़ आ गया था जब दलित वर्गों ने यह घोषणा कर दी कि आरक्षण पर उनका अधिकार है इसके खिलाफ किसी को भी मांगपत्र देने के लिए नहीं जाने दिया जाएगा, रास्ते में जाम लगाकर इसका विरोध किया जाएगा। आज दोपहर करीब एक बजे भारी संख्या में विभिन्न दलित वर्गों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर शहीद भगत सिंह चौक पर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस ने स्थिति से निपटने के लिए कई तरह के प्रबंध कर रखे थे, पुलिस व प्र्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई थी, लेकिन जब फ्रंट के सदस्य भी बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए तो प्रशासन की तैयारियां बौनी दिखने लगी। इस दौरान दोनों पक्षों की तरफ से एक दूसरे के खिलाफ भड़सा निकालने के लिए जोरदार नारेबाजी-तानेबाजी की गई। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मूक दर्शक बन देखते रहे। जहां फ्रंट के सदस्य जिद्द कर रहे थे कि मांगपत्र उक्त मार्ग से गुजर कर जिलाधीश कार्यालय में ही दिया जाएगा, वहीं दलित संगठन इस बात पर वजीद थे कि यहां से किसी को भी गुजरने नहीं दिया जाएगा। देर सायं आखिर प्रशासनिक अधिकारियों ने एक नुस्खा तैयार किया, जिसके तहत पहले अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों से राष्ट्रपति के नाम एस.एस.पी. धनप्रीत कौर ने स्वयं पहुंच कर मांगपत्र ले लिया, लेकिन इसके बावजूद वह उक्त स्थल पर डटे रहे कि यहां से किसी को नहीं गुजरने दिया जाएगा। इस मौके पर विकास हंस, औंकार सिंह झम्मट, ठेकेदार भगवान दास, सुरिंदरपाल भट्टी, मोहन लाल भटोया, दिनेश कुमार पप्पू, हरविंदर हीरा, तरसेम दीवाना, विपनेश संगर, एडवोकेट अजय कुमार, रणजीत बबलू सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।
दूसरी तरफ अतिरिक्त जिलाधीश राहुल चाबा, एस.डी.एम. आनंद सागर शर्मा व पुलिस अधिकारी फ्रंट के सदस्यों को वहीं पर मांगपत्र देने की बात करते रहे। लेकिन उनकी जिद्द के आगे आखिर रास्ता यह निकाला गया कि फ्रंट के 11 सदस्यों की एक टीम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिलाधीश कार्यालय में जाकर मांगपत्र देगी। हालांकि फ्रंट के युवा सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध किया। लेकिन आखिर फैसला इसी बात पर हुआ। फ्रंट की तरफ से इंजी. मनीष कुमार गुप्ता, अश्विनी गैंद, पंडित विक्रम मेहता, जगमीत सेठी, वासदुव पुरी महासचिव, बलबीर सिंह फुगलाना, मेहक सिंह तनूली, नेत्रचंद चंदेल, अशोक सूद हैप्पी सहित अन्य सदस्यों ने जिलाधीश को प्रधानमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा।