सरस्वती व लक्ष्मी का ही नहीं बल्कि जरुरत पडऩे पर दुर्गा का रुप भी धारण करती है नारी: नीति तलवाड़

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। महिला दिवस के उपलक्ष्य में भारत गौरव सामाजिक संस्था की तरफ से आज एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसके तहत माता सीता से कल्पना चावला तक तथा चरित्र निर्माण में महिलाओं की सामाजिक भूमिका विषय पर चर्चा की गई। भारत गौरव के चेयरमैन विजय सांपला के मार्गदर्शन में करवाए गए सेमिनार में दिव्य ज्योति संस्था की साध्वी तृप्दा देवी, प्रिंसीपल देसराज शर्मा तथा परमजीत कौर लांडरा मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। समागम की शुरुआत विजय सांपला ने दीप प्रज्जवलित करके की।

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समागम को संबोधन करते हुए भारत गौरव महिला विंग की संयोजक पार्षद नीति तलवाड़ ने कहा कि महिलाओँ के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि महिला ही समय आने पर दुर्गा का रुप धारण कर समाज को बचाती रही है। अगर समाज ने महिलाओं का सत्कार न किया तो समाज में एक ऐसी विकृति आ जाएगी जिसको दूर करना किसी के बस की बात नहीं होगी।

भारत गौरव संस्था ने केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला के मार्ग दर्शन में नीति तलवाड़ ने करवाया प्रभावशाली सेमिनार

सेमिनार को संबोधित करते हुए विजय सांपला ने कहा कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ कार्यक्रम के साथ समाज में बेटा समझाओ कार्यक्रम चलाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि आज लड़कियां किसी से कम नहीं है लेकिन फिर भी समाज में लड़कियों के साथ होने वाली दुष्कर्म की घटनाएं हमारे समाज पर समय-समय पर कलंक लगाती रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं के प्रति हमने अपना दृष्टिकोण न बदला तो समाज हमें कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी उनका मानना है कि समाज में बेटा समझाओ कार्यक्रम चलाने की अति आवश्यकता है।

इस अवसर पर साध्वी तृप्दा भारती ने कहा कि हम सब आज इस सेमिनार को शुरु करने से पहले भारत माता की जय का उद्घोष कर रहे हैं जबकि भारत शब्द एक पुल्लिंग है और माता माता स्त्रीलिंगी है। इसका तात्पर्य यह है कि भारत शब्द तभी सार्थक है जब इसके साथ माता शब्द आता है। माता अपने आप में एक सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जहां स्त्री की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं। नारी दुर्गा के रुप में शक्ति का, समृद्धि के तौर पर लक्ष्मी और विद्या के रुप में सरस्वती का प्रतीक है।

इस मौके पर परमजीत कौर लांडरा ने कहा कि लड़कियों के प्रति सोच बदलने के लिए अभी भी बहुत से प्रयास करने की जरुरत है। निर्भया कांड के बाद भी समाज में लड़कियों के प्रति दुष्कर्म की घटनाएं कम नहीं हुई है। दु:ख की बात है कि छ: माह तक कि लड़कियों के साथ दुष्कर्म के समाचार आते रहते हैं। इससे भी घिनौनी बात यह है कि दुष्कर्म करने वाले पीडि़त लड़कियों के करीबी रिश्तेदार होते हैं। भारतीय समाज में इस प्रकार की घटनाएं सामाजिक रिश्तों को तार-तार कर देती हैं। हमारे समाज में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। प्रिंसीपल देशराज शर्मा ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे वह समाज में महिलाओँ की महत्ता पर प्रकाश डाला।

इस मौके पर सुदेश सांपला, भाजपा उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना की धर्म पत्नी मीनाक्षी खन्ना, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष मोना जसवाल, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी दर्शन कौर, सर्बजीत कौर, जवाहर खुराना, विजय अग्रवाल, बीजेपी जिला प्रधान डा. रमन घई, अविनाश राय खन्ना के राजनीतिक सचिव संजीव तलवाड़, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष उमेश शाकर, हेमा शर्मा, सांपला के निजी सचिव भारत भूषण वर्मा, साहिल सांपला, अश्विनी ओहरी, मनोज शर्मा, नवजिंदर बेदी, रोहित सूद हनी, विवेक सैनी, सर्बजीत कौर, मीनू सेठी, प्रिंसीपल मंजू सूद, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता प्रमोद शर्मा व उनकी बेटी तरस्वी शर्मा, जसपाल सिंह खीवा, गुरविंदर लाडी सहित भारी संख्या में महिला शक्ति उपस्थित थी। इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। बच्चों ने नाकट के माध्यम से महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सार्थक संदेश दिया।

अंत में आयोजकों द्वारा मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंच संचालन की भूमिका पूजा विशिष्ट ने बाखूबी निभाई।

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