ईराक मामले में नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दें विदेश मंत्री: एडवोकेट मरवाहा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। ईराक में आतंकियों द्वारा मारे गए भारतियों के मामले में भारत सरकार ने उनके परिजनों की भावनाओं से खेल खेला है। जिसके लिए भारत सरकार तथा खासकर विदेश मंत्री क्षमा के काबिल नहीं हैं। भारत सरकार की इस मामले में भूमिका की जितनी भी निंदा की जाए कम है। उक्त बात ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश मरवाहा ने कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कही।

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ब्लाक कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने ईराक मामले पर भारत सरकार की भूमिका पर खड़े किए सवाल

इस दौरान पीडि़त भारतीय परिवारों के साथ सांत्वना व्यक्त करते हुए एडवोकेट मरवाहा ने कहा कि भारत सरकार को यह मामला पहले दिन से ही गंभीरता से लेना चाहिए था, परन्तु सरकार ने तथ्यों की छानबीन करनी जरुरी नहीं समझी तथा आज करीब 4 साल बाद आतंकियों का शिकार हुए भारतियों के परिवारों को एकाएक यह कह देना कि उनके सुपूत मारे जा चुके हैं तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का रवैया पूरी तरह से उदासीन ही रहा तथा सरकार ने वहां से सकुशल अपने घर पहुंचे युवक की बातों को भी नहीं माना तथा तानाशाही रवैया अपनाते हुए उस पर मामला दर्ज करवा दिया। उस युवक ने जो दिन जेल में बिताये क्या सरकार उसका हिसाब देगी। क्या सरकार भारतीयों के परिजनों का दुख कम कर सकती है, अगर नहीं तो सरकार के विदेश मंत्री को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देना चाहिए। एडवोकेट मरवाहा ने कहा कि विदेशों में बसे भारतियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने में भारत सरकार नाकाम साबित हो रही है तथा ईराक मामले में भी केन्द्र सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। इसलिए विदेश मंत्री को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए।

इस मौके पर एडवोकेट गुरवीर सिंह, एडवोकेट जे.पी.एस. धनोता, एडवोकेट गुरदीप सिंह, कमल भट्टी, अंकित गुप्ता, नवदीप ओहरी, गौरव सिद्धू आदि मौजूद थे।

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