श्री रामायण के एक-एक शब्द में है ज्ञान की गंगा: गुरु मां करुणामयी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्रीराम चरित मानस प्रचार मंडल की तरफ से राम भवन बहादुरपुर में श्री श्री 1008 स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में करवाई जा रही श्री राम नवमी महोत्सव प्रारंभ के तीसरे दिन परम पूज्य संत करुणामयी गुरु मां जी ने कथा का शुभारंभ भगवन्नाम संकीर्तन से किया। इस अवसर पर मुख्य यजमान सुश्री सरिता शर्मा सुपुत्री भगत मुंशीराम जी ने व्यासपीठ पूजन किया।

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कथा करते हुए गुरु मां ने अहिल्या का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि समाज के द्वारा शोषित नारी की विवशता क्या हो सकती है कि जीवन पाषाडरत हो गया तथा सारा वैभव समाप्त हो गया। भीड़ में अकेली रह गई ऐसी दुखयारी का दुख संत और भगवंत दोनों की कृपा से ही दूर होना संभव था। इसलिए संत विश्वामित्र और भगवान श्री राम के सानिध्य से उसके जीवन में सुख समृद्धि लौट आई। अयोध्या कांड को सुनाते हुए उन्होंने बताया कि राजा दाशरथ का राज दरबार में ही अपना मुकुट सीधा करना यह संदेश देता है कि राजा को अपनी गलतियों को प्रजा के समक्ष ही सुधारनी चाहिए। गुरु मां ने बताया कि श्री रम के वियोग में राजा दशरथ का प्राण छोडऩा भी एक संदेश देता है कि राजा दशरथ ने पुत्र को भी भगवान समझा। उन्होंने बताया कि रामायण में लिखी एक-एक बात को समझने और उसकी गहराई को जानने की जरुरत है। इस दौरान उन्होंने श्री राम भजनों से उपस्थिति को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि रामायण के एक-एक शब्द में ज्ञान की गंगा निवास करती है।

इस मौके पर डा. कुलदीप नंदा, पार्षद मोनिका कतना, डा. सुभाष जलाली, डा. एस.के. शर्मा, गुलशन धीर, रविंदर शर्मा, कुलदीपक मल्होत्रा, हरीश खन्ना, बलवीर कुमार, साहिल, बलबीर कुमार, सुरजीत सोनी, अश्विनी कालिया, जतिंदर शर्मा एस.डी.ओ., सुरिंदर कुमार लक्की, महेश कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की।

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