कैप्टन ने कांग्रेस सरकार के लोक कल्याण कार्यों का श्रेय लेने के घटिया प्रयास हेतु सुखबीर को लिया आड़े हाथों

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चंडीगढ(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाले अकालियों की तरफ से कांग्रेस सरकार के कल्याण कार्यों और विकास कार्यों का श्रेय लेने की शर्मनाक कोशिशों की कड़ी आलोचना की है। आज यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री ने सुखबीर सिंह बादल को आड़ेे हाथों लिया जिसने विधानसभा के चालू सत्र के आरंभ में राज्यवर्ष के भाषण में उनकी सरकार की तरफ से की गई विभिन्न घोषणाओं के लिए झूठे दावे किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासनकाल एक निरंतर प्रक्रिया है और उनकी सरकार को पिछली सरकार के किसी भी लोक कल्याण प्रोजैक्ट को स्वीकार करने या जारी रखने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार की तरफ से किये सभी अच्छे कार्यों का श्रेय लेने का घटिया यत्न करके अकालियों ने पंजाब के लोगों के सामने एक और कोरा झूठ बोला है। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि यदि पिछले 10 वर्षों में अकालियों ने पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए एक भी अच्छा कार्य किया होता तो आज विपक्ष में न होते। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हकीकत यह है कि अकालियों ने लोक कल्याण की आड़ में जो कुछ भी किया, उसका एकमात्र उद्देश्य एक परिवार का कल्याण करना था।

अंतर्राज्यीय दरियायी पानी के मुद्दे पर सुखबीर सिंह बादल के दावों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए अधिगृहीत ज़मीन किसानों को वापिस करना ‘पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट-2004’ के कारण ही संभव हुआ और यह कानून उनकी सरकार द्वारा अपने पहले कार्यकाल के दौरान बनाया गया था। शाहपुर कंडी प्राजैक्ट संबंधी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह प्राजैक्ट अकालियों ने वर्ष 2013 में शुरू किया था जिसका काम जल्द ही ज मू कश्मीर सरकार ने बंद करवा दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर और केंद्र सरकार के साथ किये निरंतर यत्नों के कारण ही अगस्त, 2017 में कार्य शुरू करने के लिए मंजूरी मिली।

सुखबीर सिंह बादल की तरफ से किसानों की कुर्की संबंधित किये दावो के लिए उसे आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता एक्ट की धारा 67-ए को कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वादे मुताबिक ख़त्म किया। किसानों को तबाह कर देने के लिए अकालियों को जि़ मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार की तरह कांग्रेस सरकार ने किसानों को उनके हितों की रक्षा के लिए राजनैतिक संरक्षण या अधिकारियों पर निर्भर होने का मोहताज नहीं बनाया। कृषि क्षेत्र और अनुसूचित जातियों/पिछड़ीं श्रेणियों और गरीबी रेखा से निचले परिवारों को मु ़त बिजली की सुविधा पिछली सरकार की तरफ से जारी रखने को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अकाली-भाजपा सरकार से वित्तीय घाटे की हासिल हुई विरासत के बावजूद न सिफऱ् यह सुविधा बरकरार रखी बल्कि इससे भी आगे कई कदम उठाए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने अपनी स्कीम का घेरा बढ़ाते हुए स्वतंत्रता संग्रामियों के लिए 300 मु ़त यूनिट और उद्योग को अगले पाँच वर्षों के लिए 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली की सुविधा दी जिस संबंधी अकालियों ने कभी सोचा तक भी नहीं। मुख्यमंत्री ने अकाली दल द्वारा मु ़त बिजली संबंधीे किसानों को गुमराह करने के लिए शुरु की गई झूठी मुहिम की कड़ी आलोचना की। अकालियों के आरोपों को ख़ारिज करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से मु ़त बिजली की सुविधा वापिस लेने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। अमृतसर, लुधियाना और जालंधर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों के कार्यकाल के दौरान इन शहरों की केवल पहचान हुई थी और किसी काम के लिए टैंडर जारी नहीं किया गया था। वास्तव में इस प्रोजेक्ट के लिए लुधियाना और जालंधर में तो प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटैंट्ज़ भी नियुक्त नहीं किये गए थे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि इस मसले पर सुखबीर सिंह बादल के दावो के खोखलेपन से इस तथ्य ने पर्दा उठा दिया था कि अकाली-भाजपा सरकार के लुधियाना में एसपीवी के लिए केंद्र से मिले 194 करोड़ रुपए आगे न भेजने के बाद भारत सरकार ने अमृतसर और जालंधर के लिए कभी कोई फंड जारी नहीं किया था। शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष के बुढापा पैंशन संबंधी दावे की भी आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पैंशन 500 रुपए से बढ़़ाकर 750 रुपए ही नहीं की बल्कि सुखबीर बादल के पैंशन बकाया होने के दोषों के विपरीत दिसंबर, 2017 से हर महीने पैंशनें जारी की जा रही हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पैंशनों के निरंतर भुगतान संबंधी अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराया है।

मुख्यमंत्री ने माना कि शगुन स्कीम अकाली-भाजपा सरकार के 1997-2002 कार्यकाल के समय शुरू हुई थी परंतु इसमें विस्तार हमेशा कांग्रेस सरकार ने ही किया है। उन्होंने पहले 2004 में और 2006 में पुन: विस्तार किया। उन्होंने अब 2017 में शगुन स्कीम को 15 हज़ार से बढ़ाकर 21 हज़ार रुपए किया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने इस स्कीम के अंतर्गत मार्च, 2017 तक सभी बकायों का पहले ही निपटारा कर दिया है और बाकी बकाए का भी जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। औद्योगिक व्यापार नीति-2017 को उनकी सरकार का एक अन्य अहम कदम बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘निवेश पंजाब’ जिसको अकाली-भाजपा ने कायम किया था, ने शुरू में अच्छा काम किया था परंतु उपयुक्त औद्योगिक नीति न होने के कारण सहीबद्ध किये एमओयूज़ को निम्र स्तर पर लागू नहीं किया जा सका।

इनको लागू करने की दर केवल 14 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से लाँच की गई यह नई नीति निवेशक ों और उद्योग को मज़बूत मंच मुहैया कराने के अलावा अमली जामा पहनाने को उत्साहित करेगी। मुख्यमंत्री ने सुखबीर सिंह बादल को सूबे के लोगों को गुमराह करके अपने राजनीतिक ऐजंडे को बढ़ावा देने के लिए ऐसे सफेद झूठ न बोलने की विनती की। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने पिछले एक दशक में अकालियों के कारनामे देखे हैं और वे अब इनकी राजनीतिक ड्रामेबाज़ी के झांसो में नहीं आऐंगे।

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