बजट 2018-19: पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट: वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहां दी राहत और कौन सा लगाया टैक्स

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब विधानसभा में बजट अभिभाषण देते हुए मनप्रीत सिंह बादल वित्त मंत्री ने पंजाब वासियों के लिए क्या-क्या प्रावधान किए हैं तथा किन योजनाओं में बदलाव तथा नए टैक्स लगाए गए हैं की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है।

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बजट सत्र के शुरुआत में उन्होंने कहा कि मेरे लिए आज खुशी एवं मसरत का मुकाम है कि मैं काबिले कद्र कैप्टन अमरिंदर सिंह साहिब की कियादत वाली इंडियन नैशनल कागें्रस की सरकार का दूसरा बजट पेश करने जा रहा हूँ। मुझे खुशी है कि गुजिशता बजट में जो इरादे, मनसूबे बनाये थे, उनकों पूरा करने में काफी हद तक कामयाबी हासिल हुई है। किसी भी हालात में संतुष्ट हो कर बैठ जाना जिंदा कौमों की आदत नहीं होती। पंजाब की प्रगति के बहुत सारे मैदान हमारे कदमों के मुन्तजिऱ हैं। पंजाब की प्रगति एवं खुशहाली के लिए भगवान की मदद का तलबगार हूँ।

—–सभी आँखों एवं सारे समय के लिए, पंजाब देश के लिए आस, उम्मीद एवं ताकत का प्रकाश स्तंभ रहा है। इस को मेरे से या किसी अन्य इंसान से कोई प्रमाण या सबूत लेने की जरुरत नही है। पंजाब ने अपना इतिहास, स्वंय लाल रंग में लिखा है, इसके शहीद बेटे एवं बेटियों का खून इसकी मिट््टी में शामिल है। दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक पंजाब जैसे हांैसले की मिसाल कहीं नहीं मिलती।

—–पुन: आदि काल से पंजाब फौजियों की धरती है। एक सैनिक के प्रशिक्षण का सबसे बड़ा अभ्यास है-बलिदान देना। मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जी, ’’स्वंय एक भूतपूर्व सैनिक’’ के रुप में हमें बढिय़ा लीडरशिप हासिल है। इतिहास गवाह है कि गत समय में भी कुर्बानी देने से गुरेज नहीं किया एवं उनकी सरकार उन एजेंटों से भटकाने का इरादा नहीं रखती जो हमने तय किए हंै।

—–पाँच दरियाओं की धरती पर यह परछाई कुछ समय के लिए है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि हमें हमारे अतिरिक्त दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकती। मैंने हमेंशा कहा है एवं आज पुन: दोहरा रहा हूँ कि पंजाबी एवं मायूसी, पंजाबी एवं कायरता, यह दो शब्द एक ही सांस में इकटठे नही हो सकते। वे हमारे ही बुजुर्ग थें, जिन्होने सिकन्दरे आज़म की फौजों के मुँह मोड़ दिये। खैबर के पहाड़ की छातियों पर विजय प्राप्त की। बिजलीयां कडकी तो मुस्करा कर जवाब दिया, आंधियां चली तो उन्होने कहा कि तुम्हारा रास्ता यह नही है। पंजाब की मिट््टी ने हमेंशा दूर अंदेशी, दरियादिली, साहस की तवारीखी खूबियां अपने बेटे एवं बेटियों में सृृजत की एवं यह खूबियां परमात्मा की नुसरत एवं सहायता से प्राप्त होती है। यह खूबियां दुकानों से नहीं खरीदी जा सकतीं। यह तो दिल की दुकान एवं अच्छे अमलों से ही नसीब होती है। आज हम देश की उन्नति का एक दौर सम्पूर्ण कर चुके है। भारत की उन्नति के चंद पन्ने आज भी कोरे है। हम उन पन्नों की रौनक बन सकते है बशर्ते हम उनके लिए तैयार हो जाएं।

—–इस दौरान उन्होंने भारतीय उप-महाद्धीप के महान शायर फैज़ अहमद फैज़ के बहुत ही खूबसूरत शब्द कहते हुए माहौल को खुशनुमा बना दिया:

सबा ने फिर दर-ए-जन्दान पे आ के दस्तक दी,
सहर करीब है, दिल से कहो, ना घबराए।

—–मैं आज राज्य की वित्तीय परिस्थितियों के कुछ मुद्धों पर आपका ध्यान दिलवाना चाहता हूँ। बजट के ब्यौरे, जनाब वित्तीय सचिव द्वारा, मैमोरैण्डम में विशेष प्राथमिकता के साथ प्रस्तुत की गई है। मेरा यत्न है कि विवरण की पेचिदगीयों के बिना मैम्बर साहिबान के सामने वित्तीय परिस्थिति सही एवं स्पष्ट तस्वीर पेश कर सकूं।

—–मैं इस अजीम सदन को यह याद दिलवाना चाहता हूँ कि जब हमारी सरकार ने अपना कार्यभार संभाला तो राज्य का कोष बन्द होने के साथ-साथ भारी वित्तीय संकट में फंसा हुआ था और आर.बी.आई. ने राज्य सरकार के भुगतानों पर रोक लगा दी। वर्ष 2007-17 के दौरान राज्य के वित्तीय कुप्रबंधों का खुलासा करता हूँ एक श्वेत पत्र इस विधान सभा के पहले ही सत्र में इस अजीम सदन के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इस श्वेत पत्र में उन वित्तीय गड़बड़ीयों को दिखाया गया था जो हमें विरासत में मिली थी। यह संकट इतना गंभीर है कि हम बढिय़ा वित्तीय प्रबन्ध वाले राज्यों की उच्च तालिका में अपनी स्थिति पुन: प्राप्त करने के लिए बहुत ही कठिन प्रयासों की जरूरत पड़ेगी।

—–वर्ष 2016-17 में राज्य की जी.एस.डी.पी. 4,33,660 करोड़ रूपए से बढ़ कर वर्ष 2017-18 में 4,77,482 करोड़ रूपए हो गई है। मुझे आशा है कि वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य की जी.एस.डी.पी. 5,18,165 करोड़ रूपए तक हो जाएगी। राज्य की प्रति व्यक्ति आमदन वर्ष 2016-17 में 1,31,112 रूपए से बढ़ कर वर्ष 2017-18 में 1,42,958 रूपए हो गई है जो कि 1,11,782 रूपए की राष्ट्रीय औसत से 28 प्रतिशत अधिक है।

वित्तीय मज़बूती
—–14वें वित्त आयोग ने सभी राज्यों के लिए एक वित्तीय मज़बूती मार्ग की सिफारिश की थी। राज्य के लिए कानूनी रूप से यह अनिवार्य था कि उस के द्वारा अपने वित्तीय घाटे को जी.एस.डी.पी. के 3 प्रतिशत के अनुपात में रखा जाए, दुर्भाग्यवश गत सरकार जब अपना कार्यभार त्यागने लगी थी उस द्वारा पंजाब वासियों पर 30584.11 करोड़ रूपए (31 दिसम्बर, 2016 के अनुसार) का भारी ऋण डाल दिया गया जिस की प्रति वार्षिक वापसी ही 3240 करोड़ रूपए है। इस के कारण वर्ष 2016-17 के लिए 12.18 प्रतिशत के मुकाबले हम वर्ष 2017-18 के दौरान वित्तीय घाटा 4.36 प्रतिशत तक रोकने में सफल हो सके। भारी प्रतिबद्ध देनदारियों के मद्देनजऱ वर्ष 2018-19 के चालू वित्तीय वर्ष के दौरान मैं वित्तीय घाटे को 3.81 प्रतिशत के लक्ष्य तक ही रख पाऊंगा। वित्तीय घाटे से सम्बन्धित एफ.आर.बी.एम. एक्ट 2003 के प्रावधानों से मैं वाकिफ हूँ परन्तु जैसा कि दिखाया गया है कि राज्य सम्भावी रूप में इस लक्ष्य को प्राप्त नही कर पाएगा, इस लिए एक्ट की धारा 6 (2) के अनुसार, मैं इस अजीम सदन को वास्तविक स्थिति से वाकिफ करवा रहा हूँ।

—–वित्तीय संयम इस बात की मांग करता है कि राज्य को अधिक राजस्व की सृजना करके इस का प्रयोग पंूजीगत खर्चों के लिए निर्माण हेतु स्रोत सृजन संपतियों के लिए करने चाहिए, परन्तु गत दस वर्षों की नीतियों ने राज्य की प्रतिबद्ध देनदारियों में प्रत्यक्ष वृद्धि की है और गैर राजस्व उत्पाद संपत्तियों के ऊपर गैर संयम खर्च यह संकेत करता है कि हमारी अथक प्रयत्नों के बावजूद यह वांछित घाटे से अधिक होगा।

—–इस वर्ष के प्रस्ताव में राज्य का वित्तीय खर्च वर्ष 2016-17 में 55,296 करोड़ रूपए से बढ़ कर वर्ष 2017-18 में (संशोधित अनुमान) 71182 करोड़ रूपए हो गया है जो कि
29 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी समय के दौरान वेतन, उजरतें और सहायता राशियों पर व्यय 21,729 करोड रूपए से बढकर 24938 करोड रूपए जोकि 15 प्रतिशत की वृद्धि है एवं पैंशनों के ऊपर का खर्च 8773 करोड़ रूपए से बढ़ कर 9469 करोड़ रूपए हो गया है जो कि 8 प्रतिशत की वृद्धि है। इसलिए तनख्वाह और उजरतें (सहायता राशी सहित) और कर्मचारियों/रिटायरीयों की पैंशनों को उपर का खर्च 13 प्रतिशत बढ गया है। ब्याज अदायगियों के ऊपर का खर्च 11,642 करोड़ रूपए से बढ़ कर 15175 करोड़ रूपए हो गया है जो कि 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन प्रतिबद्ध देनदारियों के ऊपर का कुल वित्तीय खर्च वर्ष 2017-18 की कुल वित्तीय प्राप्तियों का 87 प्रतिशत है। इस प्रकार सरकार के वित्तीय खर्च में तनख्वाहें, पैंशनों और ब्याज अदायगियों का निरंतर बढ़ता हिस्सा राज्य को वाफर राजस्व प्राप्त करने से रोकता है ।

—–मेरे अथक प्रयत्नों के बावजूद वर्ष 2018-19 के दौरान मैं वित्तीय घाटे को जी.एस.डी.पी. के 2.42 प्रतिशत तक रोकने के योग्य हुआ हँू परंतु हम इस निरंतर बढते घाटे को रोकने एवं राज्य को वाफर राजस्व के युग में ले जाने के लिए वचनबद्ध है। माननीय कैप्टन अमरिंदर सिंह जी की योग्य एवं सुदृढ़ अगवाई के अधीन हम प्रगति पथ पर हैं एवं मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही मुकाम हांसिल कर लेंगे।

ऋण स्थिति

—–माननीय सदस्य साहिबान इस बात से भलीभांति वाकिफ हंै कि हमारी सरकार को गत सरकार द्वारा भारी ऋण बोझ विरासत में मिला है जब इस सरकार ने अपना कार्यभार संभाला तो अखौती सी.सी.एल. (कैश क्र्रेडिट लिमिट के विरासती खातों के निपटारों के लिए ़ऋण के रूप में 30584.11 करोड़ रूपए की अधिक देनदारी ने इसका स्वागत किया।
—–दिनांक 31.3.2018 को राज्य का कुल बकाया ऋण 195978 करोड़ (संशोधित अनुमान) रूपए है। जो वर्ष 2017-18 (संशोधित अनुमान) के लिए जी.एस.डी.पी. का 41.04 प्रतिशत एवं वर्ष 2018-19 (बजट अनुमान) के लिए बकाया ऋण 211523 करोड़ रुपए होने की सभावना है जो कि जी.एस.डी.पी का 40.82 प्रतिशत है। राज्य सरकार विभिन्न पी.एस.यु. एवं अन्य संगठनो द्वारा लिये ऋण के लिए राजकीय गारंटी भी देती है। दिनॉंक 31.3.2018 को इस खाते में बीच की कुल देनदारी 19357 करोड़ रूपए है। इसका अर्थ है कि यदि जनतक क्षेत्र अदारे इस ऋण को अदा करने में असमर्थ रहते है तो यह सरकार की देनदारी बन जाती है। इस अज़ीम सदन के ध्यान में लाना मेरा अहम फर्ज है कि गत दस वर्षों के दौरान राज्य के कुछ जनतक क्षेत्र अदारों के निरंतर कुप्रबंधन के कारण ऐसी स्थिती पैदा हो गई है जहां राज्य को इन जनतक क्षेत्र के अदारों के द्वारा लिए गए ऋण को निपटाना पड़ सकता है।

—–वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 15545 करोड़ रूपए की निरोल अधारियों के मुकाबलें वर्ष 2018-19 के लिए ऋण वापसी (मूल ़ ब्याज) 24870 करोड़ रूपए की भारी राशि पर पहुंच गई है। इस से राज्य द्वारा उधार ली गई राशि को निवेश में लाने एवम् स्रो़त्र सृजन पंूजीगत संपतियों के निर्माण की कोई गुंजाईश नहीं रह जाती। इस सरकार के लिए र्सिफ यही रास्ता रह जाता है कि अन्य अधिक राजस्व जुटाया जाए और इसके साथ-साथ हमारे ग़ैर प्रतिबद्ध खर्च में भी कटौती की जाएं।

—–यू.पी.ए. सरकार ने वर्ष 2005 में देश को सूचना का अधिकार एक्ट दिया और इस की भावना से पारदर्शिता, आम सहमति और प्रभावकारी निणर्य लेने संबंधी आर्थिक नीति और योजना विभाग ़़द्वारा इस अजीम सदन के सदस्य साहिबान और राज्य के लोगों की जानकारी के लिए वर्ष 2018-19 लिए मुख्य विकास स्कीमों के संबंध में एक पुस्तिका तैयार की जा रही है। इससे राज्य के चुने हुए प्रतिनिधियों ़द्वारा जागरूकता के प्रसार द्वारा और उनकी जनता में सूचना के प्रसार के योग्य बना कर एक विलक्षण समाज के निर्माण में सहायता मिलेगी। ताकि वह सरकारी स्कीमों/प्रोजैक्टों से अधिक से अधिक लाभ ले सके। बहुत ही आशावादी नजरियों से मैं अपनी पार्टी द्वारा पंजाब के लोगों के साथ की गई वचनबद्धतायों की अनुकूलता में निम्न क्षेत्रीय आरक्षण और नई पहलकदमियों के विकास मार्गों का प्रस्ताव करता हूँ।

किसानों की भलाई

—–मैं राज्य के किसानों की सख्त मेहनत की प्रशंसा करना चाहूँगा जिन्होनें दशकों तक देश की अन्न पूर्ति की और भारत को अनाजों में स्वै-निर्भर होने और इस के गौरव को बहाल करने के योग्य बनाया। भूगौलिक रूप में देश का केवल 1.53 प्रतिशत क्षेत्र होने के बावजूद हम देश का अनाज भण्डार हैं। मुझे यह घोषणा करते खुशी हो रही है कि वर्ष 2018-19 क़े लिए कुल खर्च वर्ष 2017-18( बजट अनुमान) के 10581 करोड़ रुपए के मुकाबले बढ़ा कर 14734 करोड़ रुपए कर दिया है जो कि 2017-18 के बजट अनुमान से 4153 करोड़ रूपए एवं 39.25 प्रतिशत की वृृद्धि है एवं 2016-17 के बजट अनुमानों की तुलना में लागत 6383 करोड़ रूपए से बढ़ कर 14734 करोड़ रूपए हो गई है जो कि 131 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

कृृषि—-ऋण राहत

—–अपने योगदान के साथ हमें आत्मनिर्भर बनाने के बावजूद ‘‘अन्नदाता‘‘ संकट में है। भारत सरकार द्वारा कम से कम समर्थन मूल्य के नाममात्र वृद्धि और कृषि आगतों की बढ़ी कीमतों और कृषि उत्पादन की निश्चलता ने किसान को ऋण के शिकंजे में जकड़ दिया है और यह समय की मार के कारण आत्महत्याओं के रास्तें पर चल पड़ा है। बार-बार की गई प्रार्थनाओं के बावजूद केन्द्र सरकार अन्न दाता को बचाने में असफल रही है हमारे माननीय मुख्य मंत्री ने पहले यह कहा है कि हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य है ‘‘खुशहाल किसान, प्रगतिशील नौजवान‘‘ इसलिए इस सरकार के प्रयत्न इस उद्देश्य की प्राप्ति की तरफ हैं। इस बात के बावजूद कि हमारी सरकार को खाली तिजोरियां विरासत में मिली। परन्तु फिर भी माननीय कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ने अपने वायदे की पूर्ति करते हुए राज्य के ़ऋण पीडि़त किसानों को राहत उपलब्ध करवाई। सहकारी एवं व्यापारिक बैंकों से ऋण की देनदारी को विवरण अभी आ रहे हैं। मैं वर्ष 2018-19 दौरान इस स्कीम के अमल के लिए 4250 करोड़ रूपये के आरक्षण का प्रस्ताव करता हूँ।

वर्ष 2017-18 के दौरान 71166 हाशियां ग्रस्त किसानों में 370 करोड़ रूपए बांटे जा चुके हैं। अधिसूचित ऋण राहत स्कीम के अनुसार सभी योग्य किसानों के साथ ऋण राहत के साथ किये हमारे वायदों की पूर्ति के लिए इस राशि में जरूरत के अनुसार वृद्धि की जाएगी।

—–सरकार का मुख्य ध्यान केन्द्रित मुद्दा राज्य का किसान है और हम ने यह निणर्य किया है कि कृषि और ग्रामीण आर्थिकता के साथ संबधित हमारी नीतिया केवल किसान भलाई ऊपर केन्द्रित होगी। जब हम देश के अनाज भण्डार द्वारा अपनी वचनबद्वता को प्रकट करते हैं तो हमारे किसान की बिहतरी और खुशहाली संबधी प्रतिबद्धता भी इस के साथ जुड़ी है।

किसानों को नि:शुल्क बिजली

—–हमारी सरकार किसानों को नि:शुल्क बिजली मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है और इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 6256 करोड़ रूपए आरक्षित करने का प्रस्ताव है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.)

—–इस उद्देश्य की प्राप्ति की नीति के हिस्से के कारण मैं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना लिए 400 करोड़ रुपये के आरक्षण का प्रस्ताव करता हूँ ताकि जो कृृषि वातावरणिक प्रस्थितियों कुदरती स्रोतो और तकनालोजी को ध्यान में रखते हुए विस्तृत कृषि विकास योजना को तैयार और पूर्ण किया जा सके और इसके साथ ही संबंधित सेवायों में सामूहिक और अखण्ड विकास को सुनिश्चित बनाया जा सके। आर.के.वी.वाई द्वारा रामपुरा फूल में वैटरनरी कालेज की पूणर्ता और कंडी क्षेत्र में जंगली जानवारों से फसलों की सुरक्षा के लिए कांटेदार वार लगावाने का भी प्रबंध करेंगे। स्कीम अधीन अधूरे वैटनरी पालि-क्लीनिकों को भी पूर्ण किया जाएगा जिसके लिए 3 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव किया गया है।

—–इस तरह अन्य बातों के साथ-साथ बजट अनुमानों में विस्तृत सेवाओं की सहायता के लिए 25 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए 10 करोड़ रुपए आरक्षित रखने का प्रस्ताव किया गया है।

पंजाब भूमि सुधार योजना

—–लंबे समय से लंबित मुद्दे का निपटारा करते हुए पंजाब भूमि सुधार स्कीम एकट 1963 में संशोधन किया गया है ताकि हदबंदी की लाईन के मार्ग में आती फसल या ढांचे के नुकसान के मुआवज़े की अदायगी के उपबंद्ध द्वारा दूसरों की ज़मीनों में अंडर ग्रांउड पाईप लाईने डालने का अधिकार मुहैया करवाया जा सके। मैं वर्ष के दौरान सिंचाई पानी का अधिक से अधिक उपयोग को यकीनी बनाने के लिए अंडर ग्राउंड प्रोजैक्टों के लिए 44 करोड रूपए के आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

कृषि विभिन्नता—–बागबानी

—–इस वर्ष सरकार कृषि में गेहूँ/धान पर निर्भरता को कम करने एवं फसली चक्र की विभिन्नता के लिए विशेष प्रयास करेगी। वर्ष 2018-19 के दौरान 7000 किसानों की सहायता एवं 10000 एकड़ कृषियोग्य रकबे को फसली विभिन्नता के अधीन लाने का उद्देश्य है। सरकार इस क्षेत्र में सफलता की स्थिरता को सुनिश्चित बनाने के लिए बागबानी उत्पादों के बाजारीकरण एवं खाद्य प्रदार्थो की प्रौसेसिंग पर विशेष बल देगी। वर्ष 2018-19 के दौरान इन पहलकदमीयों के हिस्से के कारण 8 सरकारी आलू एवं सब्जी, बीज केन्द्रों पर बीमारी मुक्त आलूओं एवं अन्य सब्जी बीजों का उत्पादन करके 23 सरकारी फल नर्सरियों एवं रजिस्ट्रड प्राईवेट फल नर्सरियों द्वारा लगभग 6.50 लाख फलों वाले पौधे एवं 4 विभागी मशरूम लैबोरट्रियों के द्वारा 41,500 मशरूम स्पान बोतले किसानों को मुहैया करवाई जायेगी। इसके अतिरिक्त 2018-19 के दौरान तकरीबन 80000 किलो फलों को 6 विभागी फल सुरक्षा लैबोरट्रियों में प्रोसैस किया जाएगा। इस वर्ष के दौरान राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अधीन 55 करोड़ रूपए आरक्षित किए गए है।

—–बागबानी और कृृषि विभिन्नता को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी नीति के हिस्से के तौर पर पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी जल्लोवाल (जालंधर) और खनौरा (होशियारपुर) नर्सरियों की सहायता से राज्य में प्रोसैस होने योग्य मीठे संतरे की 12 और नांरगी की 5 नई प्रजातियां लाकर खट्टा प्रजाती काश्तकारी में विभिन्नता लाई जाएगी और इन्हें किसानों में बांटा जाएगा। इन नर्सरियों को होशियारपुर इलाके में कैरीजो और अबोहर क्षेत्र के लिए खुरदरे नींबू पर उगाई गई डेज़ी संतरा पौध की उपलब्धता के लिए भी मज़बूत बनाया जा रहा है। वर्ष 2018-19 में तकरीबन 25000 मीठे संतरें एवं 25000 डेज़ी संतरे और डब्लयू मरकाट पौधे लगाए जाने की संभावना है।

फूलों की खेती के लिए उच्च दर्जे का केंद्र

—–विश्व स्तरीय फूलों की काश्त तकनोलाजी के म्यारीकरण और प्रदर्शन के लिए इन्डो-डच कार्य योजना के अधीन दोराहा, लुधियाना में फूल काश्तकारी के लिए एक उच्च दर्जे का केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। नुकसान को कम करने एवं खराब होने योग्य वस्तुओं को लम्बे समय तक रखने के लिए पंजाब में 79.59 लाख रूपए की लागत से कपूरथला में (खरबूज़ों के लिए) एक 15 एम.टी. का लघु कोल्ड स्टोर (फार्म की अवशिष्ट से चलने वाला) और होशियारपुर में कीनू के लिए 30 मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोर के प्रोजैक्ट का प्रस्ताव राष्ट्रीय किसान विकास योजना के अधीन मंजूर किया गया हैं। रेशम उत्पादन द्वारा ककून उत्पादन में वृद्धि करने के लिए राज्य में रेशम उत्पादन के विकास के लिए 158.15 लाख रूपए का एक प्रोजैक्ट भारत सरकार को भेजा गया है।

गन्ना उत्पादक

—–राज्य के गन्ना उत्पादकों की सहायता करने के लिए वर्ष 2018-2019 के लिए 180 करोड़ का आरक्षण किया है।

फसली अवशिष्ट प्रबंधन

—–फसली अवशिष्ट को जलाने से वातावरण पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर हम बहुत ज्यादा सुचेत हैं और हमें विश्वास है कि इस समस्या का हल केवल पूर्णतावादी पहुंच के साथ ही किया जा सकता है इसी लिए राज्य की तरफ से अवशिष्ट फसली प्रबंधन के लिए एक व्यवहारिक और प्राप्ति योग्य कार्य योजना बनाई गई है। और इस वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपए का उपबंध किया गया है। सरकार को स्ट्राय मटग मनैजमेंट सिस्टम (एस.एम.एस.) को स्व:चालित कम्बाईन हारवैस्टर के साथ जोडऩा जरूरी कर दिया है। राज्य सरकार ने अपनी प्रमुख कृृषि सहकारी सोसाईटीयां द्वारा पुआल जलाने की समस्या से निपटाने के लिए जरुरती मशीनरी उपलब्ध करवाने की पहल कदमी भी की है। ऐसी मशीनरी किसानों के लिए किफायती दरों पर रस्मी किराया आधार पर उपलब्ध होगी। मैं इस अज़ीम सदन को यह बताना चाहूँगा कि सरकार के निरंतर कोशिशों और किसानों को समर्थन करके ही वर्ष 2016 में इस समय दौरान 85 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2017 की खरीफ दौरान बीजे गए धान के क्षेत्र में पुआल जलाने के मामले कम हो कर 62 प्रतिशत रह गये है।
कृषि बाजारीकरण

—–कृृषि विभिन्नता की सफलता काफी हद तक मंडीकरण पर निर्भर करती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए साथ 2018-19 दौरान राज्य को कृषि मडिंयो के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए 750 करोड़ रुपए की लागत वाला एक विशेष प्रोजैक्ट तैयार किया जाएगा।

पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास

—–कृृषि आमदन, विभिन्नता और ग्रामीण आर्थिकता के विकास के लिए सरकार की कोशिशों में पशु धन में विशेष स्थान रखता है। इस लिए पशु धन की उत्पादकता में बढ़ौतरी करने के ऊपर ध्यान केन्द्रित किया गया है वर्ष 2018-19 दौरान डेयरी उत्पादन में 6 प्रतिशत की वृ़िद्ध के लक्ष्य पर विशेष जोर दिया जाएगा। जिस से भाव 190 लाख लीटर बेचने योग्य ज्यादा दूध के साथ प्रति दिन 340 लाख लीटर दूध का उत्पादन है। लोगों को ने ग्रामीण स्तर पर जागरुकता और सिखलाई, विशेष तौर पर अनुसूचित जाति लाभपात्रों पर विशेष जोर देते हुए, द्वारा डेयरी फार्मिग लिए प्रेरित किया जाएगा। सिखलाई और मशीनों के लिए वित्तीय सहायता द्वारा व्यवसायिक डेयरी फार्मो को प्रोत्साहित किया जाएगा और तकनीकी जानकारी और फार्म स्तर पर मूल्य वृद्धि उपलब्ध करवाया जाएगा। बीड़ दोसांज में 12.84 करोड़ रुपए की लागत से देसी दुधारु नस्लो की संभाल और प्रसार लिए गोकुल ग्राम की सथापना की गई है। वर्ष 2018-19 दौरान राज्य में डेयरी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय किसान योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत ग्रांट दी जा रही है। मैं पट््टी में बफैलो रिसर्च सैंटर के लिए 10 करोड़ रुपए के आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस से इस क्षेत्र में भी डेयरी विकास को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।

मछली पालन

—–वर्ष 2018-19 दौरान मछली पालन और मछली उत्पादन के बढ़ रहे क्षेत्र पर भी जोर दिया जाएगा। खारे पानी वाले क्षेत्रों में झीगां मछली पालन की सफलता के मद्दे नजऱ वर्ष 2018-19 दौरान इस का 6 जिलो में व्यवसायिक तौर पर उन्नत किया जाएगा। मछली शिशु उत्पादन के मौजूदा 10 करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर 16 करोड़ किया जाएगा। मछली पुंग को उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए निजी क्षेत्र में एक मछली बरुड बैंक एवं हैचरीयां स्थापित की जाएगी।

सूअर पालन और बकरी पालन

—–डेयरी, मुर्गी पालन और मछली पालन के अतिरिक्त सूअर पालन और बकरी पालन को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। सरकारी सूअर, बीडिंग फार्म, नाभा का नवीनकरण और मजबूतीकरण किया गया है। होशियारपुर और गुरदासपुर में दो नये सूअर बीडिंग फार्म स्थापित किए गए और कोटकपूरा, फरीदकोट, कुलेमाजरा (पटियाला) और मतेवाड़ा (लुधियाना) में तीन प्रजनन फार्मो का आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण किया जा रहा है।
सहकारिता
—–सहकारिता ने जहाँ विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की ताकत को सुचारु करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वहाँ ही उन को स्व:निर्भर बनाया है। ग्रामीण आर्थिकता को मजबूत बनाने के अतिरिाक्त कृृषि की विभिन्नता को प्रोत्साहित करने वाले इस क्षेत्र को सरकार की तरफ से सहायता जारी रहेगी।
डेयरी सहकारिता

—–सहकारी क्षेत्र में कृृषि विभिन्नता और डेयरी विकास को प्रोत्साहित करने के हमारे प्रयत्नों के साथ साथ मिल्कफैड (वेरका) द्वारा बस्सी पठाना में 10 एल.एल.पी.डी की समर्था वाला मैगा डेयरी प्राजैक्ट स्थापित करने की योजना बनाई गई है। तीन पड़ावों में लागू होने वाले इस प्रोजैक्ट में बुनियादी ढांचे में सुधार किए जाने के साथ-साथ दूध की सैपटिक रहित प्रोसैसिंग दूध और दूध उत्पादों की पैकिंग और लम्बे समय तक उपयोग योग्य बनाना शामिल हैं। तांकि बढ़ीया बाजारी मूल्य मिल सके। जिस के फलस्वरुप किसानों को फार्म में ही अच्छी कीमते प्राप्त हो सके। वर्ष 2018-19 में इस प्राजैक्ट के लिए 65 करोड़ रुपए आरक्षित किये गये है।

पशु खुराक

—–कपूरथला में 13 करोड़ रुपए की लागत से नया कैटल फीड पलांट स्थापित किया जाएगा जिस में अति आधुनिक तकनीकों और उर्जा किफायती मशीनरी के साथ कम से कम 20 प्रतिशत ईधन लागत में बचत होगी।

घी एवं खाने योग्य तेल

—–खन्ना में मौजूदा पुरानी मशीनरी एवं प्लांट को बदल कर 42 करोड़ रुपए की लागत से उच्च दर्जे को 80 टी.पी.डी. वनस्पति, 50 टी.पी.डी. खाने योग्य तेल रिफाईनरी और फरैकशनेशन प्लांट भी लगाया जाएगा।

सहकारी शूगर मिलें

—–भोगपुर में सहकारी सैक्टर में सव से पुरानी शूगर मिल के आधुनीकरण और विस्तार के विशेष प्रोजैक्ट का उद्देश्य इस की समर्था को 15 मैगावाट सह-उत्पादन के साथ 3000 टी.सी.डी. तक बढ़ाना है जिस की कुल लागत 109 करोड़ रुपए है जिस ऊपर कार्य चल रहा है। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2018-19 राज्य बजट में 31.31 करोड़ रुपए की अधिक राशी उपलब्ध करवाई गई है। बटाला में सरकारी शूगर मिल के आधुनिकिकरण एवं अपग्रेडेशन के लिए भी प्रयत्न किये जाएगें।

प्रमुख कृषि सहकारी सोसाईटीयां (पी.ए.सी.एस.)

—–सूचना तकनोलाजी द्वारा पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए समूची 3,537 प्रमुख कृषि सहकारी सोसाईटीयों को अति आधुनिकता अनुसरण पर कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। इस संदर्भ में वर्ष 2018-19 में लगभग 45.50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।

नौजवान रोजगार और उद्योग—– खेल एवं युवा मामले

—–पंजाब के नौजवानों ने खेलों में हमेंशा ही बढिय़ा प्रदर्शन किया है और राज्य सरकार विभिन्न स्कीमों के अधीन, जिन में खेलों इंडिया भी शामिल है, में बुनियादी ढांचे के निर्माण/मज़बूतीकरण और मौजूदा खेल मुकाबलों जिन में किला रायपुर खेलें भी शामिल है, को प्रोत्साहित करना चाहती है। इस उद्देश्य के लिए खेलों इंडिया के अधीन 50 लाख रुपए का आरक्षण किया गया है।

पटियाला में स्पोटर्स युनिवर्सिटी

—–कैप्टन अमरिंदर सिंह जी की सरकार को हमेंशा ही विभिन्न विधाओं के साथ संबंधित युनिवर्सिटीयों की स्थापना को प्राथमिकता दी है। सरकार खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए पटियाला में एक स्पोर्टस यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव रखती है। मैं इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2018-19 के दौरान 10 करोड़ रूपए के आरम्भिक आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

ब्लॉक स्तर पर स्टेडियम

—–सरकार राज्य के सभी ब्लाकों में नौजवानों को खेलों की ओर उत्साहित करने के उद्देश्य के लिए स्टेडियम स्थापित करना चाहती है। वर्ष 2018-19 के दौरान मैं गुरू हरि सहाय, टांडा उडमूड, गिदडबाहा एवं खडूर साहिब समेंत ब्लॉक स्तर पर स्टेडियम स्थापित करने के लिए मैं इस उद्देश्य के लिए 6.25 करोड रूपए के आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

मोहाली एवं श्री मुक्तसर साहिब में शूटिंग के लिए उच्च दर्जे का केन्द्र

—–पंजाब ने कई निशानेबाज दिए है जिन्होंने औलंपिक्स और अन्य अन्तर-राष्ट्रीय मुकाबलों में अपने जौहर दिखाए है। इस खेल को प्रोत्साहन करने के लिए मोहाली में उत्तम स्तर की एक शूटिंग रेंज एवं श्री मुक्तसर साहिब में एक नया टेऊप और सकीट शूटिंग रेन्ज 2018-19 में 6 करोड़ रूपए की लगात से स्थापित की जाएगी।

रोजग़ार सृजन एवं प्रशिक्षण—– घर-घर रोजग़ार

—–पंजाब सरकार बेरोजगारी की समस्या से निपटने एवं घर-घर रोजगार की अपनी वचनबद्धता को पूरा करने के लिए दृढ़ है। यह नौजवानों के लिए कैरियर रहनुमाई, सलाह एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ सम्बन्धित नीति प्रबन्धों के द्वारा राज्य में रोजगार के अवसरों में सुधार लाकर नोजवानों के लिए रोजगार में विस्तार करने के लिए वचनबद्ध है।

—–पंजाब के सभी 22 जिलों में रोजगार एवं व्यवसाएं के जिला ब्यूरों स्थापित एवं कार्यशील किए जा रहे है। यह ब्यूरो जि़ला स्तर पर विभागों के बीच रोजग़ार सृजन, व्यवसाएं प्रशिक्षण, स्व-रोजग़ार एवं व्यवसाएं विकास के लिए विभिन्न स्कीमों के लागू करने में, जरूरी तालमेंल, निगरानी एवं प्रभावकारी तालमेंल लाएंगे एवं विदेशों में रोजगार प्राप्त करने में भी सहायता करेंगे। मैं इनके लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 20 करोड़ रूपए के आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

नोजवानों को रोजगार उपलब्ध करने वालों के साथ जोडना

—–रोजगार सृजन एवं प्रशिक्षण विभाग, पंजाब (ई.जी.टी.) के उद्योगों में नौजवानों की स्थाई नौकरियों के लिए एवं उद्योगपत्तियों/सेवायों क्षेत्र को एक दूसरे से तालमेंल रखने के लिए एवं कुशल नौजवानों के लिए एक सूचना तकनोलौजी प्लेटफार्म का भी विकास किया है।

उद्योग एवं वाणिज्य विकास—–किफायती बिजली

—–पंजाब हमेंशा ही एक बहुत मजबूत एम.एस.एम.ई. क्षेत्र रहा है जिस ने न केवल रोजगार उपलब्ध करवाएं बल्कि राज्य की आर्थिकता में भी महत्वपूर्ण योगदान डाला है परन्तु गत कुछ वर्षो के दौरान इसने तत्कालीन सरकार द्वारा गंभीर लापरवाही का सामना किया एवं इस को सहायता की आवश्यकता है। माननीय कैप्टन अमरिंदर सिंह जी की सरकार ने लगभग 1440 करोड़ रूपए की सब्सीड़ी उद्योगों को उपलब्ध करवाई है एवं 5 रूपए प्रति यूनिट की परिवर्तनशील लागत से उद्योग को बिजली उपलब्ध करवाई जो कि राज्य के इतिहास में किसी भी सरकार ने पहले कभी भी नही किया।

उद्योग एवं वाणिज्य विकास नीति-2017

—–राज्य सरकार ने औद्योगिक एवं व्यापारिक विकास नीति 2017 अधिसूचित की हैं जो कि राज्य को विकास एवं खुशहाली की राह पर पुन: वापिस लाने के नजऱीये का एक हिस्सा हैं।

औद्योगिक पार्को एवं सम्पश्रियों के लिए बुनियादी ढांचा

—–राज्य इसके रख-रखाव के लिए मजबूत नीतियों के साथ बढिया औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकसित करेगा। औद्योगिक पार्क एवं औद्योगिक सम्पत्ति एक एजेंसी के अन्तर्गत लाई जाएगी एवं इन सम्पत्तियों में सभी आम एवं अनिवार्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। सम्पत्ति प्रबन्धक की सभी नीतियों को आसान बनाया जाएगा। 55.40 करोड़ रूपए की कुल लागत से नाभा में एक आधुनिक फोकल प्वाईंट विकसित किया जा रहा हैं। एकीकृृत बुनियादी ढांचा विकास स्कीम (आई.आई.डी.) के अन्तर्गत हमारी सरकार औद्योगिक फोकल प्वाईंट, लुधियाना फेज़ चार, जालंधर (पुराना एवं विस्तार), बठिण्डा (नया) एवं मण्डी गोबिन्दगढ को अपग्रेड करेगी। मैं खन्ना, लुधियाना फेज़ आठ एवं पटियाला में मौजूदा औद्योगिक मिल्खों/फोकल प्वाईंटों में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण एवं विकास के लिए 10 करोड रूपए का आरम्भिक आरक्षण करने का प्रस्ताव करता हूँ।

—–राज्य चण्डीगढ-लुधियाना-अमृतसर एवं चण्डीगढ़-होशियापुर-गुरदासपुर का शहरी औद्योगिक गलियारों के रूप में भी विकास करेगा।
—–राज्य एस.ए.एस. नगर मोहाली में एक विशेष मार्बल मार्केट, ट्रांसपोर्ट नगर एवं आटोमोबाईल मार्किट का भी विकास करेगा।

स्टार्टअप एवं उद्यमता

—–राज्य एक मजबूत ईको सिस्टम के विकास के लिए उद्देश्यबद्ध प्रयत्न करेगा। जिस में स्टार्टअप और उद्यमी अपनी सर्वोत्म समर्था प्राप्त कर सकें। स्टार्टअप एवं उद्यमता की उन्नति के लिए कार्यवाही योजना एवं रणनीति की अगवाई के लिए विभाग एक समर्पित संस्था स्थापित करेगा।

कुशल श्रमिक

—–विश्व स्तर पर मुकाबला करने के योग्य बनने के लिए उद्योग द्वारा अगली पीढ़ी के निर्माण को अपनाने की सख्त जरूरत के प्रति राज्य सुचेत हैं। कम कुशल श्रमिक पर ज्यादा निर्भरता, रिसाईकिलिंग या श्रमिकों की मजदूरों के कुशलता का बेहतरीकरण उनको नई जरूरतों के लिए तैयार करने के लिए अनिवार्य होगा। राज्य विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों में विशेष कुशल केन्द्रों की स्थापना करेगा।

व्यवसाय करने की सुगमता

—–राज्य कारोबार हितैषी सेवा प्रदान करने वाले नैटवर्क एवं एक सांझे एकीकृत मंच द्वारा कारोबारों को सभी नियमित सेवाएं एवं विश्रीय प्रोत्साहन उपलब्ध करने के लिए ‘‘बिजनस फस्ट‘‘ पोर्टल स्थापित करके निवेश पंजाब पहलकदमी को सशक्त करेगा।

विश्रीय और ग़ैर विश्रीय प्रोत्साहन

—–नए निवेशों को आकर्षित करने एवं मौजूदा उद्योगों के विकास में सहायता के लिए राज्य ने विभिन्न विश्रीय एवं ग़ैर विश्रीय प्रोत्साहन उपलब्ध करवाए हैं। यह नीति विश्रीय तकनोलाजी मार्किट, बुनियादी ढ़ांचा एवं अन्य जरूरतों तक पहुंच को सशक्त करने के लिए लघु, छोटे एवं दरमियानें उद्यमों को मजबूत सहायता उपलब्ध करवाती है। राज्य ने विकास के लिए कुल अग्रणीय क्षेत्रों की पहचान की हैं एवं उन्हें भारी प्रोत्साहन उपलब्ध करवाए गए हैं। बीमार उद्योगों को पुन:जीवित करने के लिए विशेष लाभ भी दिए गए हैं। एक्सट्रीम बार्डर जोन को भी विशेष प्रोत्साहन दिए गए हैं।

सूचना तकनोलॉजी—–उद्योगिक फोकल प्वाईंट, अमृतसर में एस.टी.पी.आई. केन्द्र की स्थापना

—–भारत सरकार से भागीदारी में राज्य ने अमृतसर में एक अन्य साफ्टवेयर टैक्नालाजी पार्क ऑफ इण्डिया केन्द्र स्थापित करने की अनुमति दी हैं। यह इस क्षेत्र में साफटवेयर उद्योग के सामूहिक विकास के लिए आवश्यक बल देगा। जब एस.टी.पी.आई. अमृतसर में अपने इन्क्यूबेशन बुनियादी ढ़ांचे एवं अन्य सुविधाओं की स्थापना कर लेता है तब बहुत से युनिटों की शीघ्रता से वृद्धि करने की संभावना हैं।

भारत बी.पी.ओ. उन्नति स्कीम

—–भारत बी.पी.ओ. उन्नति स्कीम (आई.बी.पी.एस.) राज्य में बी.पी.ओ./आई.टी.ई.एस. संचालन एवं स्थापना, रोजगार अवसरों की सृजना को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से योग्य कम्पनियों को वाइविलटी गैप फंडिंग (वी.सी.एफ.) के रूप में पूंजीगत सहायता की परिकल्पना करती हैं। इसके साथ पंजाब में इस सैक्टर में 3000 से भी अधिक नौकरियों के सृजन होने की आशा हैं।

पर्यटन और सांस्कृतिक मामले—–पंजाब राज्य पर्यटन पालिसी, 2018

—–हमारी सरकार ने पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब राज्य पर्यटन पालिसी, 2018, अधिसूचित की हैं ताकि आगामी पांच वर्षो में राज्य में घरेलू एवं विदेशी सैलानियों के आगमन को दोगुना किया जा सकें। पालिसी का विशेष ध्यान मैडीकल टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म, ग्रामीण टूरिज्म एवं विषयगत सर्कट, जैसे कि हैरीटेज़ सर्कट, महाराज सर्कट, मुगल सर्कट, सूफी सर्कट आदि के विकास पर केन्द्रित हैं।

—–पंजाब के पास राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर दोनों पर मैडीकल टूरिज्म का केन्द्र बनने के समर्थ हैं। इस के पास राज्य में फिल्म टूरिज्म की प्रगति के लिए बहुत बड़ी प्रयोग में न लाई गई समर्था है। राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय फिल्म प्रोडक्श्न हाऊस को आकर्षित करने के लिए हम फिल्मों को फिल्माने के उद्देश्य के लिए सिंगल विंडो क्लीयरैंस उपलब्ध करने के लिए अग्रणीय मुकाम बनाया जा सके।

सांस्कृतिक पालिसी

—–राज्य ने पहली बार सांस्कृतिक नीति भी अधिसूचित की हैं। नीति का उद्देश्य राज्य के अमीर सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासत को उन्नत, सुरक्षित एवं संभालने का उद्देश्य रखती हैं। इसमें बुनियादी ढांचा विकास एवं अनिवार्य प्रबंधकी ढांचे के निर्माण द्वारा कला एवं संस्कृति के शौंक को एक जनून वाला माहौल उपलब्ध करवाना शामिल हैं।

—–हमारे त्यौहार हमारें पंजाबियों को मौज़ मस्ती की भावना, भाईचारक एकता, एवं जोशीले जीवन को प्रतिबिन्बित करते हैं। इस वर्ष के दौरान हम एक ऐसा कलैण्डर तैयार करेंगें, जो राज्य में त्यौहार मनाने को दर्शाएगा। हमारे यह प्रयत्न लोगों के खास तौर पर नौजवानों एवं गैर प्रवासी भारतीयों को मेले एवं सांस्कृृतिक को हमारी महान विरासत से जोडऩे के लिए हैं। वर्ष 2018-19 में इस उद्देश्य के लिए 5 करोड़ रूपए आरक्षित किए गए है।

श्री गुरू नानक देव जी की 550वीं जन्म वर्षगांठ को मनाना

—–राज्य की ओर से वर्ष 2019 के दौरान श्री गुरू नानक देव जी की 550वें प्रकाशपर्व को पूर्ण सम्पर्ण एवं उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इन समारोहों की तैयारियों के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 100 करोड़ रूपए आरक्षित किए गए हैं जिन में सुलतानपुर लोधी के लिए 10 करोड़ रूपए एवं डेरा बाबा नानक के लिए 10 करोड़ रूपए की विशेष ग्रांट इन स्थानों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य बुनियादी ढांचे केा सशक्त बनाने के लिए शामिल हैं और इन उत्सवो के तौर पर 25 करोड़ रूपए गुरू नानक देव विश्वविद्यालयों के लिए आरक्षित किए हैं।

—–हम आजादी के संघर्ष के दौरान जलियांवाला बाग में हमारे भाईयों के सर्वोच्च बलिदान को शताब्दी को भी मनाने जा रहे है। इस घटना की याद को मनाने के लिए 10 करोड रूपए का खर्च मुहैया करवाया जा रहा है।

जैतों मोर्चा की याद में यादगारी स्मारक की स्थापना एवं अन्य स्मारकों को पूरा करना

—–वर्ष 2018-19 के दौरान स्मारकों को मुकम्मल करने एवं उनके संचालन एवं रख-रखाव एवं ’’आजादी के संघर्ष के दौरान जैतों मोर्चा’’ की याद में स्मारक स्थापित करने के लिए 38 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।

—–सरदार बेअंत सिंह की यादगारी स्मारक एवं सारागड़ी यादगारी स्मारक, फिरोजपुर को क्रमश: मुकम्मल करने के लिए 2 करोड़ रूपए एवं एक करोड़ रूपए का विशेष आरक्षण भी किया गया हैं।

सैलानी सर्कट (स्थानों) का विकास

—–पर्यटक विभाग की और से उच्च सैलानी मूल्यों के सिद्धान्तों पर स्वदेश दर्शन को लागू करने के लिए सैलानी सर्कट की प्रक्रिया आरम्भ की गई है। विकसित किए जाने वाले महत्वपूर्ण सर्कटों मेें अध्यात्मिक सर्कट, महाराजा सर्कट एवं मुगल सर्कट शामिल है। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2018-19 दौरान 10 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
नागरिक भलाई—–अनुसूचित जातियां, पिछड़ी श्रेणियां और अल्प संख्यकों का कल्याण

—–विश्व में सब से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले राज्य पंजाब ने उन की भलाई के लिए बहुत से प्रोग्राम आरम्भ किए है। कृृप्या मुझे अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों और अल्प संख्याथों की भलाई के लिए सरकार की दृृढ़ वचनबद्धता पर प्रकाश डालने का अवसर दो। हमारे समाज के लाभ से वंचित वर्गों की भलाई के लिए वर्ष 2018-19 के दौरान वैज्ञानिक, समाजिक, आर्थिक एवं अन्य विकास प्रोग्रामों जैसी विभिन्न भलाई स्कीमों के लिए 1235 करोड़ रुपए की राशि की घोषणा करते हुए मुझे खुशी अनुभव हो रही है।

आशीर्वाद

—–आशाीर्वाद स्कीम के अन्तर्गत राज्य सरकार ने दिनांक 1.7.2017 से योग्य लाभपात्रों की ग्रांट को 15000 से बढ़ा कर 21000 करने का निर्णय किया है। अदायगी ऑनलाईन बैंकिग मैनेजमैंट सिस्टम द्वारा की जाती है ताकि स्कीम में प्रार्दिशता लाई जा सके। मैं वर्ष दौरान इस स्कीम के अन्तर्गत 150 करोड़ रुपए के आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

मैट्रिक उपरांत छात्रवृति

—–अनुसूचति जातियों और अन्य पिछड़ी श्रेणियों से सम्बन्धित विद्यार्थियों को मैट्रिक पश्चात छात्रवृृति दिए जाने पर प्राप्त हुई शिकायतों ने इस सदन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है । मैं इस सदन को बताना चाहता हूँ कि हमने इस स्कीम का विस्तृृत ओडिट करवाया है। इस आडिट में 2183 निजी संस्थाओं के 5,44,872 विद्याथी एवं 2126 सरकारी संस्थाओं 5,82,139 विद्यार्थी शामिल हैं। दिनांक 15.3.2018 तक ने लगभग हम 47 प्रतिशत लाभपात्रों का आडिट मुक्मल कर लिया है एवं उक्त स्कीम के अन्तर्गत 329 करोड़ रुपए की राशि अपत्तिजनक पाई गई है। हमें अहसास है कि इस कवायद के दौरान विद्यार्थियों को किसी किस्म की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इस लिए हम गत वर्ष 620 करोड़ रुपए के मुकाबले इस वर्ष 860 करोड़ रुपए के आरक्षण का प्रस्ताव रखते है।

पिछड़ी श्रेणियों का सशक्तिकरण

—–पिछड़ी श्रेणियों के सशक्तिकरण के लिए हम शैक्षणिक, तकनीकी एवं व्यवसयिक संस्थाओं में पिछड़ी श्रेणियों के दाखिलों में आरक्षण का कोटा 5 प्रतिशत से बढ़ा कर 10 प्रतिशत कर दिया है। इस के अतिरिक्त राज्य सरकार ने पिछड़ी श्रेणियों की परिवारिक आमदन की सीमा को 6 लाख से बढ़ा कर 8 लाख वार्षिक कर दी है।

समाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास

—–हमारी सरकार ने हमेंशा ही महिला सशक्तिकरण एवं समाज के लाभ से वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी है।

—–मैं वर्ष 2018-19 के दौरान समाजिक सुरक्षा क्षेत्र के अधीन गत वर्ष के दौरान 3605 करोड़ रुपए के आरक्षण के मुकाबले 3806 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखता हूँ।
पैन्शन

—–राज्य सरकार आपनी समाजिक सुरक्षा स्कीमें के अन्तर्गत समाज के कमज़ोर वर्गों से सम्बधित लगभग 17.35 लाख लाभपात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हमारी ओर से किये गये वायदों को पूरा करते हुए हम मासिक पैन्शन को बढ़ा कर 750 रुपए प्रति माह कर दिया गया हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे स्रोत्रों की स्थिति मजबूत होने पर हम इस में ओर बढ़ोतरी कर सकेगें इस उद्देश्य के लिए इस वर्ष की बजट प्रस्ताव में 1634 करोड़ रुपए का आरक्षण किया गया है।
सामूहिक बाल विकास योजना

—–सामूहिक बाल विकास योजना के अन्तर्गत लाभपात्रों को 6 सेवाएं – अनूपुरक पोषण, टीकाकरण, सेहत जांच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, प्री स्कूल शिक्षा एवं हवाला सेवाएं प्रदान की जाएंगी जिसके लिए वर्ष 2018-19 में 696 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव आरक्षित किया गया है।

महिला शक्ति केन्द्र

—–वर्ष 2019-20 तक लागू किये जाने वाली इस नयी स्कीम अर्थात महिता शक्ति केन्द्र भी (एम.एस.के.) स्वीकृृत की गई है। यह योजना स्कीम ग्रामीण महिलाओं को जागरुता सृजन, प्ररिक्षण एवं समर्था निर्माण के द्वारा अपने अधिकार एवं सशक्तिकरण प्राप्त करने के लिए सरकार तक पहुँच करने के लिए एवं माध्यम का काम करेगी। वालंटियर विद्यार्थी इच्छित सामुदायिक सेवा एवं लिंग समानता की भावना को उत्साहित करेगें। यह वालंटियर विद्यार्थी ’’परिवर्तन के एंजैटों’’ के तौर पर सेवाएं देगे जिसके साथ उनके सामुदायिक एवं देश पर अमिट प्रभाव पड़ेगा। इस उद्देश्य के लिए बजट में उचित आरक्षण किया गया है।

स्वंत्रता सैनानी

—–हमें यह बताते हुऐ अत्याधिक खुशी अनुभव हो रही है कि हमारी सरकार अपने वायदों को पूरा करते हुए स्वंत्रता संग्रामियों को बिजली के 300 यूनिट प्रति माह नि: शुल्क दे रही है।

सुरक्षा सेवाएं भलाई

—–यह सरकार हमेंशा ही हमारे रिटार्यड फौजियों की धन्यवादी रही है एवं रिटार्यड फौजियों, युद्ध विधवाओं, विश्व युद्ध के रिटार्यड फौजियों, अपाहिज सिपाहियों एवं उनके आश्रितों की भालाई एवं पुन स्थापना के लिए वचनबद्ध है। सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न भलाई योजनाएं कुशल एवं प्रभावशाली लागू करने एवं नागरिक केन्द्रित सेवाओं के साथ-साथ रिटार्यड फौजियों के रोजगार को सुनिश्चित बनाने के लिए हम ’’गार्डियन आफ गवर्नैस’’ स्कीम आरम्भ की है। वर्ष 2018-19 में इस स्कीम के लिए निर्धारित 30 करोड़ रुपए का आरक्षण किया जा रहा है।

—–सभी सशस्त्र सेनाओं की ओर से दी गई उत्तम कुरबानियों को प्रदार्शित करने के लिए अमृतसर में पंजाब राज्य वार हिरोज मैमोरियल एवं म्यूजियम को पूरा करने के लिए 8 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए है। इसके अतिरिक्त राज्य में सैनिक स्कूलों के लिए 10 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाये गए है।
श्रम भलाई

—–विभाग राज्य की व्यापार करने की सफलता की नीति की पालना में उद्योगों, व्यापारिक अदारों एवं श्रमिक को आन लाईन सेवाएं प्रदान करने में क्रियाशील भूमिका निभा रहा है। विभाग ने एक ई-लेबर पोर्टल तैयार किया है। लाईसैंसों की स्वीकृृति, नवीनीकरण एवं उद्योगों, व्यापारिक अदारों के साथ-साथ श्रमिकों को अनिवार्य सेवाएं आनलाईन उपल्बध करवाती है।

एन.आर.आई मामले

—–हमारे एन.आर. आईज़ बहनों भाईयों ने दुनिया के लगभग हर देश में सफलता के शिखरों को छुआ है। फर्रैंडस आफ पंजाब (मुख्य मंत्री गरिमा ग्राम योजना) एवं कुनैक्ट में यूयर रुटस के (सी.वाई.आर.) अन्तर्गत, पंजाब मूल के एन. आर. आईज़ को पंजाब में अपनी जड़ों के साथ जोडऩे के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हम अपने एन.आर.आईज़ भाईचारे को यह भी भरोसा दिलाया है कि पंजाब में उनकी ओर से अपने गाँव में किसी भी बुनियादी ढाँचे से संबंधित आरम्भ किए गए कार्यों में सरकार 50 प्रतिश्त का योगदान डालेगी।

—–एन.आर.आईज़ की ओर से दर्ज शिकयातों/समस्याओं के असरदार एवं शीघ्र निपटाने के लिए एक नया एक्ट बनाया जा रहा है।

खाद्य एवं सिविल आपूर्ति

—–यह सरकार समाज के कमज़ोर वर्गों की भलाई को उत्तमता देती है उनकी आर्थिक मजबूती सकरार के ध्यान का मुख्य केन्द्र है। ताकि यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि ऐसे वर्गोंं से संबंधित लोग सीमा से बाहर न रह जाएं। इस लिए ई-पोस मशीनें ला कर आटा -दाल स्कीम को पुनर्गठित किया गया है जो सब्सिडी युक्त अनाज की वितरण प्रणाली को सुनिश्चित करती है।

—–इसके अतिरिक्त हमारा यह सुनिश्चित करने का प्रयास होगा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडीयों के अन्य लाभ केवल गरीबों, हाशियाग्रस्त एवं जरूरतमंदो को ही मिले। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उच्च वर्गों की ओर से गरीबों को कोई नुकसान न पहुंचे हम वित्तीय एवं अन्य सब्सिडीयों की निश्चित प्रदानगी के लिए एक कानून लाएंगे। इससे सब्सिडीयों एवं लाभ पात्रों के आधार नम्बर के साथ लिंक करने से प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर एवं एक कुशल, पारदर्शी एवं लक्ष्य आधारित भुगतान सुनिश्चित होगा।

—–हम अपने किसानों के लिए अनाज खरीद संचालनों एवं देश की खाद्य सुरक्षा के तीव्र महत्व के प्रति सुचेत हों। पिछली रबी एवं खरीफ फसलों के दौरान सरकार ने हमारे किसान भाईयों द्वारा पैदा किए गए अनाज की सरल एवं सुचारू खरीद को सुनिश्चित बनाया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतें

—–राज्य सरकार ग्रामीण रोजगार एवं ग्रामीण उपजीविका के सृृजन के माध्यम से ग्रामीण आबादी के सर्वपक्षीय विकास के प्रति वचनबद्ध है। वर्ष 2017-18 में 1605 करोड़ रुपए के आरक्षण के मुकाबले वर्ष 2018-19 के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतों के लिए 3020 करोड़ रूपए का खर्च आरक्षित किया गया है जो कि गत वर्ष से 88.20 प्रतिशत की वृृद्धि है।

मनरेगा

—–महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत अब तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 637253 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। वर्ष 2022 तक पंजाब राज्य में प्रधान मन्त्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत सभी बेघर ग्रामीण परिवारों को छत मुहैया करवाई जाएगी एवं 1.25 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा।

—–ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा योजना को पशुपालन, मछली पालन एवं डेयरी विकास, जल स्रोतो, वन एवं वन्य जीवन एवं बागबानी के साथ जोडऩे की योजना बना रहा है। इन योजनाओं को जोड़ कर पशुओं के लिए शरण स्थल, मछलियों के तालाब, बगीचे स्थापित किये जायेंगे। इनको जोडने की इस कवायद में 75000 परिवारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वर्ष 2018-19 के बजट में मनरेगा के लिए 325 करोड़ रूपए आरक्षित किए गए हैं।

—–समरूपता का प्रयोग करते हुए 4000 हैक्टेयर की कण्डी बैल्ट पर वन लगाए जाएंगे एवं प्रत्येक 10वें गावं में एक पार्क बनाया जाएगा जिससे ना केवल रोजगार पैदा होगा अपितू वातारण भी प्रफुल्लित होगा।

महात्मा गांधी सरबत विकास योजना (एन.जी.एस.वी.वाई.)

—–सरकार ने गरीब एवं समाज के अन्य लाभ वंचित वर्गो के प्रति अपनी वचनबद्धता के चलते विभिन्न लाभकारी योजनाओं को एम.जी.एस.वी.वाई. के अधीन लेकर आई है जिसका नया केन्द्र बिन्दू हर योग्य लाभपात्र की सटीक पहचान करना है। क्षेत्रिय वितरण के अलावा इस योजना के लिए 1.5 करोड़ के आरक्षण का प्रस्ताव है।

गावों में कूड़ा प्रबंधन

—–राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कूड़ा प्रबंधन सरकार की अति महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। वर्तमान समय में ठोस कूड़ा प्रबंधन अवैज्ञानिक ढंग से किया जा रहा है जिसमें एकत्रीकरण, पृृथकीकरण एवं निपटाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से सुधार किया जाएगा। वर्ष 2018-19 में आरम्भिक तौर पर इस योजना के तहत 740 गांव कवर किए जाएंगे।

गंदे पानी का निपटारा

—–इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में गंदा पानी अथवा तरल अवशिष्ट प्रबंध के निपटारे का जिम्मा लेने की जरूरत है। गांवों में स्थित तालाबों के गंदे पानी को स्वच्छ करने के लिए वैज्ञानिक तरीके जरूरी है। इस वर्ष के दौरान इस योजना के तहत आरम्भिक रूप में 740 गांवों को कवर किया जाएगा।

ग्रामीण डाटाबेस की डिजीटाईजेशन


 

सामाजिक सेवाएं—–स्कूल शिक्षा—–स्कूली बुनियादी ढांचे में सुधार

—–हमारे बच्चों को उच्च गुणवत्त्ता की शिक्षा प्रदान करवाना और एवं शिक्षा का सुदृृढ़ बुनियादी ढांचे का निर्माण करना हमारी तीव्र इच्छा एवं अहम कत्र्वय है। इस लिए हम वर्ष 2018-19 के दौरान 1597 अतिरिक्त क्लास रूमों के निर्माण का प्रस्ताव रखते हैं ताकि विद्यार्थियों को उचित प्रशिक्षण वातावरण उपलब्ध करवाया जा सके। इस उद्देश्य के लिए 120 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध करवाया गया है।

—–वर्ष 2017-18 के दौरान 5.25 करोड़ रुपए के बजट के प्रावधान द्वारा 3281 प्राइमरी स्कूलों के लिए ग्रीन बोर्ड खरीदे गए हैं और बाकी रहते सारे सरकारी प्राइमरी, मिडल एवं हाई स्कूलों के लिए ग्रीन बोर्डों की खरीद के लिए वर्ष 2018-19 के दौरान 21 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।

—–यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सुरक्षित पीने योग्य पानी को उपलब्ध करवाने के उद्देशय के लिए 9 करोड़ रुपए की लागत के साथ 1500 स्कूलों में आर.ओ. सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
—–राज्य सरकार के वर्तमान वर्ष के दौरान प्राईमरी स्कूलों के बैंचों की खरीद के लिए 21 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए हैं। वर्ष 2018-19 के दौरान बाकी रहते प्राईमरी स्कूलों के सभी मिड़ल स्कूलों में भी 23.14 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के द्वारा फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाएगा।

स्मार्ट स्कूल

—–विद्यार्थियों द्वारा स्वयं को स्कूल के साथ पहचानने के ढंग में स्कूल का माहौल बहुत मायने रखता है। प्रत्येक शिक्षा ब्लाक में मौजूद प्रत्येक स्कूल को उच्च कोटि की सुविधाओं वाले स्मार्ट स्कूल में परिवर्तित किया जाएगा एवं वर्ष 2018-19 के दौरान इस उद्देश्य के लिए स्रोत जुटा कर 50 करोड़ रूपए आरक्षित किए जाएंगे।

कन्या स्कूलों के बुनियादी ढांचे का सुधार

—–हमारी सरकार प्राईमरी से सीनीयर सैंकेडरी के सभी स्तरों पर स्कूलों में कन्याओं के दाखिले में वृद्धि के प्रति वचनबद्ध है। कन्याओं द्वारा स्कूल छोडऩे का मुख्य कारण स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालयों का न होना है। राज्य के सभी स्कूलों में लडकियों के लिए अलग शौचालयों का निर्माण किया जाएगा जिसके लिए उचित प्रावधान किए जा रहे हैं।

—–इसके अतिरिक्त, सरकार लड़कियों की माहवारी की स्वच्छता में सुधार एवं स्कूल आवंटन की दर में कमी के उद्देश्य के साथ सभी सरकारी स्कूलों में 6-12वीं कक्षा की छात्राओं को नि:शुल्क सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाएगी। वर्ष 2018-19 के दौरान मैं 10 करोड़ रुपए के आरंभिक आरक्षण का प्रस्ताव करता हूँ।

—–मैं इस वर्ष के दौरान कन्याओं के लिए सीनीयर सैंकेडरी स्कूलों में बुनियादी ढांचे की सम्पूर्णता के लिए 2 करोड़ रुपए के आरंभिक आरक्षण का प्रस्ताव करता हूँ।
100ण् इस के अतिरिक्त जब हमें स्कूलों में प्रिंसीपल एवं अध्यापकों के साथ बाचतीत करने का अवसर मिला तो हमारे ध्यान में लाया गया कि छोटी-मोटी मुरमम्तों एवं संभाल के लिए स्कूलों में कोई फंड उपलब्ध नहीं है। इस वर्ष के आरंभ से हम नियमित तौर पर स्कूलों की संभाल के लिए फंड उपलब्ध करवांऐ। इस समय मैं मौजूदा स्कूली बुनियादी ढांचे की नियमित संभाल के लिए 10 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव करता हूँ।

स्कूलों में ग्रीन एनर्जी

—–हम सभी ऊर्जा के नवीनीकरण योग्य स्रोतों की तबदीली की साकारात्मक जरूरत के प्रति जागरुक हैं। इस वर्ष हम जनतक निजि सहिभागिता के द्वारा इन स्कूलों को बिजली के पक्ष से स्व:निर्भर बनाने के लिए राज्य के सारे ही सीनीयर सैकेण्डरी सोलर ऊर्जा सिस्टम स्थापित करने का प्रस्ताव रखते हंै।

प्रशिक्षण बढ़ोत्तरी कार्यक्रम

—–सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के प्रशिक्षण स्तरों में सुधार लाने के लिए ‘‘पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब‘‘ कार्यक्रम आरंभ किया गया है। यह कार्यक्रम राज्य में सभी प्राइमरी एवं अप्पर प्राइमरी स्कूलों में योजनाबद्ध ढंग से बहुत ही सावधानी से चलाया जा रहा है। आरम्भिक परिणामों ने लक्ष्यगत विद्यार्थियों के आरंभक प्रशिक्षण स्तरों में सुदृृढ़ सुधार दर्शाया है। इस कार्यक्रम में ली गई गतिविधियों की सहायता के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है।

—–वैज्ञानिक सोच एवं तर्क की उन्नति के लिए यह निर्णय किया गया है कि वर्ष 2018-19 दौरान विभाग की ओर से विज्ञान की पढ़ाई करने वाले विधार्थियों की संख्या में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

प्री-प्राइमरी कक्षाएं

—–इस सरकार ने अपनी किस्म की एक विलक्षण पहलकदमी की है। हमने दिनांक 14.11.2017 से सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आरम्भ की हैं। 3-6 वर्ष की आयु वर्ग के लगभग 1.60 लाख बच्चों को इन प्री-प्राइमरी स्कूलों में दाखिल किया गया है। वर्ष 2018-19 के दौरान प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को अध्यापन प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए 2.50 करोड़ रुपए का आरंभिक आरक्षण किया गया है।

सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ््य पुस्तकें

—–राज्य, वर्ष 2018-19 के दौरान सरकारी स्कूलों में 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को जरूरी पाठ््य पुस्तकें नि:शुल्क उपलब्ध करवाएगा। इस उद्देश्य के लिए 49 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। वर्ष 2018-19 अकादमिक सत्र के लिए पाठ््य पुस्तकें पहले ही प्रकाशन अधीन हैं एवं विभाग अगले अकादमिक वर्ष के आरंभ होने से पहले ही विद्यार्थियों को पाठ््य पुस्तकें उपलब्ध करवाने की स्थिति में होगा।

डिज़ीटल शिक्षा

—–कम्प्यूटरों एवं प्रोजेक्टरों समेंत आधुनिक तकनोलाजी का प्रयोग केवल अध्यापन को अधिक अनुकूल बनाता है बल्कि संकल्पों की समझ के लिए भी सहायता करता है एवं इस प्रकार विद्यार्थियों की ओर से बढिय़ा प्रशिक्षण प्राप्त किया जाता है। निजी सहिभागीदारों के साथ मिल कर समूह स्कूलों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इस संबंधी एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं एवं मार्च 2018 तक 200 स्कूलों को कवर किया जाएगा बकाया स्कूल चरणबद्ध रूप से अगले दो वर्षों में कवर किए जाएंगे।

—–इस के अतिरिक्त पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास उपलब्ध मौजूदा सभी रिर्काडों को डिज़ीटाईज़ किया जा रहा है ताकि नागरिकों को अलग-अलग सेवाओं की शीघ्र प्रदानगी को सुनिश्चित बनाया जा सके। मौजूदा अकादमिक सत्र से बोर्ड की ओर से मैट्रिक एवं 10$2 परीक्षा के लिए डिज़ीटल प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।

व्यवसायिक शिक्षा

—–एन.एस.क्यू.एफ. योजना के अन्तर्गत व्यवसायिक शिक्षा का प्रसार अब 380 और स्कूलों तक कर दिया गया है। वर्ष 2018-19 के दौरान व्यवसायिक शिक्षा अधीन 500 और स्कूलों को कवर किए जाने की योजना है।

उच्च शिक्षा
—–यदि हम वर्ष 2022 तक 32 के कुल नामांकित अनुपात को प्राप्त करने का लक्ष्य रखें जो कि फिलहाल 28.6 (वर्ष 2016-17) पर है, तो हमें उच्च शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृृढ़ बनाना पड़ेगा एवं इस तक पहुंच में सुधार लाना होगा। इससरकारने 10 नए डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य के लिए मैं इस वर्ष 30 करोड़ रुपए के आरंम्भिक आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा)
—–राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत पिछले अकादमिक वर्ष से पठानकोट एवं फिरोज़पुर में दो मॉडल डिग्री कॉलेज कार्यशील हो गए हैं। 26 करोड़ रुपए प्रति कॉलेज की लागत वाले दो और व्यवसायिक कालेज-आर्टस एंड स्पोर्टस कॉलेज, जालंधर एवं पंजाब एैरोनाटिक कालेज, पटियाला पूरे होने वाले हैं। मैं यह बताना चाहता हूँ कि मैं स्पोर्टस कॉलेज, जालंधर की अपग्रेडेशन के चल रहे कार्य को पूरा करने के लिए वर्ष 2018-19 में 1.50 करोड़ रुपए का प्रावधान कर रहा हूँ।

पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में महाराजा अग्रसेन चेयर

—–हम पंजाब के आर्थिक विकास में अग्रवाल भाईचारे की ओर से निभाई गई भूमिका को उजागर करने हेतु 7 करोड़ रुपए के आरक्षण के साथ पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में महाराजा अग्रसेन चेयर की स्थापना करने का प्रस्ताव रखते हैं एवं इस वर्ष 2 करोड़ रुपए का आरम्भिक बजट आरक्षित किया जाएगा।

पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में महाराणा प्रताप चेयर

—–हमारे देश के एक महान सपूत का सम्मान करते हुए एक सामान्य से प्रयत्न की ओर से 7 करोड़ रुपए के आरक्षण से हम पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में महाराणा प्रताप चेयर की स्थापना करने का प्रस्ताव रखते हैं एवं इस वर्ष 2 करोड़ रुपए का आरंभिक आरक्षण किया गया है।

विश्वविद्यालयों को ग्रांट

—–हमें अपने पंजाब विश्वविद्यालय पर गौरव है एवं हम इसकी सहायता के लिए वचनबद्ध हैं। इस वर्ष से आरंभ करते हुए हम देश के सब से पुराने विश्वविद्यालयों में से एक पंजाब विश्वविद्यालय की ग्रांट को 33 करोड़ रुपए की मौजूदा ग्रांट से बढ़ा कर वर्ष 2018-19 में 42.62 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया है। इस में वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय की सहायता के लिए इस वर्ष 6 करोड़ रुपए की अतिरिक्त ग्रांट शामिल है। इससे संबंधित कालेजों के लिए मैं 8 करोड़ रुपए की ग्रांट का प्रस्ताव रख रहा हँू।

—–इसी तरह राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों जैसे के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, पंजाबी विश्वविद्यालय, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, गडवासू, गुरू रविदास आयुर्वेदा विश्वविद्यालय एवं राजीव गांधी नेशनल लॉ विश्वविद्यालय को दी जाने वाली ग्रांटों में पिछले वर्ष के मुकाबले कम से कम 6 फीसद की बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव है।

—–मैं इस वर्ष पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के लिए 50 करोड़ रुपए की एकमुश्त अतिरिक्त ग्रांट का प्रस्ताव भी रखता हूँ।

—–सरकार समूह भाषाओं, विशेष तौर पर पंजाबी के प्रसार के लिए वचनबद्ध है, जिसके लिए वर्ष 2018-19 के दौरान 25.01 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए है।
कालेजों में वाई फाई सुविधा

—–हमारी सरकार जानकारी के बेहतर आदान-प्रदान एवं अध्यापन विधियों के लिए सरकारी कॉलेजों के विद्यियार्थियों एवं अमले को सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रति वचनबद्ध है। इसलिए हमने सभी 48 सरकारी कॉलेजों में नि:शुल्क वाई-फाई सेवाएं उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी महसूस हो रही है कि यह सुविधा पहले से ही 23 कालेजों में कार्यशील हो चुकी है और बाकी के कालेजों में जुलाई, 2018 तक आरंभ हो जाएगी।

—–सरकार चाहती है कि राज्य के विश्वविद्यालय एवं अकादमिक संस्थाएं एक सुदृृढ़ औद्योगिक संपर्क से नवीन, शोध आधारित केंद्र के तौर पर उभर कर सामने आएं। इसलिए हम उद्योगों की भागेदारी के साथ शैक्षणिक संस्थाओं को अपने संस्थानों में इनक्यूबेटर एवं शोध केंद्र आरंभ करने के लिए प्रोत्साहित और सहायता करेगें।
तकनीकी शिक्षा

—–इस अज़ीम सदन के सामने मुझे यह बताने में बहुत प्रसन्नता हो रही है कि सरकारी पोलीटेकनिकल कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लाभ हेतु आरंभ की गई मुख्य मंत्री छात्रवृति योजना के सफल आरंभ के फलस्वरूप दाखिलों में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

कुशलता विश्वविद्यालय

—–सरकार द्वारा रोजग़ार उन्मुख शिक्षा हेतु श्री चमकौर साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर 100 एकड़ में एक कुशलता विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। आगामी समय में इस उद्देश्य के लिए आवश्यक बजट प्रावधान किए जाएंगे।

पंजाब नौजवान कुशलता विकास योजना

—–सरकार की ओर से पंजाब नौजवान कुशल विकास योजना नाम की एक नईं योजना आरंभ करने का निर्णय किया गया है जिसका उद्देेश्य किसी कुशलता प्रशिक्षण केन्द्र में 18-35 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजग़ार नौजवानों को नि:शुल्क कुशलता प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह योजना विशेष तौर पर अनुसूचित जातियों एवं पिछड़ी जनजातियों, विकलांग, स्त्रियों एवं स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थियों पर केंद्रित होगी। इस उद्देश्य के लिए मैं वर्ष 2018-19 के दौरान 10 करोड़ रुपए के आरक्षण का प्रस्ताव करता हूँ।

—–सरकार उन ब्लॉकों में आई.टी.आई/पुनर्विकास केन्द्र स्थापित करने की योजना भी बना रही है जहाँ इनमें से कोई भी नहीं लगा हुआ। उद्योगों को कार्य कुशल श्रमिक साथ जोडऩे के लिए साईकिल वैली, लुधियाना में पी.पी.पी. की तर्ज पर आई.टी.आई. की स्थापना की जाएगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई

—–हमारी सरकार समूची आबादी, विशेष तौर पर लाभ से वंचित को समान, पहुंच योग्य एवं किफायती गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के प्रति वचनबद्ध है। सरकार अपनी प्राथमिक और दूसरे दर्जे की स्वास्थ्य देख्रभाल सेवाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 4015 करोड़ रुपए का कुल आरक्षण कर रही है, जो कि पिछले वर्ष के बजट अनुमानों से 13 प्रतिशत अधिक है।

नेशनल हेल्थ मिशन (एन.एच.एम)

—–नेशनल हेल्थ मिशन (एन.एच.एम) के फ्लैगशिप प्रोग्राम के अन्तर्गत मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, मशीनों की उपलब्धता, रोग निदान एवं नि:शुल्क दवाईयों के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 914.57 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। प्रस्तावित किया गया आरक्षण पिछले वर्ष 776.63 करोड़ रुपए के आरक्षण की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है।

नए अस्पताल एवं ट्रामा सैंटर

—–सरकार की ओर से लुधियाना में दोराहा एवं पटियाला में स्थित घनौर में नए अस्पताल भी बनवाए जाएंगे एवं सिविल अस्पताल, बठिंडा का नवीनीकरण किया जाएगा। सडक़ हादसों के शिकार व्यक्तियों पर तुरंत ध्यान देने के लिए हम महत्वपूर्ण राज्य मार्गों पर ट्रामा सैंटर बनाने का प्रस्ताव रखते हैं जिस के लिए मैं वर्ष 2018-19 के लिए 20 करोड़ रुपए के आरंभिक आरक्षण का प्रस्ताव पेश करता हूँ।

कैंसर रोगियों को सहायता एवं नशा मुक्ति

—–मुख्य मंत्री कैंसर राहत कोश के अन्तर्गत 30 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है जिस में 1.50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता कैंसर रोगी के नि:शुल्क इलाज के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। 39 करोड़ की लागत से अमृृतसर में एक स्टेट कैंसर संस्थान 45 करोड़ रुपए की लागत से फाजिल्का में ट्रसरी कैंसर केयर सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा। राज्य में कैंसर निदान एवं उपचार बुनियादी ढांचे के विस्तार एवं नशा मुक्ति की नईं नीति को लागू करने में सहायता करने हेतु कैंसर एवं नशा मुक्ति उपचार बुनियादी ढांचा बोर्ड (सी.ए.डी.ए.) को 25 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एन.एच.पी.एस)

—–हाल ही में भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान किया गया है जिस के अन्तर्गत एस.ई.सी.सी 2011 के अन्तर्गत पहचाने गए 15.06 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए की कवरेज दी जाएगी। राज्य की ओर से एन.एच.पी.एस योजना को न केवल अपनाया जाएगा अपितु ऐसी कवरेज एस.ई.सी.सी सर्वेक्षण के साथ एन.एफ.एस के सर्वेक्षण अधीन पहचाने गए परिवारों को भी दी जाएगी। क्योंकि यह योजना भारत सरकार द्वारा आरम्भ की गई, बजटी आरक्षण में उचित समावेश किए जाएंगे।

स्वास्थ्य एवं आरोगता केंद्र

—–हमारी सरकार ने अलग-अलग वर्गों के प्रत्येक घर में विस्तृृत आरंभिक स्वास्थ्य संभाल सेवाएं एक चरणबद्ध ढंग से उपलब्ध करवाने हेतु 2950 उप-केंद्रों एवं स्वास्थ्य और आरोगता केंद्रों को सुदृृढ़ बनाने का निर्णय भी किया है। इस के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2018-19 दौरान 600 ओर स्वास्थ्य एवं तंदरुस्ती केंद्रों को सशक्तिकरण एवं संचालन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस वर्ष 22.50 करोड़ रुपए उपबंध करने का प्रस्ताव है।

आयूश

—–राष्ट्रीय आयूश मिशन के अन्तर्गत आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक डिसपैंसरियों के सशक्तिकरण करने के लिए, एवं दो आयुर्वेदिक अस्पतालों के निर्माण के लिए 24 करोड़ रुपए आरक्षित करने का प्रस्ताव है।

मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान

नये मैडीकल कालेज

—–हमारे लोगों की स्वास्थ्य संभाल को कवर करने के लिए विस्तृृत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मैडीकल शिक्षा एवं तीसरे दर्जे की स्वास्थ्य देखभाल इस सरकार का एक महत्वपूर्ण पक्ष है। इस उद्देश्य को और आगे बढ़ाने के लिए सरकार एस.ए.एस. नगर में एक मैडीकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव रखती है एवं दो अन्य नये मैडीकल कॉलेजों की स्थापना भी करेगी।

मौजूदा मैडीकल एवं डैंटल कॉलजों का सशक्तिकरण

—–अच्छी डॉक्टरी संभाल एवं नईं एम.बी.बी.एस एवं पी.जी. सीटें बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचा एवं साजो-समान के पक्ष से हमारे लोगों की स्वास्थ्य संभाल के लिए पटियाला एवं अमृतसर के बीच मौजूदा सरकारी मैडीकल कॉलेजों एवं दूसरे और तीसरे दर्जे के स्वास्थ्य संभाल केंद्रों में सुधार की बहुत ज्यादा जरुरत है। सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला एवं सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृृतसर के सुधार के लिए बजट में कुल 73.34 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। हमने सरकारी मैडीकल कॉलेज फरीदकोट एवं एडवांस कैंसर अस्पताल, बठिंडा के सुधार के लिए भी प्रस्ताव दिया है एवं इस उद्देश्य के लिए 10 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।

—–इस वर्ष दौरान हम पटियाला एवं अमृृतसर में स्थित डैंटल कॉलिजों के सुधार का प्रस्ताव भी रखते हैं और इस उद्देश्य के लिए बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।

बुनियादी ढांचा—–स्थानीय सरकार

—–पंजाब में 167 कस्बे एवं शहर हैं। राज्य की लगभग 40 फीसद आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है एवं राज्य अपने जी.डी.पी का 60 प्रतिशत इन शहरी क्षेत्रों से प्राप्त करता है।

—–पंजाब में हमेंशा ही देश की अगवाई की है चाहे यह अनाज उत्पादन के क्षेत्र में हो अथवा सारे गाँवो और बिजली उपलब्ध करवाने के क्षेत्र में हो माननीय योग कैप्टन अमरदिंर जी की यह सरकार ’’हर घर सफाई हर घर पानी’’ के लिए वचनबद्ध है।

हर घर सफाई हर घर पानी

—–स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत हम खुले में शौच मुक्त करने एवं ठोस कूड़ा-करकट के विज्ञान प्रबन्ध के ऊपर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम इस मिशन के प्रति संम्पूर्ण रुप में वचनबद्ध हैं एवं वर्ष 2018-19 के स्वच्छ भारत मिशन के लिए 100 करोड़ रुपए आरक्षित किये जा रहे है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि हम इस मिशन मैं फंडों की कमी नहीं आने देंगे। तिथि 30.06.2018 तक सभी नगर म्यूमिसिंपल कस्बों/क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त किया जाएगा।

—–हम सभी इस हाल से सुचेत है कि राष्ट्र के ज़मीनी पानी का स्तर तेज़ी से कम हो रहा है एवं इस तथ्य की गंभीरता को देखते हुए विश्व बैंक और ए.डी.बी. की सहायता से अमृृतसर, लुधियाना, पटियाला एवं जालंधर के लिए 24 घंटे सतही पीने योग्य पानी उपलब्ध करवाने के लिए प्रोजेक्ट प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। यह प्राजैक्ट अगले तीन वर्ष में मुक्म्मल किये जाएंगे।

—–वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य के कस्बों और शहरों की 122 जल आपूर्ति और सीवरेज के बकाया कार्य का पूरा करने के लिए हुडको से 1540 करोड़ रुपए की विशेष सहायता भी ली जाएगी।

अमरुत

—–अटल मिश्न फार रिजूवीनेशन एंड अरबन ट्रांस्फार्मेंशन (अमरुत) योजना के अन्तर्गत इस वर्ष 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा इस बुनियादी ढाँचा कार्यो जैसे कि जल सप्लाई, सीवरेज़, सैपटिक टैंकों की सफाई, शहरी ट्रांसर्पोट की अपग्रेडेसन एवं 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले 16 कस्बों में ग्रीन पार्क विकसित करके इन कस्बों में सुविधा महत्त्ता में बढ़ोतरी की जाएगी। इन शहरों में से प्रत्येक शहर में कम से कम एक पार्क विकसित करने के लिए 40.93 करोड़ रुपए के कुल निवेश का प्रस्ताव किया गया है।

स्मार्ट सिटीज़

—–स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एस.सी.एम) के अन्तर्गत पंजाब के तीन शहर चुने गए थे अर्थात लुधियाना, अमृतसर, जालंधर को समार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2018-19 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

शहरी ट्रांसर्पोट फंड

—–जनतक निजी संहिभागिता द्वारा बुनियादी ढांचा और संचालन एवं स्वास्थ्य संभाल सहित शहरी ट्रांस्र्पोटेशन सुविधाओं को उत्साहित करने के उद्देश्य से हम वर्ष 2018-19 के दौरान लगभग 75 करोड़ रुपए के शहरी ट्रांस्र्पोट फंड स्थापित करने का प्रस्ताव करते हैं।

मकान निर्माण एवं शहरी विकास—–पंजाब शहरी आवास योजना

—–राज्य सरकार ने 5 लाख रुपए वार्षिक से कम आमदन वाले बेघर एस.सी/बी.सी. परिवारों को नि:शुल्क मकान उपलब्ध करवाने एवं गंदी बस्तियों एवं शहरी मध्य श्रेणी में रह रहे सभी शहरी गरीबों को रियायती दर पर मकान उपलब्ध करवाने के लिए पंजाब शहरी आवास योजना अधिसूचित की है।

—–योग्य परिवारो के लिए 10,000 ई.डब्लयू.एस. रिहाईश यूनिट के निमार्ण चरणबद्ध ढंग से शुरू किया जायेगा। प्रधान मन्त्री आवास योजना के अन्तर्गत भारत सरकार ने निर्माण के लिए 1.50 लाख रुपए प्रति घर की दर से केन्द्रीय सहायता प्राप्त की जायेगी और बकाया फंड एवं जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जायेगी। वर्ष 2018-19 में प्रधान मन्त्री आवास योजना के अन्तर्गत 335 करोड़ रुपए एवं शहरी आवास योजना अधीन 38 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

बिजली

—–राज्य सरकार का मुख्य जोर सूचना तक्नालौजी उपकरणों प्रयोग द्वारा बिजली बुनियादी ढांचे के मजबूतीकरण, लाईनों के नुक्सान को घटाने एवं बिल प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने पर है। वर्ष 2017-18 के दौरान राज्य सरकार ने किसानों को नि:शुल्क बिजली सप्लाई एवं एस.सी/बी.सी. गैर एस.सी/बी.पी.एल. श्रैणी को रियायत दर पर बिजली आपुर्ति जारी रखी। इसके अतिरिक्त राज्य की औद्योगिक आर्थिकता को 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से परिवर्तन योग्य दर से बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है। हम इस नीति के प्रति वचनबद्ध हैं जिसके लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 8950 करोड़ रुपए का कुल आरक्षण किया जा रहा है। इस में से 1254 करोड़ रुपए एस.सी/बी.सी एवं गैर-एस.सी. बी.पी.एल. एवं घरेलू खपतकारों के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

उत्पादन

—–वर्तमान में राज्य में कुल स्थापित क्षमता 13182 मेंगावाट है। जिस को 2017-18 के अन्त तक 13660 मेंगावाट तक बढाया जायेगा। वर्ष 2018-19 के लिए अधिक से अधिक मांग 11705 मेंगावाट होने की सम्भावना है। जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है। बिजली की विश्वसनीयता एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए गुरु गोबिन्द सिंह एस.टी.पी रोपड़ में सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट (5 ग800 मेंगावाट) स्थापित करने का प्रस्ताव है। गैस आधारित बिजली प्लांट स्थापित करने की सम्भावना संबंधी खोज की जा रही है एवं जी.एन.डी.टी.पी. बठिण्डा के राज्य क्षेत्र में 100 मेंगावाट सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

संचार

—–वर्ष 2018-19 के दौरान 16 नयें सब-स्टेशनों के निर्माण की योजना बनाई गई है। 80 प्रतिशत से अधिक लोड वाले सब-स्टेशनों की क्षमता को बढाया जायेगा या अधिक ट्रांसफार्मर उपलब्ध करवाये जायेंगे। इसके साथ ही यह परिकल्पना भी की गई है कि 1371 एम.वी.ए. कुल सामर्थय को शामिल किया जायेगा। मौजूदा 66 के.वी. संचार लाईनो के लोड को कम करने एवं सब-ट्रांसमिशन नैटवर्क की विश्वसनीयता में सुधार लाने के लिए पी.एस.पी.सी.एल वर्ष के दौरान 450 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ 800-1000 सी.के.टी. किलोमीटर संचार लाईनों का निर्माण भी करेगा।

वितरण
—–शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसमिशन एवं वितरण प्रणाली के सशक्तिकरण एवं कण्डी क्षेत्र में ए.पी. फीडरो को अलग करने के कार्य पर वर्ष 2018-19 के दौरान 900 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रस्ताव है।

नागरिक उड्डयन

—–पटियाला में एरोनेटिकल इंजिनियंरिंग कालेज इस साल मुकम्मल किया जायेगा एवं यह इस वर्ष अपना अकादमिक अध्यापन आरम्भ कर देगा। राज्य सरकार शिक्षार्थी पायलटों की बेहतर प्लैसमैंट के लिए अन्तराष्ट्रीय एजैंसियों के साथ सभी फ्र्लाइंग क्लबों की सहभागिता की सम्भवनाओं की तलाश भी कर रही है।

—–हम भारत सरकार के साथ हलवारा हवाई अड्डे में सिविल एयर टर्मिनल की स्थापना का मामला भी उठा रहे हैं।

सडक़ें एवं पुल

—–यह सरकार मजबूत सडक़ों एवं पुल बुनियादी ढांचे के निर्माण एवं इससे भी अधिक महत्वपूर्ण, वर्तमान बुनियादि ढांचे की सम्भाल के लिए वचनबद्ध है। नई सडक़ों, पुलों एवं ईमारतों के निर्माण एवं रख-रखाव के आरक्षण के लिए इस वर्ष 1067 करोड़ रुपए बढाये गये हैं। इसके अतिरिक्त मोहाली, फिरोजपुर, पट््टी, बठिण्डा, लुधियाना, नवां शहर, बाबा बकाला एवं मुकेरियां में चल रहे कार्य एवं नये बनाए जाने वाले जुडिशियल कोर्ट कम्पलैक्स के लिए वर्ष 2018-19 में 100 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए हैें। नाबार्ड की सहायता से 75 ग्रामीण सडकों एवं 4 पुलों को अपग्रेड करने के लिए 230 करोड रुपए रखे गये है। राज्य की 5 सडकों को सिद्धांतक रूप से राष्ट्रीय राजमार्गो के तौर पर घोषित किया गया है एवं इन सडकों को अपग्रेड करने का कार्य 1200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ किया जायेगा।

कनैक्टिविटी में सुधार

—–मेरी सरकार वर्ष 2018-19 में सडकों एवं पुलों को अपग्रेड करने, निर्माण एवं मुरम्मत हेतू 315 करोड़ रुपए की राशि का आरक्षण करने में हर्ष महसूस करती है जिस में गुरदासपुर, रामपुरा फूल, गिदड़बाहा, मोरिंडा एवं सुजानपुर में रेल अंडर ब्रिज, ढक्की, मण्डी गोबिन्दगढ़, मालेरकोटला, दीनानगर एवं चुगिटी लाडो वाली रोड़ जालंधर में रेल ओवर ब्रिज, पठानकोट में तलवाड़ा जट््टां में हाई लेवल ब्रिज एवं आनंदपुर साहिब एवं फिरोजपुर में सतलुज नदी पर पैंटून ब्रिज का निर्माण भी शामिल होगा।

प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना (पी.एम.जी.एस.वाई.) एवं सी.आर.एफ.

—–मैं प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना के अन्तर्गत 410 कि0मी0 सडक़ों का कार्य पूरा करने के लिए 235 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखता हूँ। केन्द्रिय सडक़ फंड योजना के अन्तर्गत फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, पटियाला, अमृतसर, जालंधर, मुक्तसर, फाजिल्का, फरीदकोट एवं तरनतारण जिलों में सडक़ों के 19 कार्यों के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है, जिसके साथ 406 कि0मी0 लम्बी सडक़ों का सुधार किया जायेगा। विश्व बैंक की सहायता से अपग्रेड की गईं सडक़ों के ओ.पी.आर.सी. नैटवर्क के रख-रखाव के लिए 20 करोड़ रुपए रखे गये हैं।

सम्पर्क सडक़ें

—–इसके अतिरिक्त राज्य सरकार लगभग 2000 करोड़ रुपए की लागत से सम्पर्क सडक़ों की 16000 कि0मी0 की मुरम्मत के लिए विशेष प्रोजेक्ट का जिम्मा भी उठाएगी। 200 करोड़ की लागत से सम्पर्क सडक़ों के साथ सटे टूटे हुये तंग पुलों को चैड़ा करने/अपग्रेड करने/पुन: निर्माण करने के लिए एक अन्य प्रोजेक्ट 31-12-2018 तक पूरा हो जायेगा।

परिवहन—–नये बस स्टैण्ड

—–शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या की घनता के बढऩे से शहरी क्षेत्रों के अन्दरूनी भागों में स्थित बस स्टैण्डों के कारण भारी ट्रैफिक की समस्याएं बहुत ही गंभीर रूप ले चुकी है। इस वर्ष के दौरान हम अपनी जनतक निजी सहभागिता के साथ 16 नये बस स्टैण्ड, जिनमें अमृतसर, बरनाला, बटाला, बठिण्डा, बलाचैर, धूरी, मानसा, गुरदासपुर, नकोदर, करतारपुर, पटियाला, लुधियाना, सरहिन्द, जालंधर, रायकोट एवं रोपड़ के विकास का भी प्रस्ताव है।

—–वातावरण की सुरक्षा के प्रति वचनबद्धता के चलते राज्य में प्रदूषण को कम करने के लिए बिजलई वाहनों के प्रयोग हेतु परिवहन विभाग एक नई नीति लायेगा।

सीमांत क्षेत्र विकास प्रोग्राम

—–सीमांत क्षेत्र विकास प्रोग्राम के आरम्भ 1986-87 में भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप में केन्द्रिय फंडों के साथ उपलब्ध योजना की शुरूआत की गई थी। पंजाब को इसके अन्तर्गत बिलकुल नाममात्र फंड ही की प्राप्त हुए क्योकि पंजाब जैसे छोटे राज्यों को फंडो के वितरण के मापदण्ड इसके अनुकुल नही थें। इस नाममात्र राशि के साथ, केवल छोटे बुनियादी ढ़ांचे के कार्य ही किये जा सके। वर्ष 2016-17 से प्रोग्राम फंडिग की प्रणाली को ठीक करने के लिए हमारी बार-बार किए गए अनुरोधों पर इसका 60:40 के अनुसार ही बदला गया है।

—–सीमा के लोगों को पेश आ रही/विकास की/जरूरतों/ मुश्किलों को देखते हुये राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों की उन्नति के लिए विशेष पैकेज बनाया है जिस में एक नए सामाजिक एवं औद्योगिक बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है। अन्र्तराष्ट्रीय सीमा के 30 कि0मी0 में आने वाली सीमा में एक्सट्रीम बार्डर जोन (ई.बी.जैड) में नये उद्योगो की स्थापना करने के लिए नयी औद्योगिक एवं व्यापारिक विकास नीति 2017 के अनुसार विशेष प्रोत्साहन दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त सीमांत क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए, प्रोजैक्टों के बुनियादी ढ़ांचे के साथ-साथ क्षेत्रीय विशेष प्रोजैक्ट भी इस वर्ष के दौरान आरम्भ किये जायेंगे। क्षेत्र विशेष प्रोजैक्ट के तौर पर सरकार की ओर से कण्डीयाला सरहाली के साथ जोडऩे के लिए पट््टी नाले के साथ बी.आर. पुल का निर्माण किया जाएगा। इस सम्बन्ध में मैं इस वर्ष के लिए सीमांत क्षेत्रों के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखता हूूँ। जो कि केन्द्रिय सहायता प्राप्त सीमांत क्षेत्र विकास प्रोग्राम के अन्तर्गत दी जाने वाली 58.34 करोड रुपए के अतिरिक्त है।

जल आपूर्ति एवं स्वच्छता—–हर घर सफाई हर घर पानी

—–हमारी सरकार ‘‘हर घर सफाई हर घर पानी‘‘ के लिए वचनबद्ध है एवं इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वर्ष 2021 तक पाईपों के द्वारा पेय जल की सप्लाई योजना से व्यक्तिगत घरेलू कनैक्शनों के द्वारा ग्रामीण घरों को 100 प्रतिशत कवर करने का प्रस्ताव रखते हैं। वर्ष 2018-19 के लिए 1489 करोड़ रुपए की बढ़ाई हुई राशि उपलब्ध करवाई गई है ताकि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का हर नागरिक स्वच्छ एवं सुरक्षित पेय जल प्राप्त कर सके।

—–जहाँ अन्य राज्य अपने नागरिकों को गांव में पीने वाले पानी का कम से कम एक स्रोत्र उपलब्ध करवाने के लिए जूझ रहे है, हम पंजाब के सभी घरों में पीने योग्य पानी को उपलब्ध करवाने वाला देश का पहला राज्य बनाने का लक्ष्य रखते हैं।

—–मौजूदा जल सप्लाई को बढ़ा कर 800 आबादीयों को 600 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ कवर किया जाएगा। 1200 अन्य गांव के लिए घरों में कनैक्शन एवं चल रहे कनैक्शनों में सुधार के लिए पानी की पहुंच को यकीनी बनाने के लिए और 60 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त वर्ष 2018-19 के दौरान नाबार्ड की सहयोग के साथ 175 करोड़ रुपए की लागत के साथ 257 योजनाों को अपग्रेड किया जाएगा।

—–भारत सरकार ने नेशनल वाटर क्वालिटी सब मिशन के अन्तर्गत 777 आरसनिक एवं फलोराईड से प्रभावित आबादियों को दीर्घकाली स्थाई उपायों के अन्तर्गत कवर करने के लिए 50 प्रतिशत फंड उपलब्ध करने की अनुमति दे दी है। पटियाला, फतेहगढ साहिब, गुरदासपुर एवं अमृतसर जिलों में नहरी पानी आधारित जल सप्लाई योजनाओं को कवर करने के लिए 550 करोड़ की लागत का एक प्रस्ताव भारत सरकार को पेश किया गया है। शेष जिलों के लिए वर्ष 2018-19 में भूमिजल पाईपों के द्वारा जल सप्लाई द्वारा देने की योजनाएं तैयार की जायेगी।

—–वर्ष 2018-19 के दौरान 20 करोड़ रुपए की लागत से पठानकोट, होशियारपुर, नवां शहर, रोपड एवं मोहाली जिलों के कण्डी क्षेत्रों के अन्तर्गत आने वाले 55 गावों में जल सप्लाई बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जाएगा।

—–राज्य सरकार की ओर से भारत ग्रामीण मिशन के अन्तर्गत 720 करोड़ रुपए की लागत के साथ वर्ष 2017-18 तक 4,80,000 व्यक्तिगत घरेलू पखाने (आई.एच.एच.एल.) के निर्माण का लक्ष्य निश्चित किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों के 13 जिलों में आते 87 ब्लाकों के 10351 गांवों को वर्ष 2018 तक खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया। बाकि रहते 9 जिलें 57 ब्लॉक एवं 2034 गांवों को जून 2018 तक खुले में शौच रहित घोषित कर दिया जाएगा। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वर्ष 2018-19 में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए 150 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए गए है।

—–स्वच्छता दर्पण, स्वच्छ भारत मिशन गांवों के अन्तर्गत जिलों की कार्यवाही की दर्जाबंदी की रैंकिंग करने के लिए भारत सरकार के पीने योग्य पानी एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा आरम्भ की गई ऑन-लाईन प्रणाली है। 4 जिलों-लुधियाना, फतेहगढ साहिब, बरनाला एवं एस.ए.एस. नगर ने समूचे देश की स्वच्छता दर्पण रैंकिंग में पहले ही पुरस्कार प्राप्त किया है।

जल स्रोत—–पानी बचाओ, पंजाब बचाओ

—–जैसे कि धरती मां के अन्य राज्यों को कोयला, लोहा, धातु आदि भूमि के नीचे के खनिजों के साथ निवाज़ा है, हमें पानी की दात बख्शी थी। जब भी देश ने आवाज उठाई हमने देश की अन्न जरूरतों को पूरी करने के लिए इस बख्शीश का इस्तेमाल किया। आज समय की मांग है कि भूमि के नीचे कम होते जा रहे पानी स्रोतों का स्थाई प्रबंध ‘‘पानी बचाओ, पंजाब बचाओ‘‘ द्वारा करेंगे। राज्य में हमारी धरती के नीचे वाले पानी को बचाने एवं पानी के भविष्य के लिए नौजवानों के लिए सभी सम्भव प्रयत्नों को ध्यान में रखते हुए एक मिशन डाईरैक्टोरेट ऑफ ग्राउंड वाटर मैनेजमैन्ट स्थापित किया गया है एवं यह कार्यशील होने की प्रक्रिया के अन्तर्गत है। मैं इस मुख्य उद्देश्य को मन में रखते हुए ऐसे प्रोजैक्टों के प्रावधानों के लिए प्र्र्र्र्र्र्रस्ताव रखता हूॅ।

—–राजस्थान फीडर कैनाल एवं सरहिंद फीडर कैनाल का बुरी तरह से नुकसान ग्रस्त लाईनिंग के साथ पानी रिसने की समस्या के साथ निपटने के लिए दोहरे कैनाल प्रोजैक्टों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय बोली मुकाबलों का अग्रिण कार्य पूरा कर लिया है। यह प्रोजैक्ट को भारत सरकार द्वारा हरी झण्डी का इंतजार है। इन दोनो प्रोजैक्टों के लिए वर्ष 2018-19 में 152 करोड़ रुपए का आरक्षण किया गया है।

—–पंजाब के दक्षिणी पश्चिमी जिलों में 60,729 हैक्टेयर सेम वाली जमीन का पुर्नवास किया जाएगा इसके लिए बजट के तौर पर 145 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए। इसके अतिरिक्त राज्य में पानी भरने एवं बाढों की समस्या के साथ निपटने के लिए कुल लागत के तौर पर 10 करोड़ रुपए भी शामिल किए गए है।

—–पंजाब की सिंचाई प्रणाली हरित क्रान्ति की सफलता का एक प्रमुख तत्व था एवं हम इसको निरंतर मज़बूत बनाना चाहिए। भारत सरकार की सिंचाईं के फासले को पाटने के लिए लाभ देने वाली योजना के अन्तर्गत विभिन्न प्रोजेक्टों एवं प्रणालीयों के अन्तर्गत उपयोग न की गई सिंचाईं क्षमता का पता लगाने के लिए एक प्रोजैक्ट तैयार किया गया है।

—–कण्डी क्षेत्र के लोगों की भारी मांग को मध्यनजर रखते हुए वर्ष 2018-19 में 72 परिवर्तनशील गहरे टयूबवैल लगाने का प्रावधान भी किया गया है।

—–पहली पटियाला फीडर एवं कोटला ब्रांच के चैनलों की रिलाईनिंग एवं कण्डी कैनाल का होशियारपुर से बलाचैर तक का विस्तार नाम के 2 प्रोजैक्ट शामिल किये गये है, जिनका उद्देश्य सिंचाईं क्षमता को बढ़ाना है एवं इनकी क्रमवार लागत 19.80 करोड रुपए एवं 11.68 करोड़ रुपए है।

—–इस वर्ष आरम्भ किये जाने वाले अन्य प्रोजैक्ट निम्नानुसार है:-

50 करोड़ रुपए की लागत के साथ बिस्त दोआब कनाल की रिलाईनिंग।
7.66 करोड़ रुपए की लागत से बनूड़ बांध एवं बनूड़ कनाल प्रणाली की लाईनिंग।
50 करोड़ रुपए की लागत से नहरों/नालों की मुरम्मत एवं पुर्न निर्माण।
8.46 करोड़ रुपए की लागत से जिला फाजिल्का के अबोहर इलाके में लघु सिंचाई प्रणालियों एवं नालों की मुरम्मत/पुर्नवास/पुर्ननिर्माण के 3 प्रोजैक्ट।
9.22 करोड़ रुपए की लागत से जिला गुरदासपुर, होशियारपुर एवं कपूरथला में ब्यास दरिया के बायें एवं दायें हिस्सों के साथ-साथ बाढ़ रोकथाम कार्य का निर्माण।
वर्ष 2018-19 के दौरान लघु प्रणाली एवं नालों की मुरम्मत/पुनर्वास/पुनर्निर्माण के 3 प्रोजैक्ट जिनमें 12 करोड़ रुपए की लागत वाला पंजवाड़ा डिस्ट्रीब्यूट्री प्रोजैक्ट, 13.52 करोड़ की लागत वाला दौलतपुरा लघु प्रोजैक्ट एवं 16.50 करोड़ रुपए की लागत वाला मलूकपुर डिस्ट्रीब्यूट्री प्रोजैक्ट शामिल है, को आरम्भ करने का प्रस्ताव है।

—–पंजाब एवं जम्मू और कश्मीर में 206 मेंगावाट की अतिरिक्त बिजली उत्पादन की क्षमता की स्थापना एवं 37143 हैक्टेयर अतिरिक्त सिंचाईं क्षमता के निर्माण करने के अतिरिक्त पीकिंग स्टेशन के तौर पर एक आर.एस.डी. पावर स्टेशन को सक्षम बनाने के लिए सरकार आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान शाहपुर कण्डी डैम राष्ट्रीय प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य पुन: आरम्भ करवाना चाहती है एवं इस प्रोजैक्ट के लिए 70 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।

—–वर्ष 2018-19 के दौरान श्री आनंदपुर साहिब में खेती बाड़ी को उत्साहित करने के उद्देश्य के साथ 46 करोड़ रुपए की कुल लागत के साथ एक विशेष लिफ्ट सिंचाईं योजना आरम्भ की जाएगी। मैं वर्ष 2018-19 में इस प्रोजैक्ट के लिए 9 करोड़ रुपए के प्रारम्भिक आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूँ।

निरंतर विकास

—–यह सरकार विकास की पारिस्थितिक विभिन्नता के निरन्तर विकास एवं रख-रखाव के लिए वचनबद्ध है। मैं माननीय अध्यक्ष महोदय का आभारी हूँ जिन्होंने हमें एक मज़बूत हरित पहलकदमी का आरम्भ करते हुए इस बजट को सॉफ्ट कापी के रूप में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी जिसके फलस्वरूप 48 लाख रूपए की बचत हुई, पर इससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे राज्य 200 वृक्ष बचाने में सफल रहा है। इस वर्ष के दौरान हमारा यह प्रयास होगा कि समूह सरकारी विभागों में कागज की खपत को कम किया जाए।

विज्ञान, तकनालोजी एवं वातावरण

—–विज्ञान, तकनालोजी एवं वातावरण विभाग ने नई तकनालोजी के साथ तालमेंल रखने एवं खोज एवं विकास कार्यो को उत्साहित करने के लिए कई कदम उठायें है। खेतों में पुआल जलाने को काबू पाने के लिए एक बड़ी जागरूकता कार्यक्रम आरम्भ किया है। पिछले वर्षो में अवशिष्ट जलाने की घटनाओं के मुकाबले इस वर्ष लगभग 23 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।

—–58 मिलियन लीटर प्रति दिन गंदे पानी के शुद्धिकरण के लिए 6 नये सीवरेज शुद्धिकरण प्लांट लगाये एवं आरम्भ किए गए। इसके अतिरिक्त ग्रीन ब्रिज तकनालोजी के लागू करने के साथ बुड्डा नाला में पानी के बी.ओ.डी. में लगभग 20 प्रतिशत की कमी हो सकती है।

—–यू.एन.की. वल्र्ड इंटैलैक्चुअल प्रापर्टी आग्रेनाईजेशन की रहनुमाई में भारत का पहला तकनालोजी एण्ड इनोवेशन स्पोर्ट सैंटर पंजाब स्टेट काउंसलर फार साईंस एण्ड तकनालोजी स्थापित किया गया है ताकि इंटैलैक्चुअल प्रापर्टी राईटस के अन्र्तराष्ट्रीय सुविधाओं तक पहुंच की सुविधा दी जा सकें।

—–पंजाब में फूड प्रोसैसिंग उद्योग को तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए वर्ष 2018-19 में भारत सरकार की बायों तकनालोजी इंडस्ट्री रिसर्च असिसटैंस काउंसिल की सहायता से सैकेण्डरी खेती बाड़ी/फूड प्रोसैसिंग उद्यमी नैटवर्क स्थापित किया जाएगा।

वन एवं वन्य जीव—–घर-घर हरियाली

—–हमारा यह अहम फर्जं़ है कि हम इस धरती को आने वाली पुश्तों के लिए हरा-भरा और सुरक्षित रखें। मैं अपने पंजाबी दोस्तों से यह अनुरोध करूंगा कि इस अभियान में शामिल हों और मुझे एक नई योजना का एलान करते हुए खुशी महसूस हो रही है अर्थात ‘‘घर-घर हरियाली-प्रत्येक व्यक्ति पंजाब की हरियाली के लिए 3 पौधे लगाएं।‘‘ इस योजना के अन्तर्गत राज्य प्रत्येक घर को देशी नस्ल के 15 पौधे उपलब्ध करवाएगा जैसे कि शीशम, कीकर, आम, जामुन, आंवला और नीम आदि।

जैविक विभिन्नता पार्क

—–मैं बठिण्डा, गिदड़बाहा और संगरूर में जैविक विभिन्नता पार्को की स्थापना का प्रस्ताव भी रखता हूं।

नई और पुन: नवीनीकरण योग्य ऊर्जा

—–वर्ष 2017-18 के दौरान पंजाब सरकार ने 5 वर्ष के समय में विभिन्न तकनालोजी प्रोजैक्टों की स्थापना करके लगभग 3200 मेंगावाट नवीनीकरण योग्य ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य में लगभग 2000 मेंगावाट का सोलर पावर प्रोजैक्ट, 350 मेंगावाट का बायोमास आधारित पावर प्रोजेक्ट, (बायो-एथनॉल, कम्प्रैसड बायोंगैस और पावर) 550 मेंगावाट का उप-उत्पादन प्रोजैक्ट 250 मेंगावाट का मिनी हाईडल प्रोजैक्ट और कुछ अन्य नये आर.ई. प्रोजैक्ट शामिल है। यह हरित ऊर्जा प्रोजैक्ट वातावरण को जहरीली गैसों से बचाने में मदद करेंगे और पंजाब के नौजवानों के लिए रोजगार का साधन भी सिद्ध होंगे।

—–हमारी योजना कृषि पम्प सैटो के सौरकरण की है। वर्ष 2018-19 के दौरान 5000 सोलर पम्प लगाए जाने का प्रस्ताव है। उपरोक्त के अतिरिक्त वर्ष 2018-19 के दौरान 25000 सोलर स्र्टीट लाईटें और 3500 बायोगैस प्लांट भी लगाए जाएंगे।

गृह मामले एवं न्याय

—–राज्य सरकार सारे राज्य में पूरा सप्ताह 24 घण्टे लोक सुरक्षा से सम्बन्धित सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध है और इस वर्ष के दौरान पूरे पंजाब से, जिस में दूर-दराज वाले ईलाके भी शामिल है, सभी एमरजैंसी काल सुनने के लिए एक केन्द्रिय सम्पर्क केन्द्र स्थापित किया जाएगा।

—–वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य में कानून और व्यवस्था प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 124 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध करवाई गई है। नेशनल ई-गर्वनैंस प्रोग्राम के अधीन ‘‘क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग नैटवर्क सिस्टम‘‘ नाम की एक मिशन मोड प्रोजैक्ट पर कुल 600 साईटस (400 पुलिस स्टेशन, 200 उच्च दफतर) नैटवर्क पर लाए गए है। राज्य के समूह पुलिस स्टेशन डिजीटली जुडे हुए है। ‘‘सांझ केन्द्रों‘‘ द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली नागरिक सेवाओं को सी.सी.टी.एन.एस.डाटा बेस के साथ जोड़ा गया है। सी.सी.टी.एन.एस. के अधीन राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों में सोलर पावर बैक-अप सिस्टम लगाए गए हंै एवं 69 अन्य सोलर बैक-अप पावर सिस्टम लगाए जा रहे हैं।

राजस्व
—–राजस्व विभाग और कृषि आर्थिकता का हमेंशा से ही परस्पर एक मजबूत संबंध रहा है। राज्य सरकार राजस्व रिकार्ड के दस्तावेजों को ऑन-लाईन करने और इसके द्वारा लोगों को दी जाने वाली सेवाओं का कम्पयूटरीकरण करने पर केन्द्रित है।

—–यह सरकार एक स्वच्छ, पारदर्शी एवं प्रभावशाली राज्य प्रबन्ध के प्रति वचनबद्ध है। अब से निशानदेही भी इलैक्ट्रानिक टोटल स्टेशन के प्रयोग से की जाएगी। इस वर्ष यह प्रोजैक्ट पहले से ही पटियाला, एस.ए.एस.नगर, लुधियाना और जालंधर जिलों में आरम्भ कर दिया गया है और वर्ष 2018-19 के दौरान हमारा लक्ष्य बकाया जिलों को कवर करने का है

—–हम राजस्व रिकार्ड की देखभाल और रख-रखाव के लिए अत्याधुनिक रिकार्ड रूम बनाने की योजना भी तैयार कर रहे हैं।

—–स्वयं को प्राकृृतिक आपदाओं हेतु तैयार करने के लिए कस्बों एवं शहरों में 34.70 करोड़ रुपए अग्नि सुरक्षा यन्त्रों की खरीद के लिए मुहैया करवाए गए हैं एवं 1.55 करोड़ रुपए स्टेट डिजास्र्ट रिस्पांस फोर्स को अनुसंधान एवं बचाव मशीनरी के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं।

गुडज़ एंड सविर्स टैक्स (जी.एस.टी)

—–1 जुलाई, 2017 से देशभर में जी.एस.टी. लागू किया गया। राज्य के राजस्व की नकदी के प्रवाह में इसका इतना गंभीर असर हुआ कि लागू होने के आरंभिक महिनों में प्राप्तियों एवं समय सीमा दोनों का ही पूर्व अनुमान लगाना संभव नहीं था, हमें आशा है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य इसके सुनिश्चित राजस्व को प्राप्त करेगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस अनिश्चितता का असर राज्य के विकास कार्यों के लिए फंड जारी करने के सामर्थय पर भी पड़ा हैं।

—–राज्य द्वारा जी.एस.टी के अन्तर्गत आती प्रक्रियाओं एवं विधियों को वाणिज्य एवं उद्योग द्वारा सरल ढंग से अपनाए जाने में सहायता एवं सुविधाएं देने के हर संभव प्रयास किए गए है। कर दाताओं को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए स्टेक होल्डरों के लिए लगभग 1000 वर्कशापें लगाई गई हैं। समूह उप-कार्यालयों सहित प्रत्येक जिले में सुविधा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। चुनाव से पहले हमारी तरफ से किए वायदों को पूरा करते हुए परिवहन वाहनों के नि:शुल्क आवागमन के लिए दिनांक 31.8.2017 से समूह अन्तर्राज्य सीमाओं से समूह 41 सूचना एकत्रीकरण केन्द्र हटा लिए गए हैं।

बजट-एक झलक

—–वर्ष 2018-19 के लिए कुल बजट आकार 129698 करोड़ रुपए है। परन्तु वास्तविक बजट का आकार 102198 करोड़ रुपए है क्योकि उपरोक्त राशि में शामिल उपाय एवं साधन लेन-देन के लिए 27500 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान शामिल है। कुल प्राप्तियां 122923 करोड़ रुपए हो जाने की संभावना है। इसका उल्लेख निम्नानुसार है:-
क्रम सं0 शीर्ष संशोधित अनुमान
2017-18 (करोड़ रूपए) संशोधित अनुमान 2018-19 (करोड़ रूपए)
1. राजस्व प्राप्तियां (2$3$4$5$6) 56872 73812
2. राज्य का अपना कर राजस्व 35490 41064
3. राज्य का अपना गैर कर राजस्व 5096 10249
4. केन्द्रीय करों का हिस्सा 10617 12429
5. केन्द्र से सहायता अनुदान 5668 8570
6. अतिरिक्त स्रोत जुटाना – 1500
7. पूंजीगत प्राप्तियां (8$9$10) 45808 49111
8. उपाय एवं साधन पेशगियों के अतिरिक्त जनतक ऋण 18233 21555
9. उपाय एवं साधन पेशगीयां 27500 27500
10. ऋणों की वसूली 75 56
11. कुल प्राप्तियां (1$7) 102680 122923
12. राजस्व व्यय (13$14$15$16) 71182 86351
13. वेतन एवं उजरत 24938 25709
14. पैंशन एवं रिटायरमैन्ट लाभ 9469 10305
15. ब्याज देनदारीयां 15175 16260
16. अतिरिक्त राजस्व खर्च 21600 34078
17. पूंजीगत खर्च 4389 6385
18. उपाय एवं साधन पेशगीयों के अतिरिक्त जनतक ऋण का भुगतान 7530 8610
19. उपाय एवं साधन पेशगीयों का भुगतान 27500 27500
20. ऋण पेशगीयां 2197 851
21. कुल खर्च (12$17$18$19$20) 112797 129698
22. राजस्व घाटा (12-1) 14310 12539
23. वित्तीय घाटा (22$20$17-10) 20821 19720
24. आरंभिक घाटा (23-15) 5646 3460
25. बकाया ऋण 195978 211523
26. वर्तमान कीमतो पर जी.एस.डी.पी. 477482 518165
’ आंकड़े राऊंड आफ कर दिए गए है।

—–मेंरे बजट प्रस्तावों में मैं अतिरिक्त स्रोत संग्रहण (ए.आर.एम.) साधनों के द्वारा 1500 करोड़ रुपए जुटाने का प्रस्ताव रखता हूँ जिनमें से कुछ पर मैं प्रकाश डाल रहा हूँ। सरकार ने केवल आमदन कर अदाकर्ताओं के ऊपर, जो कि व्यवसायों, वाणिज्य, कालिंगस और रोजगार में लगे हुए हैं, 200 रूपए प्रति महीने की दर से एक मामूली सा कर लगाने के लिए एक कानून लाने का निर्णय लिया हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्राप्रदेश और तमिलनाडू जैसे कईं प्रगतिशील राज्य बहुत लम्बे समय से ऐसा विकास कर ले रहें हैं। राज्य समाज के कमजोर वर्गो के प्रति अपनी वचनबद्धता पर खरा उतरने के लिए एक समर्पित फंड की सृजना के लिए एक विशेष सामाजिक सुरक्षा कानून भी लाने पर विचार कर रहा हैं। इसके अलावा इस वर्ष के दौरान हम अपने गैर-कर राजस्व को भी तर्कसंगत बनाना चाहते हैं।

—–परन्तु इस वर्ष अब भी 4175 करोड़ रुपए का गैर-फंडित स्रोत फासला मौजूद है। मुझे आशा है कि कर अनुपालन एवं प्रशासन में कुशल सुधारों और जनतक सेवाओं की बढिय़ा प्रदानगी के साथ हम व्यय में संयम लाने के योग्य हो जाएंगे एवं प्रमुख अन्तर को कम करने में सक्षम होंगे।

—–मुझे यह बताते हुये अति प्रसन्नता हो रही है कि पिछले वर्ष में हमारी सरकार की वित्तीय दूरदर्शिता के फलस्वरूप राज्य कोष के ओवर ड्राफ्ट में रहने वाले दिनों को कम कर सका, जो वर्ष 2016-17 में 179 दिनों की तुलना में वर्ष 2017-18 में 98 दिनों का ओवर ड्राफ्ट रहा। इससे राज्य द्वारा कम से कम 5 करोड़ ब्याज देनदारी कम हुई। वर्ष 2016-17 में राज्य 29 दिनो के लिए ओवर ड्राफ्ट की स्थिति में रहा, मुझे आशा है कि वर्ष 2017-18 में राज्य एक दिन के लिए भी ओवर ड्राफ्ट न रहें।

निष्कर्ष

—–नेक दिल एवं मेंहनती कौमों के लिए किसी भी मुकाम को हासिल करना असम्भव नहीं होता। तकदीर बहादुर कौमों का साथ देती है। आने वाली नस्लें कभी हम पर यह इल्जाम न लगाएं कि हमारी इस पंजाबी पीढ़ी में साहस की कमी थी, कहीं यह तौहमत न लगाए कि हमने मैदान अपने विरोधियों के लिए छोड दिया। हम बहुत दूर निकल आए है। हम बहुत कुर्बानियां दे चुके हैं। हम सुनहरी भविष्य को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते।

इस मौके पर मुझे अज़ीम शायर अल्लामा इकबाल का शेअर याद आ रहा है:
नही है ना-उम्मीद इकबाल
अपनी किश्त-ए-वैरान से,
जऱां नम हो तो ये मिट्टी,
बहुत जऱखेज़ है साकी।

—–पंजाब के लोगों का जज्बा उस लौ के समान है जो छिपाई तो जा सकती है पर कभी बुझाई नही जा सकती। हमारी सरकार का बुनियादी फर्ज है कि एक बार फिर दुनिया भर के सामने इस शानदार लौ को उजागर करें।

—–पंजाब का बेहतरीन भविष्य बनाने के लिए सच्चे पंजाबियों में से मैं भी एक हूँ, जो हर रोज फिक्रमन्द रहता है। मैं इस सदन को सावधान करना चाहता हूँ कि हम खोखली बातों, जो वक्ती तौर पर अच्छी लगती है, से गुरेज करें और उनको महत्व न दें। मैं आप सभी से अनुरोध करूंगा कि हम सब मिलजुल कर सरकार का सुरक्षा ढांचा तैयार करें। आदर्शो की हिम्मत से पैरवी, के काबिल हम, उस समय होंगे, जब आदर्श हमारे दिलों के करीब होंगे।

—–कैप्टन अमरिंदर सिंह जी की सरकार लोगों की कचहरी से सुर्खरू हो कर निकली है। पंजाब का विश्वास हमारे लिए एक अज़ीम जिम्मेंवारी एवं मुक्कदस इमानत है। पंजाब आज उस दोराहे पर खड़ा है जिसका एक रास्ता कठिन है और लम्बा है जो खुशहाली की ओर जाता है व दूसरा रास्ता आसान रास्ता है जो बर्बादी की ओर जाता है।

—–माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं इस सदन में सब से मजबूत अल्फाज में ब्यान करना चाहता हूँ कि आपकी सरकार ने कठिन मार्ग चुना है। हमने अपनी आने वाली नस्लों के लिए खुशहाली का रास्ता चुना है।

—–मैं अन्त में मुख्य मन्त्री पंजाब, कैप्टन अमरिंदर सिंह जी-आवामी लीडर एवं दोस्त-की रहनुमाई की रौशनी, जिसके बगैर मैं अधूरा हूँ – का धन्यवाद करता हूं।

—–माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपका एवं काबिले कद्र हाऊस के तमाम मैम्बरान का शुक्र गुज़ार हँू कि आपने इस बजट के प्रस्तावों को अदब एवं सब्र के साथ सुना।

—–अध्यक्ष महोदय, सरकार की ओर से मैं प्रधान, महालेखाकार (आडिट), पंजाब, द्वारा मिली बहुमूल्य सहयोग के लिए उनका शुक्र गुज़ार हूँ।

—–माननीय अध्यक्ष महोदय, आखिर में मैं अपनी वज़ारत के अधिकारी साहिबान जिनमें वित्त एवं आर्थिक नीति एवं योजनाबंदी विभाग के श्री डी.के.तिवाड़ी, सचिव व्यय, अन्य अधिकारी साहिबान एवं कर्मचारी एवं विशेषतौर पर श्री अनिरूद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव वित्त, जिन्हों ने अपनी काबलियत से इस विभाग में अपनी अमिट छाप छोड़ी है एवं अन्य स्टॉफ की प्रशंसा करता हूँ जिनके प्रयासों से ही आज पंजाब की मौजूदा वित्तीय स्थिति की स्पष्ट तस्वीर आपके सामने प्रस्तुत कर सके हैं। मैं मानता हूं कि यह कार्य बहुत कठिन एवं जिम्मेंवारी वाला था, जिसको आपने बिना किसी दिखावे के सरअंजाम दिया है।

—–मुझे विश्वास है कि वित्तीय विभाग की सतर्कता एवं आदरणीय मुख्य मन्त्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जी की दूर अंदेशी एवं खास तवज्जो को यह सदन सच्चे मन से स्वीकृत करेगा जिसका सबब, पंजाब के लोगों के कल्याण की रक्षा करना है। इस सदन की यहीं बुनियादी जिम्मेंवारी भी है।

इन्हीं लफ्ज़ों के साथ मैं वर्ष 2018-19 के बजट मनसूबों को इस काबिले कदर सदन की रूबरू स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करता हूँ।

जय हिन्द

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