मैं मेरी तथा अहंकार के कारण इंसान दुखी: महात्मा अजमेर

हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर। सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरकारी सत्संग भवन हरियाना में मुखी महात्मा डा. रत्न सिंह के नेतृत्व में संत समागम करवाया गया। जिसमें मिशन के जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू विशेष तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि यह मानव जीवन बड़े ही भागों से मिला है।

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उससे भी ज्यादा भाग हमारे अच्छे है हम सतगुरु की शरण में जाकर इस निरंकार की प्राप्ति हो गई। यह मानव जीवन का असली उद्देश्य है, जिसको आज का इंसान भूला बैठा है। इंसान की परेशानी का बड़ा कारण भी यही है। माया जो कि नाश्वान है, नहीं रहने वाली उसके लिए दिन रात भागता दौड़ता है लेकिन जो चीज इंसान को परमात्मा ने करने के लिए इस दुनिया में भेजा है, उसके लिए इंसान के पास समय ही नहीं है, यदि इंसान परमात्मा की जानकारी नहीं हासिल करता तो इसलिए चौरासी लाख यूनियों फिर से उसके लिए तैयार है। इस इंसान को समय रहते हुए इस निरंकार की प्राप्ति कर लेनी चाहिए। आज का इंसान अपने आप को कर्ता मानकर चलता है।

उसको इस बात का भी पता है कि सब कुछ करने वाला यह प्रभु परमात्मा है लेकिन फिर भी अपना कर्ता भाव नहीं छोड़ता, जिस कारण उसको दुख तकलीफों का सामना करना पड़ता है। कई इंसान ऐसे भी है जो इस निरंकार को जानकर मैं मेरी को लेकर बैठे हुए है, यदि वह सोचते है कि उनको इस निरंकार की प्राप्ति के बाद मुक्ति मिल जाएगी तो उसका भ्रम है। उसकी मुक्ति पर भी प्रशन चिन्ह लग सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जो कानून को जानकर उसकी उल्लंघना करना है उसको सजा दोगुनी मिलती है, जिसको कानून के बारे में नहीं पता उसका हो सकता है कि बचाव हो जाए लेकिन सजा जरूर मिलती है।

इसलिए हमें भी इस निरंकार की जानकारी करने के बाद सतगुरु के हुक्मों पर चलते हुए अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। अंत में मुखी डा. रत्न सिंह ने ने जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू व आई हुई संगतों का धन्यवाद किया। इस मौके बुल्लोवाल ब्रांच के मुखी महात्मा लखविंदर सुमन, संचालक सुरिंदर सिंह, बलदेव राज, इन्द्रजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, जसविंदर कौर, सुरजीत कौर, राजिंदर कौर, दविंदर कौर, जसवीर कौर उपस्थित थे।

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