होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की सफलता को देखते हुए भारत सरकार ने 20 अप्रैल को उज्जवला दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसी के मद्देनजर होशियारपुर जिले में भी 20 अप्रैल को समस्त गैस एजेंसियों की तरफ से एल.पी.जी. पंचायत का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत जिले की समस्त 36 गैस एजेंसियों द्वारा अपने-अपने इलाके के एक-एक गांव में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा तथा इस दिन उज्जवला योजना के अंतर्गत एस.सी./एस.टी./सबसे पिछड़े वर्ग एवं अंत्योदय के अंतर्गत लाभ पाने वाले परिवारों को एल.पी.जी. कनैक्शन जारी किए जाएंगे।
उक्त जानकारी सीनियर मैनेजर एवं जिला नोडल अधिकारी बी.के. मंडल ने पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में ग्रामीण विकास मंत्रालय की सहभागिता होगी तथा स्वराज अभियान के लिए जिले के 106 गांवों को चयनित किया गया है और इन गांवों को जल्द ही धुआं रहित घोषित किया जाएगा, जिसके लिए अभियान शुरु हो चुका है। इन गांवों में दसूहा मंडल के तहत 16, होशियारपुर के 51 एवं गढ़शंकर मंडल के 39 गांवों को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि होशियारपुर में एल.पी.जी. के लिए सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसर 2011 की सूची के अनुसार कुल 67572 लोग सूचीबद्ध थे। जिनमें अधिकांश ने जरुरत के हिसाब से गैस ले लिया है पूर्व में उज्जवला योजना के तहत 28069 आवेदन आए हैं। जिसमें से उज्जवला योजना के तहत 18665 को कनेक्शन दिया जा चुका है। अब उज्जवला योजना का दायरा बड़ा कर इसे जिले और अधिक परिवार को लाभ दिया जाना सुनिशित करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 1 मई 2016 को मानीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से शुरू की गई थी। जिसके अंतर्गत अभी तक पूरे भारत में 3 करोड़ 56 लाख से ज्यादा एलपीजी कनैक्शन गरीब परिवारों को उनके परिवार की महिला के नाम पर जारी हो चुके हैं। इस योजना की मदद से पूरे भारत वर्ष में एलपीजी इस्तेमाल करने वालों की प्रतिशत 61.9 प्रतिशत से बढक़र 80.9 प्रतिशत हो गई है। खाना बनाने में एलपीजी का इस्तेमाल से न सिर्फ ग्रामीण भारत में धुआं रहित साफ ईंधन का इस्तेमाल बढ़ा है, इसके साथ ही धूएं से होने वाली विभिन्न बीमारियों से भी ग्रामीण महिलाओं को निजात मिली है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत उन गरीब परिवारों को निशुल्क गैस कनैक्शन दिया जाता है। जिसके पास अभी तक कोई गैस कनैक्शन नहीं है। ऐसे परिवारों के लिए गैस सिलैंडर व रेग्युलेटर का खर्च सरकार वहन करती है व ऐसे परिवारों को सिर्फ गैस का मुल्य एवं गैस चूल्हे का मुल्य देना पड़ता है।