होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री रजनी भारती जी ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य अपने कर्मो के अधीन इस संसार में जन्म लेते हैं, लेकिन संत महापुरूष दया के कारण इस संसार में आते हैं।
आगे उन्होंनें कहा कि जीव का कालवश होना, विषय-विकारों के अधीन होकर पल प्रतिपल गिरते ही रहते है क्या यह किसी भयंकर दंड से कम है? हमें इस संसार रूपी कीचड़ से निकालने के लिए समय-समय पर संत महापुरूष इस धरा पर आते हैं। इसी कारण जीव का कल्याण करने के लिए गुरू शिष्य को सेवा में लगाते हैं। हम अपने जन्मों के संस्कारों के कारण भक्ति मार्ग पर चल नहीं पाते पर संत महापुरूष अपने महान संस्कारों के कारण हमें भक्ति मार्ग पर चलने के लिए सहायता प्रदान करते हैं।
इसीलिए हमारे महापुरूषों ने कह दिया ‘‘गुरू जैसा नाही को देव’’ कि गुरू के जैसा कोई देव नहीं , क्योंकि वह हमारे बिगड़े मन को सुधार कर हमें एक नई दिशा प्रदान करते हैं और हमें भक्ति मार्ग पर बढाते हैं और हमारे जीवन का कल्याण करते हैं। अन्त में उन्होंनें कहा कि ईश्वर को प्राप्त किये बिना हम स्थायी शांति को नहीं प्राप्त कर सकते, और बिना गुरू के ज्ञान को प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए हमें सर्वप्रथम ऐसे संत महापुरूष की खोज करें जो हमारे अंदर ईश्वर का साक्षात्कार करवा दे और हमारे जीवन में भक्ति की शुरूआत कर दे।