होशियारपुर/तलवाड़ा (द स्टैलर न्यूज़)। उन्नति सहिकारी सभा ने कंडी क्षेत्र की बंजर जमीनों में लैमन ग्रास की खेती का जाग लगा दिया है तथा सभा की ओर से उठाया गया यह कदम जहां फसली विभिन्नता के लिए एक निवेकला प्रयास है वही किसानों को अपनी बंजर जमीनों से बढिय़ा आमदन हो रही है। यह लैमन ग्रास की फसल को जंगली जानवरों से भी कोई खतरा नहीं है तथा इस घास से एक साल में चार बार कटिंग करके तेल निकाला जा सकता है, जिस के चलते किसान एक एकड़ में से करीब 85 हजार रुपये कमा रहे है। जिलाधीश विपुल उज्जवल ने बताया कि कंडी क्षेत्र में लैमन ग्रास की खेती फसली विभिन्नता की तरफ उठाया गया एक अग्रिम कदम है। उन्होंने बताया कि किसानों को फसली चक्कर से निकल कर अपनी आमदन बढ़ाने के लिए ऐसे प्रयास करते रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि लैमन ग्रास की खेती के साथ पानी भी बचाया जा सकता है क्योंकि धान के मुकाबले इस फसल को पानी की बहुत कम आवश्यकता होती है। इस फसल के लिए साल में केवल 10-12 बार पानी की जरुरत होती है, जबकि सर्दियों में केवल तीन बार ही पानी की जरुरत पड़ती है। उन्होंने बताया कि एक साल में चार बार 70 से 90 दिन बाद इस घास की कटिंग की जा सकती है तथा एक बार की कटिंग में 25 किलो लैमन ग्रास तेल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि साल में एक एकड़ से करीब 100 किलो तक तेल निकलवाया जा सकता है, जिस के चलते किसान एक एकड़ में करीब 85 हजार रुपये कमा सकते है। उन्होंने बताया कि गर्मियों में लैमन ग्रास घास से बढिय़ा तेल निकलता है। उन्होंने बताया कि कंडी क्षेत्र में लैमन ग्रास की खेती का सब से बड़ा फायदा यह है कि इस को कोई जंगली जानवर भी नहीं खा सकता।
-उन्नति सभा के अलावा मुंबई, लखनऊ तथा पंचकूला की कंपनियां खरीद रही है तेल
उन्नति मार्कीटिंग तथा प्रोसैसिंग सहिकारी सभा तलवाड़ा के जनरल मैनेजर जोती सरुप ने बताया कि लैमन ग्रास की बिजाई के लिए सब से बढिय़ा समय अक्तूबर तक माना जाता है तथा यह घास लगाने के लिए एक एकड़ में करीब 18 हजार कलमों की जरुरत होती है जिस को किसी भी लैमन ग्रास की खेती कर रहे किसान से असानी से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक कलम का खर्चा करीब एक रुपये पड़ता है तथा एक बार लगाने के बाद चार साल तक इस से फसल ली जा सकती है, जबकि जमीन की सेहत अच्छी होने पर 6 साल तक भी फसल ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि कंडी क्षेत्र में किसानों को प्रेरित करके उनती सहिकारी सभा लैमन ग्रास की खेती को प्रफुल्लत कर रही है तथा कंडी क्षेत्र के 6 किसान करीब 15 एकड़ में इस घास की खेती कर रहे है जब कि गंाव जगियाल में अगले दो महीनों में 15 एकड़ अन्य खेती करवाने का सभा की ओर से लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि उनती सभा न केवल लैमन ग्रास की खेती किसानों से करवा रही है बल्कि उनकी ओर से निकाला गया तेल भी करीब 850 रुपये प्रति किलो खरीद कर रही है। इस के अलावा बाकी संबंधित कंपिनयों को तेल बेचने के लिए भी सभा किसानों का मार्गदर्शन कर रही है।
उन्होंने बताया कि लैमन ग्रास घास का तेल, मुंबई, लखनऊ, पंचकूला आदि की परफ्यूमरी तथा फामासिटीकल कंपनियों की ओर से भी खरीद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विटामन ई के अलावा निंबू की खुशबू वाले परफ्यूम तथा साबन आदि में इस तेल का प्रयोग किया जाता है जब कि फरोजपुर की एक कंपनी की ओर से अगरबत्ती में इस का प्रयोग करने के लिए भी तेल की खरीद की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सभा की प्रेरणा के चलते गांव सिपरियां में एक अग्रनी किसान श्री रघुनाथ ने एक लैमन ग्रास का यूनिट भी लगाया हुआ है जिस से किसान तेल निकलवा रहे है। इस से किसानों को तेल निकालने तथा बेचने की कोई समस्या नहीं आ रही। उन्होंने बताया कि किसान अपना यूनिट लगा कर भी अपनी आमदन बढ़ा सकते है तथा इस यूनिट पर केवल डेढ़ से दो लाख रुपये ही खर्च आता है।