क्रांतिकारी सोच नशा मुक्त समाज के लिए संकल्प: साध्वी रुकमणि भारती

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा एस.डी.सीनियर सेकंडरी स्कुल होशियारपुर में नशा उन्मूलन कार्यक्रम’ किया गया। जिसमें आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रु कमणि भारती जी की अध्यक्षता में सैंकडों नौजवानो ने संकल्प लिया कि वे नशा मुकत समाज के सृजन में अपना योगदान देंगें साध्वी जी ने अपने विचारो मे कहा कि पंजाब प्रदेश में कुल आबादी के 23 प्रतिशत युवा नशे के आदी हैं जो हमारे देश के लिए चिंता का विशष है, नशा ऐसी बीमारी है जो हमें, हमारे समाज को, हमारे देश को तेजी से निगलते जा रही है, शहर और गांवों में पढऩे खेलने की उम्र में स्कूल और कॉलेज के बच्चे एवं युवा वर्ग मादक पदार्थों के बाहुपाश में जकड़ते जा रहे हैं। नशे के दुष्प्र5ाावों से अनजान होने के कारण ही युवा नशे की ओर कदम बढ़ाते हैं। उनके सामने नशाखोर या गैर कानूनी दलों द्वारा दिए गये हवाई निष्कर्ष होते हैं। जिसमें फंसकर वे नशा करना शुरू कर देते है, जबकि जो एक बार नशा लेते है 80 प्रतिशत युवा बार-बार नशा लेंगे और नशे की लत का शिकार हो जाएगे।

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नशे की लत को छोड़ पाना बहुत कष्टदायी होता है। अगर कोई छोड़ता भी है तो पुन: नशा करना शुरू कर देता है और 10 में से 8 लोग दोबारा नशा लेना शुरू कर देते हैं। नशे की बढ़ती लत आज केवल मात्र एक सामाजिक समस्या ही नहीं है, अपितु बहुत सी अन्य सामाजिक समस्याओं का द्वार भी है। निरंतर वैज्ञानिक विकास के बावजूद आज नशे की रोकथाम हेतु दवाइयां तो उपलब्ध हैं परन्तु फिर भी नशे के प्रति लालसा से लोग अब भी जूझ रहे हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि दवाइयों के माध्यम से केवलमात्र शरीर को ही नशा-विमुक्त बनाया जा सकता है, परन्तु हर प्रकार की लालसा के प्रवर्तक-मानव मस्तिष्क-को नहीं। अर्थात समस्या का सार है- व्यसन की उपज शरीर में नहीं अपितु मस्तिष्क से होती है। इसलिए यदि नशे की लत को खत्म करना है तो लोगों की मानसिकता को बदलना होगा और ये कार्य युवा ही कर सकते हैं। उनको ही कमर कस कर घर-घर जाना होगा

साधवी जी ने कहा कि एक प्रश्न है क्यों करते हैं लोग नशा? कभी शौक के नाम पर तो कभी दोस्ती की आड़ में, कभी दुनियां के दुखों का बहाना करके तो कभी कोई मजबूरी बताकर, कभी टेंशन तो कभी बोरियत दूर करने के लिए लोग शराब, सिगरेट, तंबाकू आदि अनेक प्रकार के मादक द्रव्यों का सेवन करते हैं लेकिन नशा कब जिंदगी का हिस्सा बन जाता है। उन्हें पता ही नहीं चलता, जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडैंट करना, शादी शुदा व्यक्तयों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है। मुहं, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है।

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