भ्रूण हत्या में केवल अनपढ़ लोग ही नहीं बल्कि पढ़ा लिखा वर्ग भी अधिकतर शामिल: साध्वी श्वेता भारती

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा पूरे देशभर में भगवान शिव कथाएं की जा रही है, इसी के अंतर्गत आज शिव मंदिर पुलिस लाइन होशियारपुर में तीन दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। कथा के दुसरे दिन में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री श्वेता भारती जी ने बताया कि समाज में पनप रही भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा और नारी शोषण आदि समस्याओं के सम्बन्ध में नागरिकों को जागरूक होना चाहिए। साध्वी जी ने कहा कि कहने को तो हम आज आधुनिक हो गए है पर हमारी सोच आज भी पछडी हुई है। रुडीवादी धारणाएं आज भी हमारे भीतर अपनी जड़ो को स्थापित कर बैठी हुई है। जिसका जीवित प्रमाण समाज में उभरी हुई यह समस्याए ही है।

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आज भ्रूण हत्या की समस्या ने इतना भयानक रूप धारण लिया है कि भ्रूण हत्या में केवल अनपढ़ लोग ही नहीं बल्कि आज का पढ़ा लिखा वर्ग अधिकतर शामिल है। आखिर इन सब का कारण यह भी है कि आज भी हम बेटियों को बोझ ही समझते है। इस लिए जन्म लेने से पहले ही छोटी सी कली को मसल दिया जाता है। हमारी धन की लालसा ने आज तक पता नहीं कितनी ही बेटियों को अग्नि की भेंट चढा दिया है। आज हमें अपनी मानसिकता को बदलने की जरूरत है। साध्वी जी ने आगे कहा कि श्री आशुतोष महाराज जी अकसर कहते है कि जब तक व्यकित के मन के स्तर पर उतर कर काम ना किया जाए, उस समय तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। जब मन बदल जाएगा तब विचार भी बदल जाएगें और उस समय ही हमारी सोच भी बदल जाएगी।

आगे साध्वी जी ने बताया कि कामकाजी महिलाओं को घर में विपरीत परिस्थितियों से जूझना पड़ता है। इसके लिए जिम्मेदार सास-ससुर व पति होते हैं। सर्वे के मुताबिक, परिवार के 80 फीसदी सदस्य चाहते हैं कि उनकी बहू दफ़्तर का कार्य छोडक़र उनकी बात सुने और उनकी जरूरतों को पूरा करे। कुछ दहेज के लोभी जो दहेज की लालसा के कारण अपनी बहू के साथ मृत्यु का नंगा तांडव खेलते हैं, यौन उत्पीडऩ, बलात्कार इत्यादि कई समस्याओं का सामना आज महिलाओं को करना पड़ रहा है। छेड़छाड़ की घटनाओं से तो कोई भी क्षेत्र अछुता नहीं रहा है। चाहे वह निजी क्षेत्र हो या फिर सार्वजनिक। सेंटर फॉर सोशल रिसर्च के हाल के आंकड़ों के अनुसार देश में रोज़ दस में से एक लडक़ी छेड़छाड़ का शिकार बनती है।

आगे साध्वी जी ने कहा कि दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से महिलाओं के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ ‘‘संतुलन-लिंग समानता’’की मुहिम चलाई गई है। जिसके तहत समाज में व्याप्त कन्या भ्रूण हत्या जैसे हिंसक कृत के कारण तेजी से गिरते लिंग अनुपात से उत्पन्न नैतिक मूल्यों में विघटन एवं महिलाओं से संबधित बढ़ते अपराध दर जैसी गम्भीर समस्याओं के उन्मूलन हेतु विभिन्न कदम उठाये जाते हैं। अंत में सााध्वी जी ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा चलाए जा रहे संतलुन प्रोजेकट के बारे में बताया। जिसके अंर्तगत संस्थान हर नगर, हर शहर में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए यत्नशील है। संतुलन का भाव नारी पुरूष अनुपात में जो इतना अंतर आ गया है उसको संतुलित करना। तब ही हमारा समाज शांत और तंदरु स्त रह सकेगा।

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