परमात्मा पर विश्वास के बाद ही असली भक्ति शुरू होती है: अवतार सिंह

होशियारपुर/गढ़दीवाला (द स्टैलर न्यूज़)। परमात्मा पर विश्वास के बाद ही असली भक्ति शुरू होती है। उक्त विचार गढ़दीवाला ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह जी ने सतगुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में आयोजित संत समागम के दौरान प्रकट किए। उन्होंने कहा कि सतगुरु की शरण में आकर इंसान जब इस परमात्मा की जानकारी हासिल कर लेता है उसके बाद जब तक वह निरंकार प्रभू पर विश्वास नहीं करता तब तक असल में भक्ति शुरू नहीं हो सकती, जितना विश्वास इंसान इस दुनिया पर करता है उसे नुक्सान ही उठाना पड़ता है और जब इंसान इस प्रभु परमात्मा पर विश्वास करता है तो उसे कोई नुक्सान नहीं हो सकता। उन्होंने सिमरन की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि इस प्रभु का सिमरन करने के बाद इंसान के मन को शांति मिलती है, सहारा मिलता है।

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दुनियावी कार्य करते समय हमें हर समय सिमरन करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब घर में महिलाएं खाना बनाती है अगर खाना बनाते समय सिमरन करती है तो खाना जो होता है वह प्रसाद का रूप धारण कर लेती है। उन्होंने कहा कि हमें हर समय इस प्रभु परमात्मा का शुक्राना अदा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक परमात्मा को जानकर इसके साथ जुडऩा ही इंसान जन्म का लक्ष्य है।

परमात्मा जो निराकार शक्ति है। इस निरंकार का वर्णन अलग अलग धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। सभी हो चुके पीरों व पैंगम्बरों ने इस एक निरंकार के साथ मिलाया। हमेशा संतो महापुरुषों ने मानवता व एकत्व का संदेश दिया लेकिन इंसान उस रास्ते पर नहीं चला। आज सतगुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज भी इस सच्चाई के रास्ते पर इंसान को चलना सिखा कर इंसान की जिंदगी स्वर्ग बना रहे है। परमात्मा इंसान के अंग संग है परंतु पूर्ण सतगुरु की कृपा के बिना देखा नहीं जा सकता। इंसान अहंकार, वैर, विरोध, ईष्र्या को त्याग कर ही इस परमात्मा को जान सकता है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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