होशियारपुर। भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव में चीन जैसे देश अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं। चीन एक ऐसा देश है जो भाई-भाई का नारा देकर पीठ पीछे वार करने से भी नहीं चूकता और हम भारतीय चीनी वस्तुओं का जमकर उपयोग करके चीन के हाथ और मजबूत बना रहे हैं तथा चीन हमारे खिलाफ पाकिस्तान की खुलकर मदद कर रहा है। जिसका नतीजा यह है कि भारत पर पाक की तरफ से चीन की मदद से आए दिन आतंकवादी हमले हो रहे हैं। परन्तु हम भारतीयों को इसका जवाब देने के लिए चीनी वस्तुओं का वहिष्कार करना चाहिए ताकि उसकी अर्थ व्यवस्था को चोट पहुंचे तथा वे पाक का साथ देने से गुरेज करे। उक्त बात सामाजिक संस्था ‘नई सोच’ के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने इस विषय पर आयोजित एक बैठक में कही। श्री गैंद ने कहा कि चीनी वस्तुओं के बाजार में आने से हमारे लघु व बड़े उद्योगों पर बुरा असर पड़ रहा है। हम सस्ती चीज के पीछे भाग रहे हैं, परन्तु हम यह भी जानते हैं कि चीनी वस्तुएं अधिक टिकाउ नहीं हैं। हमें यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए कि चीन सस्ती वस्तुओं का लालच देकर भारत की अर्थ व्यवस्था व यहां के उद्योगों को हानि पहुंचा रहा है, जिसके चलते आने वाले समय में हम भारतीय पूरी तरह से उद्योग विहीन हो जाएंगे। अगर ऐसा होता है कि भारत एक बार फिर से गुलामी की जंजीरों की तरफ बढ़ रहा है। इसलिए हमें मात्र सोशल मीडिया या मीडिया में ही नहीं बल्कि असल में चीनी वस्तुओं के उपयोग पर पाबंदी लगानी चाहिए और व्यवसायीयों को भी चाहिए कि वे चीन में बनी वस्तुओं को छोड़े से लालच के चक्कर में न खरीदें तथा भारतीय वस्तुओं को बाजार में उतारने पर ध्यान दें। अश्विनी गैंद ने कहा कि दीपावली पर चाइनीज लाइटों के स्थान पर पारंपरिक दीपमाला करके त्योहार मनाएं ताकि दीपों के इस त्योहर दीपावली शब्द का अर्थ सार्थक हो सके। इस दौरान उपस्थित समस्त सदस्यों ने चाइनीज वस्तुओं का पूरी तरह से वहिष्कार करने का प्रण लिया तथा फैसला लिया कि दूसरों को भी इसके प्रति जागरुक करेंगे कि वे चाइनीज वस्तुओं का मोह छोड़ भारतीय वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा दें। इस मौके पर राष्ट्रीय हिन्दू शिव सेना पंजाब के अध्यक्ष कमल शर्मा कोठारी, अशोक शर्मा, विजय सूद पप्पा, मनदीप सिंह पंदेर, यशपाल सहोता, विशाल शर्मा, राकेश कुमार, राजेश शर्मा, मनी, पियूष सूद, मंगी प्रेमगढ़, टिंकू सैनी, रवि कुमार, अंकुश, बल्ला पहलवान, राजीव कुमार, राकेश कुमार, राजू सैनी इत्यादि मौजूद थे।
चीनी अर्थव्यवस्था की कमर तोडऩे के लिए चीनी वस्तुओं का बहिष्कार जरुरी:अश्विनी गैंद
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