कला व संस्कृकि का अनोखा संगम है क्षेत्रीय सरस मेला: जिलाधीश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। 3 नवंबर तक चलने वाला क्षेत्रीय सरस मेला होशियारपुर के लाजवंती आउटडोर स्टेडियम में हर्षोल्लास चल रहा है। मेले में उमड़े दर्शकों के उत्साह से पता चलता है कि वे भारतीय संस्कृति को देखने के लिए कितने उतावले हैं। जहां लोग हाथ से बनी अलग-अलग वस्तुओं को खरीदने के लिए उत्साहित दिखे वहीं अलग-अलग राज्यों के प्रसिद्ध लोक नृत्य देखने के लिए भी भारी उत्साह देखा गया। मेले के चौथे दिन जिलाधीश ईशा कालिया विशेष तौर पर पहुंची। इस दौरान उनके साथ अतिरिक्त जिलाधीश (विकास) हरबीर सिंह व अतिरिक्त डिप्टी कमिश्रर(सामान्य) अनुपम कलेर भी मौजूद थे।

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डिप्टी कमिश्रर ने कहा कि क्षेत्रीय सरस मेला कला व संस्कृति का अनोखा संगम है। सरस मेला होशियारपुर इलाके के लिए तोहफा है, क्योंकि यहां भारत की सांस्कृतिक झलक देखी जा सकती है। उन्होंने लोगों को अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति से परिचित करवाने के लिए इस मेले में जरु र लेकर आएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के हिसाब से भी यह मेला विद्यार्थियों के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह मेला अलग-अलग संस्कृति के साथ अलग-अलग राज्यों के खान-पान व दस्तकारी का सुमेल है। यही कारण है कि हजारों की गिनती में लोक मेला देखने के लिए आ रहे हैं।

-लोक नृत्यों की रही धूम, खूब बटोरी तालियां

आज नार्थ जोन कल्चरल सैंटर पटियाला की ओर से जब सांस्कृतिक समारोह शुरु किया गया तो मेला प्रेमी अपने स्थान से हिल नहीं पाए। राजस्थान का काल बेलिया, उड़ीसा को लोक नृत्य गोटी पुआ, मनीपुरी नृत्य ढोल चोलम, पुंग चोलम, गुजराती नृत्य सिद्धी धमाल, राजस्थान की भवाई के अलावा बीन जोगी की बीन ने खूब वाहवाही बटोरी।  सरस मेले में देश की संस्कृति को दिखाते 24 राज्यों के 260 से अधिक लगे स्टालों में अलग -अलग वस्तुएं खरीदने के लिए जनता की भीड़ लगी रही। अलग-अलग राज्यों की कलाकृतियां खरीदने के लिए सुबह से लेकर शाम तक लोग स्टालों पर दिखे। मेले में लगे स्टालों की खास बात यह है कि सभी स्टाल अपने-अपने राज्यों की प्रसिद्ध व हाथ से बनी वस्तुएं ही बेच रहे हैं, जिसके चलते लोग काफी उत्साहित भी दिखे।

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