हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। बंद होने के कगार पर खड़े राजकीय प्राथमिक पाठशाला घलूँ को पहले गोद लिया फिर अपने बेटे की एडमिशन करवाई। इतना ही नहीं साहिब छुट्टी वाले दिन स्वयं बच्चों को पढ़ाते भी हैं। यह सब सामाजिक कार्य कर रहे हैं हमीरपुर जिला के टौणी देवी तहसील के खंड विकास अधिकारी यशपाल परमार। यशपाल परमार हमीरपुर जिला के नादौन उपमंडल की छोटी सी पंचायत घलुं के रहने वाले हैं। हर रविवार और छुट्टी वाले दिन वे अपने गांव जाकर प्राथमिक स्कूल में अपनी पंचायत के छोटे-छोटे बच्चों को अंग्रेजी व नैतिक शिक्षा का ज्ञान देते हैं। जब बीडीओ यशपाल ड्यूटी पर हों तो उनकी पत्नी इस कार्य में मदद करती हैं। यहां ए फॉर एप्पल के अलावा ए फॉर एंबुलेंस भी पढ़ाया जाता है और इसी तरह आ का मतलब आम नहीं आदर भी होता है। हिंदी वर्णमाला और अंग्रेजी के एल्फाबैट के यहां वो मतलब भी नन्हें बच्चों को बताए जाते हैं, जो उन्हें आगे चलकर न केवल एक अच्छा इंसान बनाएंगे बल्कि एक बेहतर राष्ट्र निर्माण में भी सहायक होंगे।
स्कूल को गोद लेकर बी.डी.ओ. बेटे की भी करवाई यहाँ एडमिशन, अंग्रेजी के साथ नैतिक शिक्षा का भी देते हैं ज्ञान
बीडीओ यशपाल ने बताया कि समाज में बढ़ रही कुरीतियों जैसे नशा इत्यादि से वे काफी परेशान थे। देश में बढ़ते अपराधों को देखकर उनके मन में यह बात उठी की क्यों न अपने गांव से शुरूआत की जाए। बड़े लोगों को समझाने के बजाय छोटे बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल में हम ई-लर्निंग पर भी जोर दे रहे हैं तथा एलईडी के माध्यम से बच्चों को नृत्य तथा अन्य शिक्षा भी दे रहे हैं। अपने बच्चे को बीडीओ सर की क्लास में लेकर आई एक अभिभावक ने बताया कि उनकी नैतिक शिक्षा से बच्चों में अच्छे संस्कार पनप रहे हैं तथा बच्चों में स्वच्छता आदि के प्रति भी सोच भी पैदा हुई है। बच्चों ने कहा कि उनको इस कक्षा में आकर अच्छा लगता है तथा वे अंग्रेजी और अच्छी बातें सीख रहे हैं। स्कूल के भवन को साफ़ सुथरा देख हर व्यक्ति वाह कहे बिना नहीं रहता।