अधिकारियों को नहीं अदालत के आदेश की परवाह: भट्ठों की चिमनियां उगल रहीं जहर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पिछले साल अक्तूबर माह में भट्ठों को फरवरी माह तक बंद रखने के आदेश जारी किए थे तथा माननीय हाईकोर्ट ने भी अधिकारियों को उक्त आदेश लागू करवाने की हिदायत की थी तथा भट्ठों को जिगजैग तकनीक से चलाने के निर्देश दिए थे। परन्तु एक तरफ जहां कई भट्ठा मालिकों द्वारा माननीय अदालत के आदेशों की सरेआम अवहेलना की जा रही है वहीं संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई को अमल में न लाए जाने के चलते भट्ठों की चिमनियां निर्विघ्न जहर उगर रही हैं। जिसके चलते विभागों की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगना स्वभाविक सी बात है। अगर यह भी कहा जाए कि अधिकारियों की नाक तले भट्ठे चला रहे मालिकों की अधिकारियों के साथ मिलीभगत जरुर है, अन्यथा अदालत के आदेशों के बावजूद बिना नई तकनीक अपनाए भट्ठे नहीं चल सकते।

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हमारी टीम द्वारा जिले के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया गया। इस दौरान जहां कई भट्ठा मालिकों ने अदालत के आदेशों की पालना करते हुए करोड़ों रुपये खर्च करके जिगजैग तकनीक अपना ली है वहीं मिलीभगत करके भट्ठा चला रहे कई भट्ठा मालिकों द्वारा सरेआम आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और अधिकारी जानते हुए भी कड़ी कार्रवाई के स्थान पर महज कागजी कार्रवाई करके फाइलों की शोभा बढ़ाने में लगे हुए हैं। दौरे दौरान पाया गया कि कुछेक भ_े तो पिछले 1-2 माह से चल रहे हैं और लगातार उनकी चिमनियों से निकलने वाला धूआं पर्यावरण को दूषित कर रहा है। नाम न छापने की शर्त पर कुछेक भ_ा मालिकों ने बताया कि अदालत के आदेशों को एक समान लागू करने में संबंधित विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं तथा अधिकारियों की कार्यप्रणाली की भी जांच होनी जरुरी है। उनका कहना है कि उन्होंने करोड़ों रुपये लगाकर भट्ठों को जिगजैग तकनीक से बनाया है तथा दूसरी तरफ कई भट्ठा मालिक आज भी पुरानी तकनीक के माध्यम से ही काम कर रहे हैं और पाबंदी के बावजूद भट्ठे चला रहे हैं। जिससे उनका मनोबल काफी गिरा है तथा सरकारी तंत्र से उनका विश्वास उठना शुरु हो गया है।

एक तो पहले ही सरकार ने भट्ठा चलाने का समय बहुत कम कर दिया है तथा दूसरा नई तकनीक अपनाने के बावजूद उनके भट्ठे बंद पड़े हैं और मिलीभगत करके काम करने वाले नियमों की अवहेलना करने में लगे हैं। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी परेशान होना पड़ रहा है। इसलिए इस मामले को उच्चाधिकारियों को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। गौरतलब है कि हाल ही में लुधियाना में भट्ठा मालिकों द्वारा जिलाधीश लुधियाना को एक मांगपत्र देकर भट्ठों को बंद करवाने की मांग की थी तथा होशियारपुर में भी भट्ठा मालिक इस संबंधी कार्रवाई हेतु जिलाधीश से मिलने संबंधी बैठक कर चुका है।

इस संबंधी बात करने पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सियन अशोक शर्मा ने बताया कि जो भट्ठे चल रहे हैं उनकी कंसेंट उन्होंने कैंसल कल दी है तथा लाइसेंस कैंसल करने संबंधी संबंधित विभाग को लिख दिया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उन्होंने इस संबंधी अगली कार्रवाई हेतु रिपोर्ट आला अधिकारियों को भी भेज दी है।
इस मामले में सिविल सप्लाई अधिकारी रजनीश कौर का कहना है कि प्रदूषण विभाग द्वारा उन्हें रिपोर्ट भेजी गई है तथा उस पर कानून अनुसार कार्रवाई को अमल में लाने हेतु कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी प्रोसीजर है उसके हिसाब से ही कार्रवाई की जाएगी, वे इससे बाहर नहीं जा सकती।

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