पढ़ो पंजाब के विरोध में अध्यापकों ने नारेबाजी करके जलाया कृष्ण कुमार का पुतला

होशियारपुर/हरियाना(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: प्रीति पराशर। पंजाब सरकार की तरफ से कच्चे अध्यापकों को पक्के करने के लिए लगातार टाल-मटोल और पटियाला में शांतमयी रोष प्रकट करते अध्यापकों और अंधाधुंध लाठीचार्ज करके रोष स्वरूप आज कृष्ण कुमार का पुतला फूंका गया। अध्यापकों की तरफ से प्रदेश स्तरीय मंजूरशुदा हिदायतों अनुसार बाद दोपहर बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो कर बी.पी.ई.ओ के दफ़्तर आगे धरना मार कर जबरदशत नारेबाज़ी की गई। इस मौके अध्यापक संघर्ष समिति के जि़ला नेता परमजीत सिंह, सरबजीत सिंह कंग, कमलजीत सिंह, परमानंद, मुखत्यार सिंह ने कहा कि लंबे समय से कम तनख्वाहें और स्कूलों में काम करते कच्चे अध्यापकों को जहाँ कांग्रेस सरकार अनदेखा कर रही आ,वहाँ अफसरशाही का भी इसमें बराबर का योगदान है, क्योंकि कच्चे अध्यापकों को पक्का करने या स्कूलों, विद्यार्थियों आदि सम्बन्धित प्रपोजलें अफसरशाही ने सरकार को बना कर देनीं होती हैं परन्तु सरकारों की शिक्षा विभाग को निजी हाथों में देने की नीति को अफसरशाही की तरफ से पूरा सहयोग दिया जाता रहा है, जिसकी उदाहरण शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार की तरफ से स्कूलों में अध्यापकों की कमी के बावजूद सैंकड़े अध्यापकों को स्कूलों में से निकाल कर पढ़ो पंजाब प्रजैकट में लगाया गया है।

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जिससे समूचे अध्यापकों ने पढ़ो पंजाब को बंद करके, सिफऱ् सलेबस अनुसार पढ़ाने की घोषणा करके इसमें डैपूटेशन और लगाऐ अध्यापकों को पैतृक स्कूलों में भेजने के लिए संघर्ष शुरु कर दिया है, परन्तु उच्चाधिकारियों पढ़ो पंजाब चलाने के लिए अध्यापकों और दबाव पाया जा रहा है और अध्यापक नेताओं प्रति गलत प्रचार किया जा रहा है। जिसके रोष स्वरूप अध्यापकों की तरफ से कृष्ण कुमार का पुतला फूंका गया है। नेताओं ने कहा कि अध्यापक स्कूलों में सलेबस अनुसार मेहनत के साथ पढा रहे हैं, परन्तु अफसरशाही की तरफ से अध्यापकों को पढ़ो पंजाब के द्वारा पढ़ाने के लिए लगातार दबाव पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में शुरू हो रही पढ़ो पंजाब की अंतिम जांच पंजाब के समूचे अध्यापकों ने सामुहिक तौर पर न करवाने का फ़ैसला किया है और अध्यापक निर्धारित सलेबस में से ही बच्चों के सालाना पेपर लेंगे। इस मौके नेताओं ने सरकार और अफसरशाही और बरसते कहा कि सरकार के पास बजट में स्कूलों और अध्यापकों की बेहतरी के लिए एक भी धेला नहीं, यहाँ तक कि पूरा साल बीत जाने पर भी स्कूलों को हर साल मिलती स्कूल और रिपेयर सम्बन्धित ग्रांटें में से एक भी पैसा स्कूलों को नसीब नहीं हुआ परन्तु पढ़ो पंजाब के नाम और लाखों रुपए बहाए जा रहे हैं और बच्चों को वर्दियाँ, किताबें, वज़ीफ़े और मिड्ड -डे -मील सम्बन्धित पैसे, तनख्वाहें कभी भी समय पर नहीं मिलीं और अध्यापकों की तरफ से लोगों से दान ले कर बनाऐ स्मार्ट स्कूलों के शिक्षा सचिव की तरफ से उद्घाटन करके और सरकार की तरफ से अखबारी इश्तहारों के द्वारा मुफ़्त की वाह -वाह कमाई जा रही है।

नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी पढ़ो पंजाब की टीम के मैंबर या अधिकारी की तरफ से किसी भी अध्यापक और दबाव पाया गया तो उस का घेरायो किया जाएगा। जिसकी जि़म्मेदारी उसकी अपनी होगी। अंत में नेताओं ने पढ़ो पंजाब के में डैपूटेशन और लगे समूह अध्यापकों को अपने अपने पैतृक स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाने के लिए विनती की जिससे स्कूलों में अध्यापकों की कमी भी पूरी हो सके और बच्चे और अध्यापक एक ही तरीके सलेबस के साथ बिना किसी दबाव से पढ़ और पढा सकें और सरकार से मांग की कि पढ़ो पंजाब को शुरू से बंद किया जाए और स्कूलों में सिफऱ् निर्धारित सलेबस अनुसार ही पढ़ाने संबंधित निर्देश जारी किये जाने पर स्कूलों को बुनियादी सहूलतें प्रदान की जाएं। जिससे सरकारी स्कूलों को प्राईवेट स्कूलों के हम उम्र का बनाया जा सके।इस मौके उपरोक्त के इलावा हरजाप सिंह, रोहत कुमार, जगतजीत सिंह, होशियार सिंह, बलजीत सिंह, सरबजीत सिंह, मनजीत सिंह, कमलजीत सिंह, संजीव कुमार, सुशील कुमार, राम लुभाया, बलजिंदर कौर, गुरमुक्ख सिंह, बचित्तर सिंह, नवतेज सिंह, दविंदर कुमार, मुखत्यार सिंह, बलवंत सिंह, जसपाल सिंह, सरबजीत, मनदीप कौर, पवन कुमारी, मनप्रीत कौर, सपना, विजय पटियाल, गुरदयाल सिंह, हरदीप सिंह, शिव कुमार, गुरजीत सिंह, प्रितपाल सिंह चौटाला, रोशन लाल आदि बड़ी संख्या में अध्यापक उपस्थित थे।

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