श्री चरणों में निष्काम भाव से प्रेम करना साधक के जीवन की धन्यता: कृष्ण शास्त्री

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: पुष्पिंदर। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरिटेबल सोसायटी द्वारा खानपुरी गेट एकता नगर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में श्री रुद्र चण्डी महायज्ञ चौथे दिन में प्रवेश कर गया। हरिद्वार से आचार्य राजिंदर प्रसाद ने पूजन अर्चन करवाकर यज्ञ शुरु करवाया। आज तक 500 दुर्गा सप्तसती पाठ एवं 20,000 के करीब शंकर जी का पाठ हो चुका है। यज्ञ के दर्शन मात्र से ही सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

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रुद्र चंडी महायज्ञ के चौथे दिन के मुख्य यजमान निखिल गुप्ता एवं कमल अग्रवाल जी थे। ब्रह्मऋषि श्री नंद किशोर शास्त्री जी के आर्शीवाद से मंदिर प्रांगण में हो रही श्री मद्भागवत ज्ञान रस व दिव्य संगीतमयी कथा व्यास भागवत भूषण श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी (बरसाने वाले) ने दूसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा का बखान करते कहा कि भगवान श्री राधा गोबिंद जी के श्री चरणों में निष्काम भाव से प्रेम करना ही एकमात्र साधक के जीवन की धन्यता है। जो जीव श्री ठाकुर जी के श्री चरणों में पूर्ण रुप से आश्रित हो जाता है तो भगवान स्वंय उसके जीवन की आवश्यक्ताओं को पूर्ण करते हुए निज चरणों की प्रेम भक्ति प्रदान करते हैं।

पांडव वंश में कर्मयोगी सम्राट राजा परीक्षित कलियुग के प्रथम सम्राट हुए। कलियुग के प्रभाव से भ्रमित होकर परीक्षित ने संत का अपमान किया व परिणाम स्वरुप राजा परीक्षित को सातवें दिन में सर्पदंश से मृत्यु होने का श्राप मिला। परम विवेकशील परीक्षित ने सात दिनों में जीवन का परम कल्याण प्राप्त करने के लिए परमहंस श्री शुकदेव जी के श्री चरणों में उपस्थित होकर सात दिन परम मंगलमई श्री मद् भागवत कथा को श्रवण किया।

इस दौरान सोसायटी प्रधान रमेश चंद्र अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल, कोषाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल, जतिन गुप्ता, जगदीश हरजाई, संजीव सराय, अनिल गुप्ता, राघव गुप्ता, विवेक गुप्ता,तरसेम मोदगिल, रमेश अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, दविंदर वालिया, रमेश गंभीर, शुभम सिंगला, निखिल सिंगला, अशोक कुमार, संजीव अरोड़ा, राजिंदर मोदगिल, राम कृष्ण देव, विकास सिंगला, बृज बिहारी, शुभम, नील मोदगिल सहित गणमान्य शामिल थे।

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