-नफरत की दीवारें गिराने व प्यार के पुल प्यार पुल बनाने का सतगुरु माता ने किया आह्वान-
नई दिल्ली। ‘‘आज संसार जाति, धर्म, भाषा इत्यादि के आधार पर न$फरत की दीवारें खड़ी ही नहीं कर रहा है बल्कि मजबूत करता जा रहा है। ज़रुरत है प्यार के पुलों के निर्माण की ताकि मानव-मानव के समीप आ सके, मानव से मानव की दूरियां मिट जायें।’‘ यह उद्गार सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने दिल्ली के निरंकारी सरोवर के सामने वाले मैदान में आयोजित 3-दिवसीय 69वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के दौरान देश व दूर देशों से लाखों की सं या में आये हुए श्रद्घालु भक्तों एवं अन्य प्रभु प्रेमियों को कल देर रात स बोधित करते हुए व्यक्त किये। उक्त जानकारी गढ़दीवाला ब्रांच के मुखी महात्मा मोहन लाल, मनप्रीत सिंह मन्ना ने दी।
सद्गुरु माता जी ने कहा कि मिशन के संस्थापक बाबा बूटा सिंह जी, शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, जगत माताजी, राजमाता जी, बाबा गुरबचन सिंह जी ने अपने समय में इन्ही मूल्यों को स्थापित करने के लिए दिन-रात के प्रयास से यह सुन्दर इमारत खड़ी की है। उसके उपरान्त गत 36 वर्षों से बाबा हरदेव सिंह जी की रहनुमाई में यह मिशन और आगे बढ़ता गया और दुनिया के कोने कोने में छा गया। अब हमें इस मिशन को उन्ही ऊँचाईयों पर ले जाना है जहां सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की आकांक्षा थी। क्योंकि संसार में अज्ञानता का अंधकार अभी भी बहुत फैला हुआ है।
सद्गुरु माता जी ने कहा कि बाबा जी की शिक्षायें सार्वभौमिक हैं। उन शिक्षाआें को जीवन में व्यावहारिक रुप देकर मानव समाज के सामने रोशन मीनार बनना होगा। इसके लिए निरंतर प्रयास करने होंगे जिस प्रकार बाबा जी अपने आराम की परवाह किए बगैर मिशन के सन्देश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए दिन-रात कल्याण यात्रायें एवं सत्संग करते रहे।
सद्गुरु माता जी ने मिशन के अनुयायियों का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाआें को संजीद्गी से जीवन में धारण करें। बाबा जी के कथन ‘कुछ भी बनों मुबारक है, पहले बस इन्सान बनो‘ को एक उदाहरण के द्वारा स्पष्ट किया कि एक बेटे ने पिता से पूछा कि पापा, मैं बड़ा होकर क्या बनूं? तो पिता ने कहा कि बस एक नेक इन्सान बनो।
सेवादल रैली:
समागम के दूसरे दिन का आरभ प्रात: सेवादल रैली से हुआ जिसमें निष्काम भाव से सेवा करने वाले संत निरंकारी सेवादल के महिला एवं पुरुष स्वयं सेवकों ने अपनी-अपनीे वर्दी में भाग लिया। रैली में सेवादल स्वयं सेवकों ने ‘दीवार रहित संसार’ के वास्तविक स्वरुप को दर्शाने वाली कृति एवं अपने अभिनय द्वारा संयुक्त प्रस्तुति की। साथ ही साथ शारीरिक व्यायामत था विभिन्न खेल प्रस्तुत किए।
मिशन के गौरवशाली इतिहास को उजागर करते हुए सेवादल सदस्यों ने सन् 1956 में सेवादल की स्थापना से लेकर अब तक जो परिवर्तन आये उसे उन्होंने बहुत ही कलात्मक ढंग से दर्शाया। इस अवसर पर सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने सेवादल के सदस्यों को आशीर्वाद प्रदान किए और याद दिलाया कि सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज सेवादल की वर्दी पहनने पर गर्व महसूस करते थे। ‘‘हमें जो प्राप्त होता है उससे हम जीवित रहते हैं मगर हम जो प्रदान करते हैं उससे हमारा जीवन निर्मित होता है ‘‘ के कथन को दोहराते हुए सद्गुरु माता जी ने सेवादल सदस्यों को प्रेरणा दी और बताया कि उन्होंने सेवादल की वर्दी की गरिमा का ध्यान रखना है और प्रत्येक भक्त का बिना किसी भेदभाव के स मान करना है। मिशन के एक और अंग ‘संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन’ के योगदानों को भी सेवादल रैली में उजागर किया गया। ’विनम्र भाव से सेवा’ की भावना को अपनाते हुए फाउंडेशन के सदस्य निरंतर मानव समाज की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं । फाउंडेशन की आेर से सफाई अभियान, वृक्षारोपण के अलावा रक्तदान करते हुए आत्मियता का वातावरण स्थापित करने की बाबा हरदेव सिंह जी की दूर दृष्टी को सामने रखते हुए विश्व में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, फलस्वरुप अब तक मिशन द्वारा 8 लाख युनिट रक्तदान किये जा चुके हैं।
इसके पूर्व संत निरंकारी मंडल के प्रधान श्री जे. आर.डी.‘ सत्यार्थी’ जी ने सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को याद करते हुए कहा कि उनकी स्मृतियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। हम भाग्यशाली है कि वर्तमान मेें हमें सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की रहनुमाई में आध्यात्मिक मार्ग दर्शन प्राप्त हो रहा है। श्री ‘सत्यार्थी’ जी ने सभी भक्तों की आेर से सद्गुरु माता जी से उनके वचनों पर चलने के लिए आशीर्वादों की कामना की। इस अवसर पर अपने भाव व्यक्त करते हुए संत निरंकारी सेवादल के मेंबर इंचार्ज श्री वी$ डी $नागपाल जी ने कहा कि वर्दी में सेवा करने वाले स्वयं सेवक अपनी निष्काम सेवायें केवल सत्संग एवं समागमों के अवसर पर ही नहीं अपितु अन्यत्र भी आवश्यकता पडऩे पर ये अपनी सेवायें देने के लिए तत्पर रहते हैं । राष्ट्रीय स्तर पर चलाये गए सफाई अभियान, वृक्षारोपण एवं प्राकृतिक आपदाआें के समय सेवादल ने अपने समर्पण एवं अनुशासन पूर्ण सेवाआें से मिशन का नाम रोशन किया है। उन्होंने सद्गुरु माता जी से सेवादल के लिए आशीर्वादों की कामना की।