भारतीय संस्कृत व सभ्यता में श्री राम कथा का वरिष्ट स्थान: साध्वी गरिमा भारती

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री भगवान परशुराम सेना की ओर से श्री रामकथा का आयोजन केशव मंदिर होशियरपुर में किया गया। कथा के प्रथम दिवस में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी ने कहा कि श्री राम जी का चरित्र विश्व संस्कृति में एक उज्जवल एवं सर्वत्र परिव्यात वर्णातीत सत तत्व है। भारतीय संस्कृत एवं सभ्यता में श्री राम कथा का वरिष्ट स्थान है, राम जी के बिना भारतीयता का अस्तित्व एवं उसकी पहचान भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का आधार प्रभु श्री राम है, लेकिन उन्हें हम अपनी बुद्धि के द्वारा कभी समझ ही नहीं सकते।

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शास्त्र कहते है कि बुद्धि, मन, वाणी की एक सीमा होती है और सीमित बुद्धि से असीम को पाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जहां बुद्धि कि सीमा समाप्त होती है, वहीं से तो ज्ञान का परमाव होता है। उन्होंने माता सती के प्रसंग के माध्यम से समझाया कि सती बुद्धि से इंद्रियों से राम जी कि लीला और उनके रहस्य को समझना चाहती थी, पर नाकामयाब हुई। ठीक इसी प्रकार मन, बुद्धि से हम अध्यात्म को समझ नहीं सकते, क्योंकिअध्यात्म का अर्थ होता है आत्मा का अध्य्यन आत्मभूति जो केवल एक गुरु की कृपा से ही हम प्राप्त कर सकते है। मात्र एक पूर्ण गुरु ही हमें संशयों के भवधार से निकाल कर अध्यात्म की डगर पर ले चलते हैं।

कथा में ज्योति प्रज्वलित करने के लिए विशेष रुप में स्वामी सजनानंद, आशुतोष शर्मा प्रधान श्री भगवान परशुराम सेना, सुखविंदर सिंह, एस.एच.ओ. सुनील पराशर, प्रिंस शर्मा, के.सी. शर्मा, सुरिंदर मोहन गुप्ता, अनूप कुमार शर्मा, रमन ढिल्लों, हरीश कुमार, जगदीश मन्हास, रोहित रावल, अजय, जे.के. चड्डा, प्रवीन गुप्ता, अजय शर्मा, सुनील कुमार, अश्विनी शर्मा आदि उपस्थित थे।

आरती में विशेष रुप में साध्वी रुकमणि भारती, साध्वी शिप्रा भारती, साध्वी धर्मा भारती, संजीव शर्मा, अनुराग काली, रत्नेश कुमार, पंकज बेदी और श्री भगवान परशुराम सेना के सभी सदस्य भी मौजूद थे। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से हुआ।

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