होशियारपुर/ टांडा उड़मुड़ (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रिषीपाल। सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल टांड़ा में आज वल्र्ड पर्पल डे मनाया गया। इस संबंध एक विशेष लेक्चर करवाया गया। जिस में समूह स्टाफ को मिर्गी रोग के कारण, लक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर स्कूल डायरेक्टर इंदर कुमार साहनी ने बताया कि मिर्गी भी दूसरे रोगों की तरह ही एक रोग है। समय पर उचित उपचार मिल जाए तो रोगी पूरी तरह ठीक होकर सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा कि इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन के अनुसार दुनियाभर में करीब 5 से 6 करोड़ लोग मिर्गी से पीडि़त हैं। अकेले भारत में ही इनकी संख्या करीब 1 से 2 करोड़ है।
इस बीमारी के लक्षण इस पर निर्भर करते हैं कि मस्तिष्क का कौन-सा भाग इससे प्रभावित हुआ है और यह गड़बड़ी किस तरह से मस्तिष्क के बाकी भागों में फैल रही है। यह लक्षण सभी में अलग हो सकते हैं। इस रोग के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे गिरने से सिर पर गहरी चोट लग जाना, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, डिमेंशिया और अल्जाइमर्स जैसी बीमारियां, संक्रमण जैसे मेनिन्जाइटिस, मस्तिष्क में फोड़ा हो जाना और एड्स। इस के इलावा यह जन्मजात मानसिक समस्याओं के कारण, भावनात्मक दबाव व नींद की कमी तथा अत्यधिक शराब का सेवन कारण भी हो सकता है। अंत में डायरेक्टर साहनी ने समूह स्टाफ को मिर्गी रोगियों की मदद करने तथा अपने स्वास्थ के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया।