होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह की अध्यक्षता में सप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें महात्मा मलकीयत सिंह ने प्रवचन करते हुए कहा कि इस जलते हुए संसार में सिर्फ परमात्मा के सिमरन से ही ठंडक आ सकती है। अगर इस संसार संत महापुरुष न होते तो यह संसार कब का जल कर राख हो चुका होता। इंसान उस माया के लिए ज्यादा समय निकालता है जो साथ जाने वाली नहीं है। जिस लिए इंसान को इस निरंकार परमात्मा ने दुनिया में भेजा है उसके लिए इंसान के लिए समय ही नहीं है। एेसा नहीं है कि इंसान को पत्ता नहीं कि माया खत्म हो जाने वाली है पर फिर भी माया के पीछे दौड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी दिखाई दे रहा है वह सब कुछ समाप्त होने वाला है।
दुनिया की सभी धन दौलतें बेकार है लेकिन सबसे बड़ा धन सब्र शुक्र का है। जिसके पास सब्र और शुक्र का धन है वह दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि अगर इंसान झुकना सीख ले तो वह हर चीज प्राप्त कर सकता है। लेकिन इंसान झुकना ही नहीं चाहता। और चाहता है कि बिना झुके ही सब कुछ प्राप्त हो जाए। आज का इंसान किसी को सुखी देकर दुखी हो रहा है। इंसान की परेशानी का सबसे बड़ा कारण ही यही है। लेकिन गुरसिख का जीवन इस तरह का नहीं होता।
वह सारी दुनिया के लिए सुख की कामना करता है। वह किसी को सुखी देकर दुखी नहीं होता बल्कि खुश होता है। किसी के दुख को अपना दुख समझता है। यदि यही भावना हर इंसान में आ जाए तो आज का इंसान सुखी हो सकता है।