भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय: आचार्य सुशील

       भगवान गणेश जी के बीज मंत्र के साथ श्री महागणेश पुरान कथा का शुभारंभ

Advertisements

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: पुष्पिंदर। बीरबल नगर होशियारपुर में आयोजित किए श्री महागणेश पुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आज वीरवार को प्रथम दिन श्रीधाम वंृदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य सुशील जी महाराज ने अपनी ओजमयी वाणी से श्री गणेश पुराण के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या करते हुए कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने भगवान गणेश जी के प्रसंग की शुरुआत उनके स्वरुप, अग्र पूजा का अधिकार के बारे में बताकर की। कथावाचक जी ने गणेश जी के बीज मंत्र पर भी प्रकाश डालते हुए तुरंत लाभ और कार्य सिद्धि के लिए एकाक्षरीय मंत्र बताया।

कथाव्यास जी ने भगवान गणेश के पार्थिव शरीर की प्रतिमाओं का भी उल्लेख करते बताया कि भक्त अपनी भावनाओं के अनुसार मिट्टी, बालू, फल, सुपारी एवं जल के पात्र में प्रतिमाएं बनाते हैं। ऐसी प्रतिमाओं का लंबे समय तक पूजन करने पर जिस फल की प्राप्ति होती है उससे कई गुना अधिक फल की प्राप्ति हल्दी के गणेश बनाकर पूजन करने से होती है। भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय है, अथार्त जो मनुष्य गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश की दूर्वा की माला बनाकर पहनते हैं, उनके कुल की वृद्धि और समृद्धि बढ़ती है। आज की कथा में भगवान आदि गणेश से हुई सृष्टि का विस्तृत रुप से वर्णन किया। भक्तों ने भगवान गणेश जी की मधुरमयी झांकी का दर्शन किया और भजनों का झूमकर आनंद लिया।

गौतम नगर से पंडित श्याम आचार्य शास्त्री, बनवारी लाल काबरा, कमला काबरा, वार्ड पार्षद नीति तलवाड़, संजीव तलवाड़ विशेष तौर पर शामिल हुए। भूतगिरि शिव मंदिर, विकास समिति ऊना रोड, उडान फाउंडेशन व गायत्री गऊ सेवा समिति के सहयोग से आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में रोजाना 17 अप्रैल तक सांय 3 से 7 बजे तक कथा आयोजित की जाएगी।

16 अप्रैल को व्यास विदाई व 17 अप्रैल को हवन यज्ञ, कीर्तन व भण्डारा आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर अरविंद वर्मा, सुशील, सुधीर, संजय, गगन, शंभु दत्त, अश्विनी, संजय शर्मा, सतीश पुरी, पप्पू ठेकेदार, सुनील बग्गा, पलक शर्मा, खुशी शर्मा, गौरी शर्मा, ईशा शर्मा, गोबिंद, रामू, रघुबीर सिंह बेदी, दिलबाग सिद्धू, प्रो. तरसेम महाजन, कमला कालरा, सुनीता शर्मा, शकुंतला सहित अन्य भक्तजन शामिल थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here