भगवान के हर अवतार के पीछे छिपा होता है उद्देश्य: वृंदावन दास

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: पुष्पिंदर। गोबिंद गोधाम गौशाला आदमवाल रोड, नजदीक कुष्ट आश्रम होशियारपुर में श्री मद्भागवत कथा का शुभारंभ कथा व्यास स्वामी वृंदावन दास जी महाराज जी ने कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों के देव या स्वयं भगवान के रुप में चित्रित किया गया है।

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भगवान की लीलाओं का वर्णन कर बताया कि भगवान के अवतार व उनकी हर लीला का कुछ न कुछ उद्देश्य जरुर होता है। उन्होंने बताया कि मद्भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है।

सत्संग व कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है, वरना वह इस संसार में आकर मोहमाया के चक्कर में पड़ जाता है, इसीलिए मनुष्य को समय निकालकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अवश्य करें। बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा के लिए प्रेरित करें। कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन में व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय बनाते हैं। इस मौके पर उन्होंने गोबिंद बोलो हरि गोपाल बोलो, तेरे दर पर हूं सांवरे मेरे इत्यादि भजनों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

इस अवसर पर कृष्ण देव महिंदरु, वरिंदर नंदा, राकेश मरवाहा, अशोक सैनी, राजीव नरुला, भूपिंदर, सूरज प्रकाश, शुभ लता, जतिंदर यादव, पाषर्द मोहन लाल पहलवान, जतिंदर गुप्ता, सुरिंदर अरोड़ा, राकेश मनकोटिया, हरीश शर्मा, महिंदर पाल पथरिया, गुलशन नंदा, बावी, राकेश कुमार, विनोद धीमान, मिंटू मुखिया, सुमन व श्यामा आदि उपस्थित थे।

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