बछवाड़ा/बेगूसराय (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: राकेश कुमार। यूं तो बछवाड़ा प्रखंड के लोग अपने कौशल के बल पर समुचे बिहार में अपना प्रभाव दिखाते है। मगर स्थानीय मुद्दे की बात पर यही प्रभाव, आभाव में बदल जाता है। बेगूसराय एवं समस्तीपुर जिले के सीमा पर बसे इस प्रखंड के लोगों को अग्निकांड के समय महज एक दमकल बमुश्किल ही उपलब्ध हो पाता है। अनुमंडल व जिला मुख्यालयों से बछवाडा़ के घटनास्थलों पर दमकल भेजें तो जाते हैं।
मगर यहां पहुंचकर हाथी दांत साबित हो जाता है। लगभग 11 किलोमीटर की परिधि में बसे इस प्रखंड में हर वर्ष सैकड़ों आशियाना, हजारों हैक्टेयर की फसलें व लाखों करोड़ों की संपत्ति जलकर अग्नि की भेंट चढ़ जाती है। होने वाले इन कांडों के समय स्थानीय लोगों द्वारा आनन-फानन में पुलिस थाने अथवा प्रशासनिक अधिकारियों को फोन लगाया जाता है। जहां से घटना स्थलों के लिए दमकल तो रवाना कर दिया जाता है। मगर बीस से तीस किलोमीटर के सफर के बाद घटना स्थल पर पंहुचने से पूर्व ही दम तोड़ देती है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है, और अग्नि कांड लोगों के आशियाने, खेतों की फसलें एवं संपत्तियों को लील लेता है।
कहने को तो समुचे बिहार की तकदीर एवं तस्वीर लिखने वाले बिहार सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह एवं विद्युत विभाग के चेयरमैन पीके राय एवं कर्पूरी ठाकुर को चुनाव हराकर कई विभागों के मंत्री रह चुके रामदेव राय का गृह क्षेत्र है। मगर खुद इनके गांवों तकदीर में प्रभाव की जगह आभाव हीं किस्मत के हिस्से आती है। हर साल लोगों द्वारा यह मांग उठती है कि प्रखंड मुख्यालय पर दमकल की व्यवस्था स्थाई तौर पर की जाए। अश्वासन के बाद भी नतीजा वही ढाक के तीन पात की होती है। वर्ष 2019 में अबतक लगभग 18 अग्निकांड हो चुके हैं।
जहां दमकल तो पहुंची थी मगर तब तक अग्निदेव अपना जौहर दिखा चुके थे। पूर्व जिला पार्षद रामोद कुंवर, सिकंदर कुमार, ओमप्रकाश यादव, सी.पी.आई. के अंचल मंत्री भूषण सिंह ने प्रखंड मुख्यालय पर स्थाई रुप से दमकल की व्यवस्था करने की मांग जिला प्रशासन से की है।