बछवाड़ा/बेगूसराय(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: राकेश कुमार। एक जमाने में पोखर व कुआं खोदवाना शान की बात समझी जाती थी। आग जैसी प्राकृतिक आपदा के समय ये पोखर व कुएं आग बुझाने में सहायक साबित होते थे। लेकिन बढ़ती आबादी, घटती जमीन व तकनीकी विकास ने पोखरों व कुओं के वजूद पर संकट खड़ा कर दिया है। बढ़ती गर्मी, कम बारिश, समय पर उड़ाही किए जाने एवं अतिक्रमण के कारण कुंए या तो सूख रहे हैं या उसे ढक दिया गया हैं। गांव-गांव में कुंए की संख्या घटती जा रही है जिस वजह से कुएं अनुपयोगी साबित हो रहे हैं।
उसका भी लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। चापाकल के अस्तित्व में आ जाने से कुएं का वजूद करीब-करीब समाप्त हो चुका है। कहीं धार्मिक स्थलों पर उसका उपयोग हो रहा है तो कहीं गांवों में अब इसका उपयोग न के बराबर हो रहा है। लेकिन जल स्तर में हो रही लगातार गिरावट के कारण लोगों को अब कुंए की आवश्यकता महसूस होने लगी है इसी क्रम में प्रखंड क्षेत्र के रानी दो पंचायत के बेगमसराय गांव वार्ड नंबर 8 में बुधवार को पानी की समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों ने श्रमदान कर कुंए की साफ सफाई की।
ग्रामीण रामनाथ यादव, अशोक यादव, मन्नू यादव, हरिकिशुन यादव, रामबली यादव, फुलेना यादव, ढोगल यादव, रविंदर यादव, रमाकांत यादव आदि ने बताया कि पुरे गांव में इन दिनों ज्यादा संख्या में हैण्डपम्प खराब पड़े है। जिस कारण कुंए का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा की गांव में अनेक कुंए जर्जर एवं गंदे हो जाने के चलते लोगों को पानी के लिए परेशानी हो रही है। गर्मी में यह कुंए लोगों को राहत पहुंचा सकती है। लेकिन, गंदगी के कारण लोग इन कुओं के पानी का उपयोग बाहर के लिए और पीने के लिए नहीं कर पा रहे।
ग्रामीणों का कहना था कि कई सालों से कई कुओं की साफ-सफाई व मरम्मत नहीं हुई है। जिस कारण समय गुजरने के साथ कुएं में मलबा और गंदापन बढ़ता गया है और कुएं गंदे होते गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कुंए की जर्जर और गंदगी की समस्या को लेकर प्रखंड कार्यालय में कई बार आवेदन देकर साफ़ सफाई और मरम्मत की मांग की है।
लेकिन, कोई पदाधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा। जिस कारण ग्रामीणों ने आपस में बैठक कर फैसला लिया और खुद श्रमदान कर सफाई शुरू कर दी। ग्रामीण मनोज सहनी कहते हैं कि मुख्यमंत्री के द्वारा लगातार यह घोषणा की जा रही है कि गांवों के हर घर को नल का जल मुहैया करवाया जाएगा। मगर यहां नल का जल तो दूर कुंए की मरम्ती एवं उडा़ही की भी जहमत बीडीओ विमल कुमार एवं मनरेगा अधिकारी मिलन कुमार के द्वारा नहीं उठाई गई।