डी.बी.ए. ग्रुप में वकील साहिब ने भेजा धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला मैसेज, सक्रीन शॉट हुआ वायरल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आए दिन सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में नफरत फैलाने वाले कई मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें समाज को बांटने वाले व धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हुई। बावजूद इसके शरारती दीमाग वाले लोग नसीहत लेना जरुरी नहीं समझ रहे। ताजा मामले में जिला बार एसोसिएशन के वाट्सएैप ग्रुप में एक वकील साहिब ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला मैसेज सैंड कर दिया। हालांकि जानकारी अनुसार थोड़े ही समय में उसे डीलीट कर दिया गया, मगर इसी बीच वाट्सएैप पर सक्रीय रहने वाले कुछ अन्य सदस्यों ने उसका सक्रीन शॉट ले लिया और इसके प्रति कड़ा रोष व्यक्त किया। कानून के ज्ञाता द्वारा ऐसा करना सभी को अचंभित कर रहा है।

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पता चला है कि इस मैसेज का कड़ा संज्ञान लेने के लिए कई सदस्य मन बना चुके हैं तथा वे बार में छुट्टियां खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं तथा उनका कहना है कि सभी की सहमति से मैसेज सैंड करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अमल में लाने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा ताकि भविष्य में कोई गलती से भी ऐसा मैसेज सैंड न करे। इस बारे में कुछ वकीलों से बात करने पर उनका कहना है कि जिला बार में सभी सदस्य बिना किसी भेदभाव के मिलजुलकर कार्य करते हैं तथा ऐसे में एक व्यक्ति द्वारा की गई गलती से सभी सदस्यों में गलत फहमी पैदा हो सकती है तथा उनमें नफरत का बीज पैदा हो ऐसा वे होने नहीं देंगे तथा धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला मैसेज भेजने वाले के खिलाफ कार्रवाई व उसका लाइसेंस रद्द करने की जिला बार एसोसिएशन से मांग करेंगे।

इस संबंधी बात करने पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धरमिंदर सिंह जज का कहना है कि मामला उनके ध्यान में नहीं है तथा अगर ऐसा हुआ है तो यह बहुत गलत बात है। समाज में सौहार्द बनाए रखना हमारा फर्ज है, नफरत फैलाने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंधी जानकारी हासिल करने उपरांत ही कुछ कह पाएंगे।

जब से सोशल मीडिया एक्टिव हुआ है तभी से लोगों के लिए यह अपने दिल के भावों के साथ-साथ अपनी धार्मिक व सामाजिक भावनाओं को प्रकट करके का आसान साधन बन चुका है। लेकिन प्लेटफार्म जहां लोगों के लिए अपनी बात रखने का माध्यम बना है वहीं समाज में नफरत फैलाने वाले शरारती तत्वों के लिए तो जैसे यह वरदान साबित हो रहा है, जिसके कारण अब यह जरुरत महसूस की जाने लगी है कि इस पर रोक लगाई जाए और कई संगठन इसकी मांग भी करने लगे हैं। सामाजिक चिंतकों का भी मानना है कि सोशल मीडिया पर बढ़ते दुरप्रचार के कारण इस पर रोक लगाया जाना समाज व देश हित में होगा, क्योंकि अनपढ़ अगर कोई गलती करे तो समझा जा सकता है कि अनजाने में गलती हुई होगी, मगर जब कोई पढ़ालिखा समाज में अराजकता फैलाने वाले या धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला मैसेज करे तो इसे सोची समझी शरारत कहा जा सकता है।

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