जनसेवा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की सेवा भी कर रही है भाविप: राजिंदर मोदगिल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद ने परिषद का स्थापना दिवस कुष्ट आश्रम में मनाया। इस मौके पर प्रधान राजिंदर मोदगिल की अगुवाई में परिषद सदस्यों ने कुष्ट आश्रम में मिठाई बांटकर सभी का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रांतीय कनवीनर (आई. डोनेशन) एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा विशेष तौर से उपस्थित हुए। इस मौके पर संजीव अरोड़ा ने बताया कि 10 जुलाई 1963 को डा. सूरज प्रकाश ने दिल्ली में परिषद की स्थापना की थी और जनसेवा एवं पर्यावरण सेवा ही इसका एकमात्र उद्देश्य है।

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-भाविप ने कुष्ट आश्रम में मनाया स्थापना दिवस

उन्होंने कहा कि होशियारपुर में परिषद से जुड़ा प्रत्येक सदस्य पूरी तरह से निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों को कर रहा है तथा इसमें जनता का भी भरपूर सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि परिषद के पांच सूत्र जहां समाज एवं देश को एकसूत्र में बांधने के लिए कार्य करते रहने की हमें प्रेरणा करते हैं वहीं इसके माध्यम से जरुरतमंद लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का पुण्य कार्य भी संपन्न हो पा रहा है।

इस अवसर पर प्रधान राजिंदर मोदगिल ने बताया कि डा. सूरज प्रकाश ने अपना सारा जीवन जरुरतमंद लोगों को समर्पित किया और समाज में यह पौधा पेड़ बनकर जनता की सेवा में तत्पर रहे इसके लिए भाविप की स्थापना की। आज पूरे विश्व में भाविप सदस्य जनसेवा कार्यों से भारतीय संस्कृति को स्थापित करने में अपना योगदान डाल रहे हैं। क्योंकि, हमारे शास्त्र भी हमें मानवता एवं पर्यावरण की शिक्षा प्रदान करते हैं तथा हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी पहचान भी यही है।

उन्होंने सभी सदस्यों का कुष्ट आश्रम में पहुंचकर पूजा अर्चना करने व वहां पर रहने वालों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धन्यवाद किया। इस मौके पर वरिंदर चोपड़ा, एच.के. नकड़ा, दविंदर अरोड़ा, शाम नागपाल, मास्टर गुरप्रीत सिंह, रविंदर भाटिया, रिक्की सेतिया आदि मौजूद थे।

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