जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज 2 अगस्त को यात्रियों और पर्यटकों के चौंका देने वाली एडवाइजरी जारी की है तो वहीं राज्य के लोगों में इस निर्देश के जारी होने से आतंक का ख़ौफ दिख रहा है। दूसरी तरफ राज्य के नेता लोग 370 व 35ए के संबध में चर्चाओं में लीन हैं। कश्मीर की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की टुकडिय़ों को कश्मीर भेजा है। आम जनता से अधिक ख़ौफ नेताओं में देखा जा रहा है। वार्षिक यात्रा में शामिल यात्री व पर्यटकों को सरकार के निर्देश की सूचना मिलते ही उन्होंने अपने कदम पीछे खींचना शुरू कर दिए है। 15 अगस्त तक चलने वाली वार्षिक यात्रा में शामिल अमरनाथ यात्रियों और जम्मू-कश्मीर में सैर सपाटा करने गए अन्य राज्यों के लोगों को कश्मीर घाटी में आतंकी हमले के इनपुट के मद्देनजर एक एडवाइजरी जारी कर वापस लौटने का निर्देश जारी किया गया है।
सरकार ने एक लिखित पत्र जारी कर पर्यटकों व अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने का आदेश दिया है। पहले भोले के प्यारे 15 अगस्त तक भोले बाबा के दर्शन करते थे। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस अप्रत्याशित आदेश से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों पर गंभीर आतंकी हमले की वास्तविक आशंका प्रतीत हो रही है, लेकिन इस आदेश से घाटी में फिलहाल व्याप्त भय के माहौल से निजात नहीं मिलने वाली है। ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, आपको क्या लगता है कि आधिकारिक आदेश देखने के बाद पर्यटकों को जितनी जल्दी हो सके घाटी से नहीं निकल जाना चाहेंगे? इस आदेश को देखने के बाद यहां कौन रुकना चाहेगा। यहां से जाने वाले लोगों की वजह से एयरपोर्ट और हाइवे जाम हो जाएंगे।
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर सरकार के ताजा आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर पिपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैजल ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को घाटी में आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए वापस लौटने की सलाह दी है। क्या सरकार घाटी में रह रहे लोगों के लिए भी इस तरह की कोई एडवाइजरी जारी करने पर विचार कर रही है? शाह फैजल ने आगे लिखा कि क्या कश्मीर के लोगों को भी कहीं दूसरी जगह चले जाना चाहिए या फिर हमारी जान की कोई कीमत नहीं है।