धान की पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए जिला प्रशासन वचनबद्ध: जिलाधीश

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जिले को पराली जलाने से मुक्त करने के उद्देश्य से कृषि विभाग ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में पहले पढ़ाव के अंतर्गत किसानों को 300 से अधिक कृषि मशीने /यंत्र मुहैया करवाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान शुरु कर दिया है। लगभग 3.5 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ मुहैया करवाए जा रहे यह कृषि यंत्र फसल के अवशेषों को खेतों में ही बहाने के लिए सहायक होंगे। जिलाधीश ईशा कालिया ने बताया कि किसानों को कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत से ले कर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है जिसके अंतर्गत सहकारी सभाएं व किसान ग्रुपों को 80 प्रतिशत जबकि किसानों को व्यक्तिगत रूप में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से किसानों को आला दर्जे की कृषि मशीनरी मुहैया करवाई जाएगी, जिसमें सुपर एस.एम.एस., हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चौपर /शरैडर /मलचर, हाइड्रोलिक रिवरसीबल मोल्ड बोर्ड पलोअ व जीरो टिल ड्रिल मशीने शामिल है।

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– कहा, जिले में किसानों को उपलब्ध करवाई जाएंगी 300 से अधिक कृषि मशीने

जिलाधीश ने बताया कि सब्सिडी पर मशीनरी लेने के लिए किसानों व किसान ग्रुपों व प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं से अब तक लगभग 162 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि पहले पढ़ाव के अंतर्गत व्यक्तिगत तौर पर प्रार्थना पत्र देने वाले किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर 68 मशीने दी जा रही जबकि 94 किसानों ग्रुपोंं /सहकारी सभाओं को फार्म मशीनरी बैंक बना कर कस्टम हायरिंग सैंटर के तौर पर प्रयोग के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी पर 231 मशीने मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को अपेक्षित मशीनरी मुहैया करवाने के लिए कृषि विभाग 15 सितंबर, 2019 से पहले किसानों तक मशीनरी पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

– पहले पढ़ाव में 3.5 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ मिलेंगी मशीने

मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने कहा कि किसानों को धान की पराली जलाने के बुरे प्रभावों के बारे में परिचित करवाने के लिए सूचना, शिक्षा व संचार के बारे में गतिविधियां भी आरंभ हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्रशिक्षण देने साथ-साथ फसल के अवशेष को खेतों में ही प्रबंधन के लिए यंत्रों की प्रदर्शनी करना है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से किसानों को सब्सिडी पर दी जा रही खेती मशीनरी के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने की अपील की है ताकि पराली जलाने के रुझान पर लगाम लगाई जा सके व लोगों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ प्रदेश के वातावरण को भी बचाया जा सके।

– 15 सितंबर तक मशीनरी किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा

बताते चलें कि वर्ष 2018-19 दौरान भी धान की पराली के निपटारे के लिए सब्सिडी पर 246 खेती मशीनों दी थी जिनमें किसानों को व्यक्तिगत रूप में 50 प्रतिशत सब्सिडी पर 110 मशीने जबकि सहकारी सभाओं व किसान ग्रुपों को 80 प्रतिशत सब्सिडी पर 136 मशीनों मुहैया करवाई गई थी। वर्णनीय है कि जिले में लगभग 55,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल धान की काश्त के अंतर्गत है। धान की कटाई के बाद खेतों में धान की 22,0000 मिलियन टन पराली होने की आशा है जिसको किसानों द्वारा रबी की अगली फसल से पहले निपटाया जाना है।

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