बाढ़ राहत में पंजाब को नजरअंदाज करके केन्द्र सरकार साफ तौर पर कर रही पक्षपात: तिवारी

गढ़शंकर (द स्टैलर न्यूज़)। सीनियर कांग्रेसी नेता और श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार की देशभर में बाढ़ के चलते हुए नुकसान आंकलन करने सम्बन्धी फैसला लेते वक्त पंजाब को नजरअंदाज करने पर निंदा की है।

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तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिन 11 राज्यों का दौरा करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है, उनमें पंजाब को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के चलते पंजाब को भारी नुकसान हुआ है और ज्यादातर इलाकों में से अब तक पानी भी नहीं निकला है।

तिवारी ने कहा कि यह बहुत हैरानीजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनडीए सरकार, जिसका शिरोमणि अकाली दल एक हिस्सा है, ने हमेशा से पंजाब के हितों को नजरअंदाज किया है और ऐसा ही एक बार फिर से किया गया है। उन्हें इस बात पर भी हैरानी हो रही है कि क्यों अकाली नेतृत्व अभी तक चुप्पी धारण किए हुए है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के चलते भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जानबूझकर उसके साथ पक्षपात कर रही है। नहीं तो, ऐसा कोई कारण नहीं था कि पंजाब को केंद्रीय मंत्रियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से जानबूझकर बाहर रखा गया। जिसके लिए कोई तर्क नहीं दिया जा सकता।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी और डा. मनमोहन सिंह उसके प्रधानमंत्री थे, तो पंजाब में अकाली सरकार होने के बावजूद राज्य के साथ किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया जाता था। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जब भी केंद्र से कुछ मांगते थे, उन्हें उदारतापूर्ण उसकी पूर्ति की जाती थी। लेकिन अब भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार पंजाब के साथ साफतौर पर पक्षपात कर रही है।

इससे पहले तिवारी गढ़शंकर में एक जनसभा में शामिल हुए, जिसमें अन्यों के अलावा लव कुमार गोल्डी, पंकज कृपाल, पवन कटारिया, हरवेल सैनी, पवन दीवान, आल इंडिया जाट महासभा पंजाब महासचिव अजायब सिंह बोपाराय, ओवीसी सैल कांग्रेस पंजाब वाईस चैयरमेन राकेश कुमार, सुनील चौहान, चौधरी हरबंस लाल, दर्शन लाल सरपंच, अश्वनी कुमार सरपंच, ठाकुर किशन देव और गुरदास सैला, सरपंच रौशन लाल, संदीप राणा, ठाकुर वरिद्र सिंह, सरपंच कमल कटारिया भी मौजूद रहे। उन्होंने हैबोवाल, कोट, चक्क सिंघा, गग्घों गुरू, दाधा कलां और कुकरां सहित अलग-अलग गांवों का दौरा भी किया।

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