पर्यावरण संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन की पहल, पालीथिन पर भारी पड़ेंगे अब कपड़े के थैले: ए.डी.सी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। पर्यावरण सरंक्षण के लिए जिला प्रशासन हमेशा तत्पर है और पालीथिन बैग को पूर्णरु प से रोकने के लिए लगातार प्रयास जारी है। इसी कड़ी के अंतर्गत प्रशासन की ओर से सैल्फ हैल्प ग्रुपों के माध्यम से कपड़े के बैग बनाकर उसे प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य शुरु किया गया है। यह विचार अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर(विकास) श्रीमती अमृत सिंह ने आज पत्रकार वार्ता के दौरान रखे। उन्होंने कहा कि पंजाब स्टेट रु रल लाइवलीहुड मिशन के अंतर्गत तलवाड़ा के गांव बहविधियां में पायलेट प्रोजैक्ट के अंतर्गत 9 सैल्फ हैल्प ग्रुप बनाकर गांव की महिलाओं को कपड़े के बैग बनाने का काम दिया गया है। यह कपड़े भी गांव के घरों से लिए जा रहे हैं जिनका प्रयोग नहीं हो रहा है।

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पंजाब स्टेट रु रल लाइवलीहुड मिशन के अंतर्गत गांव बहविधियां में 9 सैल्फ हैल्प ग्रुप में 90 महिलाएं बना रही कपड़े के थैले

उन्होंने कहा कि कम कीमत पर यह थैले लोगों तक पहुंचाए जाएंगे। इस प्रयास से जहां पालीथिन का प्रयोग बंद कर पर्यावरण सरंक्षण के लिए एक विशेष पहल शुरु हुई है वहीं गांव की महिलाओं को सैल्फ हैल्प ग्रुपों के माध्यम से रोजगार भी मिला है।  अतिरिक्त जिलाधीश ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि गांव बहविधियां में 9 सैल्प हैल्प ग्रुपों में 90 महिलाएं बैग बनाने का काम कर रही है और उन्हें घर बैठे ही रोजगार भी मिला है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत आने वाले समय में 16 और गांवों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम होशियारपुर के साथ कपड़े के बैग तैयार करने के लिए भी बातचीत की गई है, ताकि ऐसे बैग शहर के लोगों को भी दिया जा सके, इसके अलावा धीरे-धीरे जिले के अन्य नगर कौंसिलों के साथ भी बातचीत की जाएगी और पूरे जिले में सैल्प हैल्प ग्रुपों के माध्यम से लोगों के सहयोग से इस अभियान को और ज्यादा उत्साहित किया जाएगा, ताकि एक स्वच्छ व स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।

अमृत सिंह ने कहा कि प्रशासन की ओर से मिशन तंदुरु स्त व जल शक्ति अभियान के अंतर्गत वातावरण में सुधार लाने, लोगों को पालीथिन कैरी बैग को त्याग कपड़े व जूट के बैग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अत्याधिक पालीथिन के प्रयोग के कारण यह धरती के काफी नीचे पहुंच गया है, जिसके कारण बारिश का पानी धरती की सतह तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय धरती के कम हो रहे जल स्तर के चलते हमारे चिंता की स्थिति उत्पन्न हो रही है और इसे ध्यान में रखते हुए पालीथिन का त्याग करना समय की जरु रत है। इस मौके पर भूषण कुमार, निशांत कुमार, गांव के सरपंच सतनाम सिंह, सैल्प हैल्प ग्रुप की सदस्य पूजा, कुसुम, शिमला देवी, सुनीता देवी भी उपस्थित थी।

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