राष्ट्रीय भाषा हिन्दी के प्रति सम्मान व्यक्त करने पर तर्कसंगत नहीं है गुरदास मान की निंदा: गायक लाडा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। मां बोली पंजाबी एवं राष्ट्र भाषा हिंदी को लेकर सुप्रसिद्ध गायक गुरदास मान द्वारा कहे गए शब्दों के अर्थ का अनर्थ नहीं करना चाहिए तथा न ही इस मामले को किसी राजनीतिक मुद्दे की तरह भडक़ाना चाहिए। यह विचार गायक हरपाल लाडा ने इस विवाद पर अपनी टिप्पणी करते हुए व्यक्त किए। गायक लाडा ने कहा कि विश्व में बहुत सारी भाषाएं हैं और हर भाषा वहां के लोगों के लिए सम्माननीय है। विश्व में कोई न कोई भाषा जहां एक प्रांत या बहुप्रांतीय हो सकती है वहीं हर राष्ट्र की एक राष्ट्रीय भाषा भी होती है।

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इसलिए जिस प्रकार प्रांतीय या मातृ भाषा का सम्मान किया जाना अनिवार्य है उसी प्रकार राष्ट्र भाषा का सम्मान भी हम सभी के लिए गौरव की बात होना चाहिए। इसलिए भाषा को लेकर किसी भी तरह का विवाद तर्कसंगत नहीं है। पूरे विश्व में मां बोली पंजाबी को सम्मान दिलाने वाले गुरदास मान ने अगर अपनी राष्ट्र भाषा के सम्मान की बात कही है तो इसमें किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए और न ही इसे मुद्दा बनाया जाना चाहिए। गायक लाडा ने कहा कि गीतों के माध्यम से संगीतकार, लेखक और गायक मां बोली पंजाबी की सेवा करते आ रहे हैं और हर बात के लिए गायकों को दोषी ठहराना ठीक नहीं है।

क्योंकि, गायक भी इसी समाज का हिस्सा हैं वे किसी दूसरी दुनिया से नहीं आए हैं। उन्होंने गायकों से भी अपील की कि वह भी बोलने से पहले थोड़ा सोच विचार करें ताकि किसी को किसी भी प्रकार से दुख न पहुंचे। लाडा ने कहा कि किसी भी भाषा को लेकर ऐसे विवाद होना सामाजिक भाईचारे को क्षति पहुंचा सकते हैं। इसलिए ऐसे मामलों को हवा देने से बचा जाए।

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