होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। होशियारपुर के चब्बेवाल के नजदीकी गांव बड्डो में रहने वाले रमेश रहल्ली किताबी कहानियों के क्षेत्र में एक नया नाम है लेकिन करीब 30 वर्ष पहले से ही वह कहानियों की दुनियां में दाखिल हो गए थे। लेकिन, कुछेक कारणों के चलते वह कहानी जगत से बहुत दूर हो गए थे।
लेकिन अब उन्होंने एक बार फिर वापिसी लेकर कहानी जगत में अपना नाम बनाया है। द स्टैलर न्यूज़ के साथ हुई विशेष बातचीत में रमेश मे बताया कि टुकड़े-टुकड़े ताजमहल की लिखी गई कहानियां आज से 30 वर्ष पहले लिखी गई थी। रमेश के ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित होने के कारण सीधी-साधी शब्दावली के साथ सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सभ्याचारक, लागू एवं भडक़ाऊ विषयों पर आधारित हैं।
उन्होंने बताया कि बेशक वह समय के हिसाब से नए विषयों पर विरतांत शैली में बयां नहीं कर सके परंतु चोमांचकता तथा कहान रस बनाए रखने के लिए वह कामयाब रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने टुकड़े-टुकड़े ताजमहल पर 13 अध्याय लिखे हैं तथा अभी भी 6 से 7 अध्यायों को बाजार में लाना बाकी है। उन्होंने अपने इलाके के लोगों के साथ मिलकर अपनी किताब टुकड़े-टुकड़े ताजमहल का विमोचन किया तथा कहा कि कहानियों में रोजाना होने वाली गतिविधियों को दाखिल करना आदि आसानी से बयां होने वाली है ताकि जो एक आम नागरिक अपनी दिनचर्या में जिन परिस्थितियों का सामना करता है तो वह इस किताब के माध्यम से उन परिस्थितियों को आसानी से समझ सके।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने रमेश रहल्ली को इस पुस्तक के लिए शुभकामनाएं दी तथा रमेश रहल्ली ने सभी उपस्थिति का धन्यवाद किया। इस अवसर पर सरपंच अमरजीत कौर, गुरजीत सिंह, एडवोकेट सुरिंदर सिंह, महिंदर कौर, राम लुभाया, मनजीत सिंह, महिंदर पाल, लखविंदर सिंह, सोनू, नेहा, रेशम कौर आदि उपस्थित थे।