पर्यावरण को बचाने के लिए पॉलीथिन को न और कपड़े के थैले को कहें हां: संजीव अरोड़ा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने एवं बढऩे से रोकने के लिए पालीथिन को पूर्ण रुप से न करने की आदत हमें अपनानी होगी और कपड़े के थैले को लेकर बाजार में निकलना होगा। अगर हम अब समय रहते ऐसा नहीं करेंगे तो आने वाले समय में पानी, हवा और मिट्टी इतनी प्रदूषित हो जाएगी कि सांस लेना तो दूर पेट भरने के लिए अनाज पैदा करना भी दूभर हो जाएगा तथा इसका खामियाजा हमारी आने वाली पीढिय़ों को भुगतना पड़ेगा।

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यह विचार भारत विकास परिषद के प्रांतीय कनवीनर (पश्चिम पंजाब) प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने कारमलाइट सोशल सर्विसज़ द्वारा जूट व कपड़े के थैलों का लगााए गए स्टाल पर लोगों को कपड़े व जूट के थैलों के प्रयोग के प्रति जागरुक करते हुए व्यक्त किए। संजीव अरोड़ा ने कहा कि पॉलीथिन एक ऐसा जहर है जो तेजी के साथ हमारी धरती को प्रदूषित कर रहा है और लाखों वर्षों तक गलता सड़ता नहीं है।

उन्होंने कहा कि पालीथिन विश्व स्तर पर बड़ी समस्या बनता जा रहा है और हर देश पालीथिन के बढ़ते प्रदूषण व खतरे को कम करने के लिए प्रयासरत है। इसलिए हमारा भी यह फर्ज बनता है कि हम अपनी धरती को बचाने के लिए पालीथिन का प्रयोग न करें। श्री अरोड़ा ने लोगों को कहा कि वह इस गंभीर मुद्दे पर जागरुक हों और दूसरों को भी जागरुक करें।

-कारमलाइट सोशल सर्विसज़ ने जिला प्रशासन के सहयोग से कपड़े के थैलों का स्टाल लगाया

धरती मां के आंचल को साफ सुथरा रखने के लिए हाथ में थैला लेकर चलने में कोई शर्म नहीं है बल्कि ऐसा करने से हमें मान महसूस होगा कि हम अपनी धरती मां को बचाने के लिए कितने जागरुक और सुचेत हैं। इस दौरान संस्था सदस्यों ने स्टाल से थैले भी लिए और दूसरों को भी प्रेरित किया। इस अवसर पर रोटरी क्लब मेन के अध्यक्ष वरिंदर चोपड़ा ने कहा कि कारमलाइट सोसायटी व ऐसी अन्य संस्थाएं जोकि लोगों को पालीथिन का प्रयोग न करने की प्रेरणा करती हैं के कार्य सराहनीय हैं। वरिंदर चोपड़ा ने कहा कि हमें बिना देरी किए पालीथिन का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।

उन्होंने सरकार से भी अपील की कि वह पालीथिन की पैकिंग में आने वाले खाद्य पदार्थों एवं अन्य मटीरियल के लिए इसका विकल्प लागू करे ताकि धरती को पूर्ण तौर से पालीथिन फ्री बनाया जा सके। इस मौके पर राजिंदर मोदगिल, दविंदर अरोड़ा, विजय अरोड़ा, रविंदर भाटिया, विपन शर्मा, संजीव खुराना, वरिंदरजीत सिंह, पवन अरोड़ा, अमरजीत शर्मा, तरसेम मोदगिल, कुलवंत सिंह पसरीचा, राज कुमार मलिक व कुलविंदर सचदेवा आदि ने भी लोगों को जूत व कपड़े के थैले प्रयोग करने का आह्वान किया।

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