धान के अवशेष जलाने के मामले सामने आने पर की जाए कड़ी कार्रवाई: ईशा कालिया

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश ईशा कालिया ने सबंधित अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि जिले में धान की पराली/अवशेष आदि जलाने के मामले सामने आने पर शीघ्र कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गाँव की पंचायतें यहां विशेष तौर पर निगरानी करने, वहीं वातावरण की शुद्धता बनाए रखने के लिए आगे आने, जिससे गाँवों में कोई भी किसान धान की पराली/अवशेष आदि को न जला सकें। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने से पैदा होने वाले धुएं के कारण वातावरण दुषित होता है, जिससे विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं।

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-कहा, पंचायतें विशेष तौर पर करेंगी निगरानी

ईशा कालिया ने तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, कृषि विभाग और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड होशियारपुर को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में पूरी गंभीरता से इस तरफ़ ध्यान दिया जाए। उन्होंने जिला पुलिस को हिदायत देते हुए कहा कि थाना प्रभारियों की तरफ से भी पूरी गंभीरता के साथ निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए धान की पराली/अवशेष आदि को जलाने के मामलों को रोकने के लिए गंभीरता दिखाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में पराली न जलाने के लिए यहां जागरूक किया जा रहा है वहीं इस तरह के मामले सामने आने पर कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में सैक्टर अफसरों के अतिरिक्त कोआर्डीनेटिंग अफ़सर भी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने एस.डी.एमज़ को भी निर्देश देते हुए कहा कि सम्बन्धित सब-डिविजऩ में यह यकीनी बनाया जाए कि किसान धान की पराली को आग न लगाए और ऐसे मामले सामने आने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाए।

– धान की पराली/अवशेष को आग न लगाने वाले गाँवों/किसानों को किया जाएगा सम्मानित

जिलाधीश ने कहा कि किसान धान की पराली न जला कर इसका खेत में ही प्रबंधन करने और प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार की तरफ से आधुनिक खेती मशिनरी/यंत्र सबसिडी पर मुहैया करवाए गए हैं। इसके अतिरिक्त फार्म मशिनरी बैंक भी स्थापित किए गए हैं, जिससे खेती मशिनरी किराए पर भी मुहैया करवाई जा सके। उन्होंने पराली को आग न लगा कर इस का प्रयोग खेतों में ही करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिला प्रसाशन की तरफ से धान की पराली/अवशेष आदि को न जलाने वाले गांवों/किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने किसानों को फसली चक्कर में से निकल कर बदलवीं खेती करने पर भी बल दिया।

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