अवैध माइनिंग: सोते रहे अधिकारी और निर्विघ्न जारी माइनिंग, एक फोन पर छोड़ दी मशीनरी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। “द स्टैलर न्यूज़” की तरफ से लालाजी स्टैलर की राजनीतिक चुटकी के माध्यम से होशियारपुर के नारा-डाडा चो व आसपास के इलाकों में चल रही अवैध माइनिंग को लेकर इशारों ही इशारों में बताई गई जानकारी पर गंभीरता से कार्यवाही करना न तो पुलिस द्वारा उचित समझा गया और न ही माइनिंग विभाग द्वारा कड़ा कदम उठाना जरुरी समझा गया। जिसके चलते पिछले लंबे समय से चली आ रही अवैख माइनिंग का धंधा खबर लगाए जाने के दूसरे दिन भी निर्विघ्न जारी रही। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आज 19 नवंबर को नारा-डाडा चो से धरती का सीना चीरती हुई जे.सी.बी. को उसी प्रकार देखा गया जैसा कि वह लंबे समय से करती आ रही है।

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यह मशीन रुके भी क्यों जब उसे चलाने वाले पता है कि उसकी पीठ पर एक ऐसे नेता का हाथ है जो बैठा तो विपक्ष में है पर उसकी सत्ताधारी सरकार के नेताओं में भी उतनी ही चलती है जितनी उसकी अपनी पार्टी में नहीं चलती। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार करीब दो दिन पहले एक पुलिस अधिकारी ने अवैध माइनिंग पर डंडा चलाते हुए उक्त इलाके से कुछ मशीनरी कब्जे में ली थी। इससे पहले कि साहिब कार्यवाही को अमल में लाते एक ऐसा नेता का फोन उन्हें आ गया कि उन्हें विवश होकर मशीनरी को छोडऩा पड़ा। हालांकि यह सारा कुछ ऑफ द रिकार्ड हुआ, पर कुछेक के कानों में जब यह बात पड़ी तो चर्चा हो गई।

सूत्रों की माने तो कांग्रेसी नेता का करीबी यह भाजपा नेता लंबे समय से माइनिंग से अप्रत्यक्ष रुप से जुडक़र खुब चांदी बटौर रहा है और इसकी गहनता से जांच किए जाने से कई चेहरे बेनकाब होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। द स्टैलर न्यूज़ द्वारा राजनीतिक आशीर्वाद से फल-फूल रहे अवैध माइनिंग के धंधे की खबर प्रमुखता से उठाए जाने के बाद हालांकि नेता जी को थोड़ा सा करंट जरुर लगा, परन्तु कांग्रेसी नेता व उनकी करीबियों से अच्छी सांठ-गांठ के चलते प्रशासनिक कार्यवाही से बेफिक्र उनके इशारे पर धरती सा सीना चीरती मशीने धड़ा-धड़ रेत व मिट्टी उठाने में लगी रहीं और समय रहते अगर कार्यवाही न की गई तो स्थिति नियंत्रण से और बाहर हो जाएगी जैसा कि हो ही रही है। पता चला है कि माइनिंग विभाग की टीम द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए आज टीमें दौड़ाई गईं, पर वे वहां दौड़ा जहां पर माइनिंग को बंद हुए काफी समय हो चुका है और अगर कोई राजनीतिक व अधिकारिक आशीर्वाद से कर भी रहा हो तो वे देर रात को माइनिंग शुरु करता है और दिन चढऩे से पहले रफूचक्कर हो जाता है। दूसरी तरफ दिन रात माइनिंग में लगी मशीनों की सैल्फ रोकने की जहमत नहीं उठाई जा रही। इतना ही नहीं उक्त भाजपा नेता द्वारा बड़े शातीराना तरीके से किसी और का पर्ची पर चल रहा मिट्टी उठाने का कार्य ठप करने के लिए एक अन्य बड़े भाजपा नेता के दरबार में अवैध माइनिंग का मुद्दा उठवा दिया गया और खुद की चांदी दोगुणा बढ़ा ली गई। ऐसे नेता जहां पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं वहीं पार्टी के भीतर गुटबाजी को बढ़ावा देने और नेता व कार्यकर्ताओं को एक दूसरे से दूर करने की पैंतरेबाजी खेलने से परहेज नहीं कर रहे।

जिस कारण लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के पक्ष में मजबूत हुआ होशियारपुर हाथों से फिसलता नजर आने लगा है। सूत्रों की मानें तो सरकार में रहते नेताओं को जहां ऐसे नेताओं से दूरी बनाने की जरुरत है वहीं निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर धरती के चीरहरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने समय की मांग हैं और यह उनके अपने भविष्य के लिए भी हितकारी हो सकता है। हमारा फर्ज था एक बार फिर से जगाना, अब कोई जागे न जागे इसमें हम क्या कर सकते हैं। देखना यह होगा कि पुन: चेताये जाने के बाद संबंधित विभागों द्वारा क्या कमद उठाए जाते हैं और निजी हितों का त्यागकर सत्ताधारी नेताओं का क्या व्यवहार रहता है। या फिर ऐसा कहें कि जो कहता है उसे कहने दो, अपना और अपनों का हित सर्वोपरि रखो, क्योंकि जब सत्ता हमारी है तो फिर डर काहे-का। हमें जो कहना था कह दिया, जय रामजी की।

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